फकीर, संत या अवतार? कौन हैं साईं बाबा जिन पर बार-बार खड़ा होता है सवाल
who is Sai Baba: साईं बाबा को लेकर बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने विवादित बयान दिया है। इसके बाद से फिर से यह सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर साईं बाबा कौन थे? कुछ लोग उन्हें एक संत तो कुछ फकीर कहते हैं, लेकिन साईं बाबा के भक्तों के लिए वह भगवान का अवतार थे।
शिरडी के साईं बाबा
Shirdi Sai Baba: शिरडी के साईं बाबा के देश-दुनिया में लाखों की संख्या में भक्त हैं। हर साल बड़ी संख्या में ये भक्त साईं दर्शन करने के लिए शिरडी पहुंचते हैं। भक्त साईं बाबा को ईश्वर का अवतार मानते हैं और उनके चमत्कारों पर चर्चा करते हैं। हालांकि, साईं बाबा को लेकर अक्सर एक सवाल खड़ा होता है कि क्या वे वाकई में भगवान थे?
साईं बाबा एक फकीर थे, संत थे या फिर अवतार इसको लेकर विरोधाभास है और तरह-तरह की कहानियां प्रचलित हैं। कुछ लोग साईं बाबा को हिंदू तो कुछ मुस्लिम बताते हैं। हालांकि, यह बात भी सच है कि दोनों ही समुदाय के लोग साईं बाबा को पूजते हैं और वह स्वयं भी सभी धर्मों का सम्मान करने वाले थे। आइए जानते हैं साईं बाबा के बारे में...
साईं बाबा का जन्म कब हुआ था?साईं बाबा के जन्म को लेकर विद्वानों में विरोधाभास है। तरह-तरह के दावे किए जाते हैं। वह कौन थे? उनका जन्म कहां हुआ था और उनके माता-पिता कौन थे, इस बात का जिक्र खुद साईं ने कभी नहीं किया। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1836 को महाराष्ट्र के पाथरी गांव में हुआ था। यही कारण है कि हर साल इसी दिन साईं का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
16 की उम्र में पहुंचे शिरडीसाईं बाबा 16 साल की उम्र में शिरडी में दिखाई दिए। वह हमेशा एक नीम के पेड़ के नीचे समाधि में लीन रहते थे, पहले लोग उन्हें पागल समझते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोग उनकी बातों का अनुसरण करने लगे और बाबा के भक्त बढ़ते चले गए। यही कारण है कि महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिरडी गांव में साईं मंदिर स्थित है। इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। साईं बाबा ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा पुरानी मस्जिद में बिताया, इसलिए लोग इन्हें मुस्लिम मानते थे। हालांकि द्वारिका के प्रति उनकी श्रद्धा को देखते हुए उन्हें हिंदू भी माना जाता है।
अब जानिए नया विवाद क्या हैबागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर कहा है कि हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है। शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है। उन्होंने कहा, लोगों की अपनी-अपनी निजी आस्थाएं हैं और हम किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। इतना कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं मगर भगवान नहीं। गीदड़ की खाल पहन लेने से कोई शेर नहीं हो जाता है।
साईं भक्त क्या कहते हैंधीरेंद्र शास्त्री के बयान से साईं भक्तों में आक्रोश है। साईं बाबा के भक्तों का कहना है कि किसी की भी आस्था पर इस तरह के सवाल नहीं खड़े करने चाहिए। उनका कहना है कि साईं बाबा ने कई चमत्कार किए हैं। हमारे लिए वह एक ईश्वर का रूप हैं।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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