क्या अखिलेश बिगाड़ेंगे विपक्ष का खेल? जम्मू-कश्मीर चुनाव में सपा की एंट्री के साइड इफेक्ट समझिए

Jammu Kashmir: क्या अखिलेश यादव के एक फैसले से विपक्षी दलों के गठबंधन का खेल बिगड़ने वाला है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की एंट्री हो चुकी है। सपा के इस कदम से विपक्ष का समीकरण कितना बदलेगा, किसे फायदा होगा और किसका नुकसान...?

उमर अब्दुल्ला, राहुल गांधी, अखिलेश यादव।

Samajwadi Party Plan for Elections: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की एंट्री हो चुकी है, ऐसे में अब अखिलेश की पार्टी किसका खेल बिगाड़ेगी? क्या विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) में दरार पड़ने वाली है? इस तरह के तमाम सवाल उस वक्त से उठने शुरू हो गए, जब सपा की एंट्री जम्मू-कश्मीर चुनाव में हुई। आखिर अखिलेश यादव को ऐसा फैसला क्यों, लेना पड़ा जिससे विपक्षी एकता के दावे खोखले साबित होने लगे। आपको सारा गुणा-गणित समझाते हैं।

किसे फायदा होगा और किसका नुकसान?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में आखिरी मौके पर समाजवादी पार्टी ने अपनी एंट्री की घोषणा की है। नामांकन दाखिल होने से और नामांकन पत्रों की जांच पूरी होने के बाद पार्टी ने रविवार शाम बताया कि उसने अपने 20 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में 20 सीटें बहुत मायने रखती हैं। सवाल उठता है कि इस बदले समीकरण से किसे फायदा होगा और किसका नुकसान होगा।

विपक्षी दलों की एकता में पड़ रही हैं दरारें

यह तो तय है कि समाजवादी पार्टी कहीं से भी भाजपा के वोट बैंक में सेंध नहीं लगा सकती है। ऐसे में 'इंडिया' ब्लॉक में शामिल अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी की जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) उम्मीदवारों के खिलाफ मैदान में उतरने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषक इसे 'इंडिया' ब्लॉक में दरार बढ़ने का परिणाम बता रहे हैं। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए एक साथ आये विपक्षी दलों के गठबंधन का विधानसभा चुनावों में कोई उद्देश्य ही नहीं बचा है। ऐसे में उनका बिखरना तय है, और यह धरातल पर नजर भी आ रहा है। एक तरफ जम्मू-कश्मीर में समाजवादी पार्टी ने गुपचुप अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिये तो दूसरी तरफ हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच बात नहीं बन पाई।
End Of Feed