Modi vs Kharge: अग्निपथ योजना पर कौन झूठा, कौन सच्चा? पीएम मोदी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग; समझें विवाद

Agniveer Yojana: सियासत में इन दिनों अग्निवीर योजना सबसे हॉट टॉपिक बना हुआ है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पीएम मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। अब सवाल ये उठ रहा है कि अग्निपथ पर कौन झूठ बोल रहा और कौन सच? आपको सारा विवाद समझाते हैं।

Modi vs Kharge Agniveer Yojana

अग्निपथ योजना पर जारी है विवाद।

What is Agnipath Yojana: बीते लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। कई नेताओं ने ये तक दावा किया था कि यदि INDIA गठबंधन की सरकार बनती है तो इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा। लगातार ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार ने युवाओं के साथ इस योजना के जरिए धोखा किया है। सड़क से लेकर सदन तक अग्निवीर योजना पर विपक्षी नेता बवाल काटे हुए हैं। एक ओर प्रधानमंत्री मोदी विपक्षी नेताओं पर संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने पीएम मोदी को झूठा करार दे रहे हैं। आपको बताते हैं कि ये मामला इतना गरमाया हुआ क्यों है।

क्या है अग्निवीर योजना को लेकर विवाद की वजह?

रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) ने साल 2022 में सैन्य मामलों से जुड़ी एक योजना की घोषणा की थी। सशस्त्र बलों का हिस्सा बनने के लिए इच्छुक ऐसे युवा जिनकी उम्र साढ़े 17 से 21 वर्ष है, उन्हें इसके तहत कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। परीक्षा, फिजिकल और मेडिकल फिटनेस के तहत जिन अभ्यर्थियों का चयन होगा, चार साल के लिए उनकी भर्ती होगी, इन्हें अग्रिवीर के नाम से जाना जाएगा। चार साल का समय पूरा होने के बाद योग्यता और काम के आधार पर 25% अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित किया जाएगा। यानी चार साल बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर किया जाएगा। दरअसल, यही है असल विवाद की जड़।

कैसे विपक्षी दलों ने अग्निवीर स्कीम को बनाया मुद्दा?

उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के युवाओं में सेना में भर्ती होने के लिए भारी जोश देखने को मिलता है। यही वजह है कि अग्निवीर योजना की घोषणा के बाद यूपी-बिहार और राजस्थान में युवाओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, रेल की पटरियों पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुए। उस वक्त कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दलों, समाजवादी पार्टी, आरजेडी ने इस मुद्दे को पकड़ लिया। लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी, बिहार और राजस्थान में इन पार्टियों के नेताओं ने इन मुद्दे को बड़े जोर-शोर से उठाया, जिसका असर नतीजों में दिखा। यूपी में भाजपा को भारी झटका लगा, बिहार और राजस्थान में भी नुकसान झेलना पड़ा। अब पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है और संवेदनशील विषय पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

पीएम मोदी ने लगाया राजनीति करने का आरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया और विपक्ष पर सशस्त्र बलों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य से शुरु की गई इस भर्ती प्रक्रिया पर राजनीति करने का आरोप लगाया। मोदी ने करगिल युद्ध में जीत की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां आयोजित करगिल विजय दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, 'अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाकर रखना है।'

उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस तरह के संवेदनशील मुद्दे को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है। कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, 'दशकों से संसद और विभिन्न समितियों में सशस्त्र बलों को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है। भारतीय सैनिकों की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक होना चिंता का विषय रहा है।' उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को कई समितियों में वर्षों तक उठाया गया लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा की इस चुनौती को हल करने की इच्छाशक्ति पहले नहीं दिखाई गई। उन्होंने कहा, 'देश ने अग्निपथ योजना के माध्यम से इस चिंता का समाधान किया है।'

किसने किया भारतीय सेनाओं को कमजोर?

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, 'ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया। ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि वायुसेना को कभी आधुनिक फाइटर जेट ना मिल पाएं। ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी।' प्रधानमंत्री ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई। मुझे ऐसे लोगों की सोच पर शर्म आती है लेकिन ऐसे लोगों से पूछा जाना चाहिए, जरा कोई मुझे बताये आज मोदी के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्‍या आज ही उसको पेंशन देनी है?'

