#Safe Her: घर से ऑफिस तक महिलाओं की सुरक्षा जरूरी, नियोक्ता करें ये सारे इंतजाम
Women safety tips: ये सुनिश्ति किया जाए कि किसी भी महिला कार्मिकों को तय समय से अधिक काम न करना पड़े। इसके साथ ही कंपनियों को जब महिला काम खत्म करके घर लौट रही तो उसके लिए विश्वसनीय निगरानी वाली परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करना अनिवार्य है ताकि महिला कर्मचारी बिना किसी डर से काम पर आ-जा सकें।
घर से कार्यस्थल तक महिलाओं की सुरक्षा जरूरी।
Women safety tips: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या से लोगों में भारी आक्रोश है। लोग गुनहगार को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। देश भर में डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन हुआ। डॉक्टरों के साथ आम लोग भी सड़कों पर निकले। एक बार फिर से महिला सुरक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठा। कार्यस्थल और सार्वजनिक जगहों पर महिला कैसे सुरक्षित रहें, इस पर एक बार फिर बहस शुरू हुई है। इस जघन्य घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा पर पहले से मौजूद कानूनों, सुरक्षा उपायों एवं दिशा-निर्देशों पर नए सिरे से चर्चा हो रही है।
कार्यस्थल से घर तक महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
यह देखा जा रहा है कि कार्यस्थल तक महिलाओं के आने-जाने में उनकी सुरक्षा में कहीं कोई खामी तो नहीं है। अगर कहीं है तो उसे पुख्ता किया जा रहा है। नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने नए सिरे दिशा-निर्देश जारी किए हैं। खासकर, कार्यस्थल तक महिलाओं के आने-जाने के दौरान उनकी सुरक्षा पूरी तरह से पुख्ता करने पर जोर दिया गया है। उत्तर प्रदेश की तरह ही अन्य राज्य सरकारों को अपने यहां महिला सुरक्षा के इन उपायों को लागू करना चाहिए।
महिलाओं की सुरक्षा पर नए सिरे दिशा-निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश में महिला कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में एसीएस होम दीपक कुमार ने उत्तर प्रदेश के समस्त मंडलायुक्तों, समस्त पुलिस आयुक्त, समस्त जिला मजिस्ट्रेट, समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष पर पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने महिलाओं की कार्यस्थल पर सुरक्षा, रात्रि ड्यूटी में सुरक्षा, आत्मरक्षा, सुरक्षा ऑडिट आदि के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। पत्र में कहा गया है कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि रात में आने जाने के मार्गों को भी सुरक्षित करें।
घर लौटते समय हो निगरानी
रात में ड्यूटी और आवागमन के मार्गों को सुरिक्षत करना बहुत जरूरी है। इसके लिए रात में ड्यूटी का समय नियत करना होगा। उन्होंने ये भी आदेश दिया कि ये सुनिश्ति किया जाए कि किसी भी महिला कार्मिकों को तय समय से अधिक काम न करना पड़े। इसके साथ ही कंपनियों को जब महिला काम खत्म करके घर लौट रही तो उसके लिए विश्वसनीय निगरानी वाली परिवहन सेवाओं की व्यवस्था करना अनिवार्य है ताकि महिला कर्मचारी बिना किसी डर से काम पर आ-जा सकें।
ड्रॉप ऑफ प्वाइंट चिन्हित किये जाएं
परिवहन निगम की बसों तथा प्राइवेट टैक्सी वाहनों के लिए ऐसे ड्रॉप ऑफ प्वाइंट चिन्हित किये जाएं, जहां पर लाइट की व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे लगे हों। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि रात में महिलाओं के आवागमन से संबंधित सभी कार्यस्थल कॉल सेंटर, स्वास्थ्य संस्थानों, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टॉरेंट, रेलवे, बस स्टेशन आदि की समस्त जनपदों में थानावार सूची बना ली जाए। इनमें आने जाने वाले महिला कर्मचारियों के संबंध में रात के समय में उनकी लोकेशन को चिन्हित किया जा सकेगा।
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