क्या है केदारनाथ मंदिर से सोने की चोरी का विवाद? जिस पर शंकराचार्य के समर्थक और प्रबंधन के बीच छिड़ी जुबानी जंग

Kedarnath Mandir: क्या आप जानते हैं कि आखिर केदारनाथ मंदिर से सोने की चोरी वाला पूरा विवाद क्या है? जिसके आरोपों पर शंकराचार्य के समर्थक और मंदिर समिति प्रबंधन आमने-सामने आ गए हैं। मंदिर समिति ने इन आरोपों को तथ्यहीन और बेबुनियाद करार दिया है। आपको सारा माजरा समझाते हैं।

केदारनाथ मंदिर से सोने की चोरी को लेकर गरमाया विवाद।

Allegations of Gold theft from Kedarnath Temple: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से सोने की कथित चोरी संबंधी आरोपों पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति प्रबंधन और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने गर्भगृह से सोने की चोरी के आरोपों को बेबुनियाद और तथ्यहीन बताते हुए आरोप लगाने वालों से विवाद खड़ा करने की बजाय सक्षम स्तर पर मामले की जांच की मांग कराने का अनुरोध किया।

क्या है केदारनाथ मंदिर से जुड़ा ये सारा विवाद?

अजय ने इन आरोपों को ‘षड्यंत्र’ बताते हुए स्पष्ट किया कि दानदाता द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गयी थी और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गयी। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान स्वीकारा गया और इसके लिए विधिवत प्रदेश शासन से अनुमति ली गई।

'तांबे की प्लेटों पर चढ़ाई गईं सोने की परतें'

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने का कार्य किया गया। अजय ने यह भी स्पष्ट किया कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने स्वयं किया और उन्होंने ही अपने स्तर से स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं। उन्होंने कहा कि दानदाता ने अपने स्वर्णकार के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित भी कराया।
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