Russia-Ukraine War: जंग में कीव को मिली अहम बढ़त, क्रेमलिन की बढ़ी बेचैनी; नई रणनीति के साथ उतरेंगे जंगबाज!

Russia-Ukraine War: रणनीतिक बढ़त हासिल करते हुए कीव रूसी इलाके कुर्स्क में अपना परचम लहरा चुका है। इससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इस बीच, मास्को एक बार फिर अपने सिपहसालारों को नई रणनीति के साथ जंगबाज़ों को मैदान में उतारने के लिए फरमान जारी कर सकता है।

रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी

मुख्य बातें
  • कुर्स्क में यूक्रेन लहरा रहा परचम।
  • यूक्रेनी आर्टिलरी तेजी से बढ़ रही आगे।
  • नई रणनीति के तहत आगे बढ़ सकता है रूस।



Russia-Ukraine War: रणनीतिक बढ़त हासिल करते हुए कीव रूसी इलाके कुर्स्क में अपना परचम लहरा चुका है, सोशल मीडिया पर छाईं इससे जुड़ी कई वीडियो फुटेज क्रेमलिन के लिए परेशानी का सबब़ बनी हुई है। इस इलाके में यूक्रेनी आर्टिलरी और आर्म्ड डिवीजन काफी तेजी से आगे बढ़ रही है, साथ ही यूक्रेनियन इफैंट्री भी जमीनी हमलों को तेज करने के लिए संसाधनों को झोंकने के लिए तैयार है। मास्को एक बार फिर अपने सिपहसालारों को नई रणनीति के साथ जंगबाज़ों को मैदान में उतारने के लिए फरमान जारी कर सकता है। माना ये भी जा रहा है कि हालातों काबू से बाहर होता देख पुतिन कुछ अप्रत्याशित कदम उठा सकते है।

रूसी इलाके में फैला यूक्रेन का परचम

भले ही सैन्य संसाधनों की पृष्ठभूमि पर मास्को काफी आगे है, लेकिन जंगी मोर्चें पर यूक्रेनी रणनीति और सामरिक कुशलता ने दुनिया को हैरानी में डाला है। इस फेहरिस्त में सबसे पहले यूक्रेनी जांबाज़ों ने साल 2022 के दौरान रूसी हमले को राजधानी कीव में नेस्तनाबूत कर दिया। ठीक अगले साल ही खेरसॉन में यूक्रेन का झंड़ा फहरता दिखा। अब कीव की निशानदेही पर उनकी आर्म्ड डिवीजन रूस की दहलीज लांघते हुए कई किलोमीटर अंदर आ घुसी है। बीते 10 दिनों के दौरान यूक्रेनी सैनिक तेजी से आगे बढ़े हैं, इस बार उन्होंने अस्सी से ज्यादा रूसी बस्तियों और एक हजार किलोमीटर से ज्यादा रूसी इलाके में यूक्रेनी परचम लहरा दिया है। इसी क्रम में यूक्रेनी सैनिकों ने सैकड़ों लोगों को बतौर युद्धबंदी हिरासत में लिया, साथ ही रूसी सुदज़ा शहर को कब्ज़े में लेते हुए वहां पर सैन्य प्रशासन कायम किया।

क्रेमलिन की कमजोरी का फायदा उठाता कीव

क्षेत्रफल के पैमाने पर कीव मास्को के आगे कही भी नहीं टिकता, लेकिन यूक्रेनी सैनिकों ने सीमित संसाधनों और बेहतर प्लानिंग के बूते रूस के बड़े हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया। भले ही कुर्स्क पर किया गया यूक्रेनी हमला सामरिक तौर पर ज्यादा मायने ना रखता हो, लेकिन इससे ये साफ हो जाता है कि भविष्य में कीव आगे की लड़ाई कैसे लड़ेगा और उसके आखिरी दांव में सरप्राइज ऐलीमेंट होगा ही। इसके साथ ही ये भी पुख्ता हो गया है कि क्रेमलिन की रणनीति के कमजोर पक्षों का फायदा उठाना यूक्रेन की नीति का अहम हिस्सा है, जिसके इस्तेमाल से वो बढ़त हासिल करता आया है। रूसी प्रभुत्व की जड़ो में मट्ठा डालने के लिए पश्चिमी ताकतें पिछले दरवाजे से कीव के साथ खड़ी है। पश्चिमी जंगी ताकतों का ये मानना है कि यूक्रेन में रूस का दखल गैरवाज़िब है और हमें इस मामले में नपी-तुली दूरी बनाए रखनी है।

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