सपा में उम्मीदवारों की बहार! इन 8 सीटों पर बदल दिए प्रत्याशी, पसोपेश में क्यों हैं अखिलेश?

Loksabha Election 2024 : यूपी में सपा इंडी गठबंधन का हिस्सा है। इस गठबंधन के तहत वह लोकसभा की 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आई हैं। उम्मीदवार तय करने और टिकट बंटवारे में सपा ने काफी तेजी दिखाई।

akhilesh yadav

यूपी में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को है।

Loksabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में राजनीति के अजीबो-गरीब रंग-ढंग देखने को मिल रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा असमंजस समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में देखने को मिल रहा है। कांग्रेस का हाल तो यह है कि वह सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का चयन नहीं कर पा रही है तो सपा के पास उम्मीदवारों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वह एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार अपने उम्मीदवार बदल दे रही है। इससे सपा से टिकट पाने वाले नामांकन दाखिल करने के समय तक दुविधा में हैं कि कहीं अंत समय में उनका टिकट न कट जाए।

यूपी में 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही सपा

यूपी में सपा इंडी गठबंधन का हिस्सा है। इस गठबंधन के तहत वह लोकसभा की 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आई हैं। उम्मीदवार तय करने और टिकट बंटवारे में सपा ने काफी तेजी दिखाई। यूपी के लिए सबसे पहले उसने अपने उम्मीदवार घोषित किए लेकिन अब अखिलेश यादव इन उम्मीदवारों को बदल रहे हैं। अब तक आठ सीटों पर उन्होंने प्रत्याशियों को बदल दिया है। कुछ सीटें ऐसी हैं जहां उम्मीदवार तीन बार बदले गए हैं। मेरठ, बागपत, गौतमबुद्धनगर, बदायूं, मिश्रिख, मुरादाबाद, संबल और मध्य प्रदेश के खजुराहो में सपा अध्यक्ष ने प्रत्याशी बदले हैं। रामपुर सीट पर भी प्रत्याशी को लेकर खींचतान दिखी।

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मेरठ
बागपत
गौतमबुद्धनगर
बदायूं
मिश्रिख
मुरादाबाद
संबल
खजुराहो
मेरठ सीट से अतुल प्रधान का टिकट कटा

सपा ने मेरठ से पहले भानु प्रताप को टिकट दिया। फिर इनका टिकट काटकर यहां से अतुल प्रधान को अपना उम्मीदवार बनाया। अतुल ने तो पर्चा भी दाखिल कर दिया था। फिर इनका टिकट कट गया। अब यहां से सपा ने योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को टिकट दिया है। बागपत सीट पर भी सपा ने प्रत्याशी बदले। पहले यहां मनोज चौधरी को टिकट मिला था फिर इनका टिकट काटकर अमरपाल शर्मा को टिकट दिया गया। इसी तरह गौतमबुद्धनगर पर सपा का प्रत्याशी बदला। पहले इस सीट पर महेंद्र नागर को टिकट मिला। नागर का टिकट काटकर राहुल अवाना उम्मीदवार बनाए गए। फिर अवाना का टिकट काटकर सपा ने फिर से नागर पर भरोसा जताया।

बदायूं सीट पर भी असमंजस

बंदायू सीट को लेकर भी सपा में काफी असमंजस देखने को मिल रहा है। इस सीट को लेकर सपा अध्यक्ष पसोपेश में चल रहे हैं। सपा उम्मीदवारों की पहली सूची में बदायूं का नाम था। इस सीट से धर्मेंद्र यादव उम्मीदवार बनाए गए थे लेकिन बाद में इनकी जगह शिवपाल यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। अब सुनने में आ रहा है कि इस सीट से शिवपाल नहीं बल्कि उनके बेटे आदित्य यादव चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, आदित्य के नाम की अभी घोषणा नहीं हुई है।

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बिजनौर सीट पर प्रत्याशी बदला

यही नहीं मिश्रिख सीट पर भी सपा ने उम्मीदवार बदला। पहले इस सीट से मनोज कुमार राजवंशी को टिकट मिला। 16 मार्च को उनके बेटे रोजवंशी उम्मीदवार बने। अब मनोज की पत्नी संगीत उम्मीदवार हैं। बिजनौर सीट से पहले यशवीर सिंह को टिकट मिला लेकिन 24 मार्च को इनका टिकट काटकर दीपक सैनी को दे दिया गया। सपा ने मुरादाबाद सीट से पहले एसटी हसन को टिकट दिया। हसन ने पर्चा भी भर दिया लेकिन 27 मार्च को रुचि वीरा ने नामांकन भर दिया।

आखिर क्या है सपा की रणनीति?

प्रत्याशियों के बदलने के पीछे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की क्या रणनीति है, इसके बारे में तो वही बता सकते हैं लेकिन जानकार मानते हैं कि पार्टी में बगावत और सीटों पर बनते-बिगड़ते समीकरण की वजह से अखिलेश यादव इस तरह के फैसले लेने के लिए बाध्य हो रहे होंगे। सपा में जिस तरह से प्रत्याशी बदले जा रहे हैं उसे लेकर उम्मीदवारों भी नामांकन दाखिल करने तक पसोपेश में हैं। उन्हें अंतिम समय तक डर सता रहा है कि कहीं उनका टिकट न कट जाए। बहरहाल, यूपी में पहले चरण के चुनाव वाले सपा प्रत्याशियों को अब डरने की जरूरत नहीं है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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