पीएम मोदी ने कहा, 'उसको पेंशन देने की नौबत 30 साल के बाद आएगी। और तब तो मोदी 105 साल का हो गया होगा और तब भी क्‍या मोदी की सरकार होगी? क्‍या मोदी जब 105 साल का होगा? 30 साल के बाद जब पेंशन बनेगी, उसके लिए ये मोदी ऐसा राजनीतिज्ञ है जो आज गाली खाएगा?' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए दल नहीं बल्कि देश सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, 'आज गर्व से कहना चाहता हूं सेनाओं द्वारा लिए गए फैसले का हमने सम्‍मान किया है। हम राजनीति के लिए नहीं राष्‍ट्रनीति के लिए काम करते हैं। हमारे लिए राष्‍ट्र की सुरक्षा सर्वोपरि है। हमारे लिए 140 करोड़ की शांति, ये सबसे पहले है।'

'विपक्ष को सैनिकों की कोई परवाह नहीं थी'

एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनका इतिहास साक्षी है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं थी। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने एक मामूली रकम 500 करोड़ रुपए दिखा-दिखाकर ‘वन रैंक, वन पेंशन’ पर झूठ बोला था। उन्होंने कहा, 'ये हमारी सरकार है जिसने वन रैंक, वन पेंशन लागू किया। पूर्व सैनिकों को सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं। कहां 500 करोड़ और कहां सवा लाख करोड़ ! इतना झूठ और देश के जवानों की आंखों में धूल झोंकने का पाप ! ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के सात दशक बाद भी, सेना की मांग होने के बाद भी, वीर सैनिकों के परिवारों की मांग होने के बाद भी हमारे शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल नहीं बनाया, टालते रहे, कमिटियां बनाते रहे, नक्‍शे दिखाते रहे।'

करगिल विजय दिवस को भी नजरअंदाज करते रहे

विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने सीमा पर तैनात जवानों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट्स भी नहीं दी थीं। उन्होंने कहा, 'ये वही लोग हैं जो करगिल विजय दिवस को भी नजरअंदाज करते रहे। ये तो देश की कोटि-कोटि जनता का आशीर्वाद है कि मुझे तीसरी बार सरकार बनाने को मौका मिला और इसलिए आज ये महत्‍वपूर्ण ऐतिहसिक घटना का हम पुन:स्‍मरण कर पा रहे हैं। वरना अगर वही आ जाते तो इस युद्ध विजय की सवारी को याद नहीं करते।'

'प्रधानमंत्री ने अग्निपथ पर सरासर झूठ बोला है'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर सरासर झूठ बोला है और वह इस विषय पर देश में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को लेकर युवाओं में रोष है और कांग्रेस इस मांग पर कायम है कि इसे तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया और विपक्ष पर सशस्त्र बलों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य से शुरु की गई इस भर्ती प्रक्रिया पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

ओछी राजनीति कर रहे हैं पीएम मोदी: खड़गे

खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी करगिल विजय दिवस के दिन शहीदों को श्रद्धांजलि जैसे मौके पर भी ओछी राजनीति कर रहे हैं। ऐसा पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया।' उन्होंने दावा किया कि मोदी का यह कहना सरासर झूठ और पराक्रमी सेना का अक्षम्य अपमान है कि सेना के कहने पर उनकी सरकार ने अग्निपथ योजना लागू की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी साफ़-साफ झूठ और भ्रम फ़ैला रहे हैं। खड़गे के मुताबिक, पूर्व सेनाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) जनरल एमएम नरवणे जी ने रिकॉर्ड पर कहा है कि 'अग्निपथ योजना' में 4 वर्षों की सेवा के बाद 75 प्रतिशत लोगों को रखना था और 25 प्रतिशत लोगों को सेवानिवृत्त करना था। पर मोदी सरकार ने इससे उल्टा किया, और ये योजना तीनों सैन्य बलों में जबरदस्ती लागू कर दी।'

उन्होंने कहा, 'खबरों के मुताबिक, पूर्व सेनाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) जनरल एमएम नरवणे जी ने उस क़िताब में, जिसे मोदी सरकार ने प्रकाशित होने से रोक रखा है, ये भी कहा है कि 'अग्निपथ योजना' सेना के लिए चौंका देने वाली थी, और नौसेना व वायुसेना के लिए ये वज्रपात की तरह थी।' खड़गे ने कहा, 'आख़िर छह महीनों के प्रशिक्षण के बाद मोदी जी किस स्तर के सैनिकों का निर्माण कर रहे हैं। ना उन्हें किसी ऑपरेशन का अनुभव होगा ना ही उनमें परिपक्वता होगी। सैनिक देशभक्ति के जज़्बे से सेना में शामिल होते हैं, जीविकोपार्जन के लिए नहीं।'

उनके अनुसार, कई सेवानिवृत्त अधिकारियों ने इस योजना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्रामीण युवाओं की देशभक्ति की भावनाओं से खिलवाड़ की तरह है और इसलिए इस योजना को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाना चाहिए। खड़गे ने दावा किया कि अग्निवीर को कोई पेंशन नहीं मिलती, कोई ग्रैच्यूटी नहीं मिलती, परिवार को पेंशन नहीं मिलती और बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई शिक्षा भत्ता नहीं मिलता। उन्होंने कहा, 'अब तक 15 अग्निवीर शहीद हो चुके हैं। प्रधानमंत्री जी को कम से कम उनकी शहादत का तो मान रखना चाहिए। देश के युवाओं में अग्निवीर को लेकर बहुत ज़्यादा गुस्सा है, कड़ा विरोध है।' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी की यह मांग क़ायम रहेगी कि अग्निपथ योजना बंद होनी चाहिए।'

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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