Separatist Movement In Pakistan: 4 टुकड़ों में टूटेगा पाकिस्तान? पहले ही भारत कर चुका है एक हिस्सा अलग, अब इन क्षेत्रों में बवाल
Separatist Movement In Pakistan: बलूचिस्तान पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। यह क्षेत्र ईरान से लेकर आफगानिस्तान तक फैला हुआ है। बलूचिस्तान कभी स्वतंत्र हुआ करता था, पाकिस्तान के अलग देश बनने के बाद धोखे से 1948 में पाकिस्तान ने इसे अपने में मिला लिया। तभी से यह, पाकिस्तान से अलग होने की लड़ाई लड़ रहा है।
फिर से टूटेगा पाकिस्तान?
Separatist Movement In Pakistan: पाकिस्तान पर एक बार फिर से टूटने का खतरा मंडरा रहा है। एक हिस्से को पहले ही भारत तोड़ चुका है, अब और तीन हिस्से अलग होने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, हथियार उठाए हुए हैं। आए दिन पाकिस्तानी सेना और पुलिस पर हमले करते रहते हैं। देश से विदेश तक में इन तीनों हिस्सों के लोग अलग मुल्क के लिए लड़ाई रह रहे हैं।
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अलग देश बनेगा बलूचिस्तान
बलूचिस्तान पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। यह क्षेत्र ईरान से लेकर आफगानिस्तान तक फैला हुआ है। बलूचिस्तान कभी स्वतंत्र हुआ करता था, पाकिस्तान के अलग देश बनने के बाद धोखे से 1948 में पाकिस्तान ने इसे अपने में मिला लिया। तभी से यह, पाकिस्तान से अलग होने की लड़ाई लड़ रहा है। बलूचिस्तान प्राकृतिक गैस भंडार से समृद्ध है, यहां पाकिस्तान के कुल गैस उत्पादन का 40% से अधिक गैस है। यहां तांबा, सोना और पेट्रोलियम के बड़े भंडार भी मौजूद हैं। भौगोलिक और रणनीतिक रूप से, बलूचिस्तान प्रांत एक राज्य और अर्थव्यवस्था के रूप में पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा महत्व रखता है। लेकिन बलूचिस्तान की हालत खराब है, यहां के नेताओं का कहना है कि पाकिस्तानी सरकार इसके साथ सौतेला व्यवहार करती है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने यहां आजादी की मुहिम छेड़ रखी है। इसके कई नेता निर्वासित है। आजाद बलूचिस्तान की अपनी सरकार है, लेकिन वो निर्वासित है। आजादी की लड़ाई लड़ रहे नेता, यूएन तक इस मामले को ले जा चुके हैं।
बलवारिस्तान की मांग
पीओके यानि कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के उत्तरी इलाके से बलवारिस्तान की मांग उठती रही है। गिलगित बाल्टिस्तान के नाम से जाना जाने वाला यह इलाका कई सालों से आजादी की मांग कर रहा है। यहां भी हथियारबंद लड़ाके, पाकिस्तान के खिलाफ हथियार उठाए हुए हैं और आजादी की मांग करते रहे हैं। कुछ साल पहले बलावरिस्तान नेशनल फ्रंट (बीएनएफ) के अध्यक्ष, अब्दुल हामिद खान ने द संडे गार्जियन से बात करते कहा था कि वो पाकिस्तान से अलग होकर भारत में शामिल होना चाहते हैं। अब्दुल हामिद खान बेल्जियम में राजनीतिक शरण लिए हुए हैं।
सिधुदेश की मांग
पाकिस्तान का सबसे धनी प्रांत सिंध माना जाता है। यहां के लोग सिंधु घाटी सभ्यता से अपने आप को जोड़ते रहे हैं और उनका वशंज मानते रहे हैं। ये लोग भी अलग सिंधुपदेश के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। सिंध प्रांत के लोगों का मानना है कि पाकिस्तान उनपर जबरदस्ती कब्जा जमाए हुए हैं। बंटवारे के बाद यहां काफी संख्या में भारत से गए मुस्लिम यहां जाकर बस गए। जिससे यहां के मूल बाशिंदे की जनसंख्या कम हो गई। उनका हक कम गया। अलग बांग्लादेश बनने के बाद सिंध प्रांत के लोग भी अलग सिंधुदेश के लिए लड़ाई तेज करने लगे। यहां भी लगातार प्रदर्शन होते रहता है। कई बार पीएम मोदी की फोटो के साथ यहां के लोग सड़कों पर उतरे हैं और हस्तक्षेप करने की मांग करते रहे हैं।
जब भारत ने पाकिस्तान को तोड़ा
पाकिस्तान का एक हिस्सा तो अलग हो चुका है, जिसे भारत ने तोड़कर अलग किया था। भारत, पूर्वी पाकिस्तान, जिसे आज बांग्लादेश के रूप में जाना जाता है, पाकिस्तान से अलग कर चुका है। यही कारण है कि वहां के बाकी आजादी की लड़ाई लड़ने वाले नेता, भारत से मदद की मांग करते रहे हैं। पाकिस्तान भी भारत पर आरोप लगाता रहा है कि भारत इन आजादी के नेताओं की मदद करते रहा है। दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में जिस तरह से पाकिस्तान आर्थिक बर्बादी की ओर बढ़ रहा है, ये हिस्से पाकिस्तान से अलग हो सकते हैं।
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