यूरोप में नए सिरे से तनाव, जेलेंस्की ने किया कुछ ऐसा काम, स्लोवाकिया ने दी बिजली काटने की धमकी

Russian gas supply to Europe : यूक्रेन के इस फैसले के खिलाफ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। जेलेंस्की के इस कदम का सबसे कड़ा विरोध स्लोवाकिया ने किया है। दरअसल, स्लोवाकिया होते हुए ही ऑस्ट्रिया, हंगरी और इटली तक रूसी गैस पहुंचती है। अपने इस रास्ते के लिए स्लोवाकियो को ट्रांजिट शुल्क के रूप में अच्छी रकम मिलती है जो कि अब बंद हो जाएगी।

यूक्रेन ने रूस की गैस आपूर्ति रोक दी है।

Russian gas supply to Europe : यूक्रेन और रूस के बीच अब नया 'युद्ध' शुरू हो गया है। दरअसल, यूक्रेन ने यूरोप को सप्लाई होने वाले रूसी गैस की आपूर्ति रोक दी है। यूक्रेन के इस फैसले से रूस को आर्थिक नुकसान होना तय है। गैस सप्लाई रोकने वाले अपने फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है उनका देश रूस को हमारे खून से अब अरबों की कमाई करने की अनुमति नहीं देगा। रूस की कंपनी गैजप्रोम ने गैस का निर्यात बंद होने की पुष्टि भी कर दी है। गैस आपूर्ति रोके जाने वाले फैसले के बाद यूरोप कई देश यूक्रेन से नाराज हो गए हैं। स्लोवाकिया ने यूक्रेन को अपनी बिजली रोकने की धमकी दी है।

33 साल से यूरोप को गैस की आपूर्ति कर रहा था रूस

ऐसा नहीं है कि जेलेंस्की ने यह कदम अचानक से उठाया है। उन्होंने करीब एक साल पहले यूरोपीय देशों को अपने इस फैसले के बारे में बता दिया था कि इस सर्दी से पहले वह इस रास्ते को बंद कर देंगे और यूरोपीय देश अपने लिए गैस का बंदोबस्त पहले से कर लें। यूरोप के कई देश पहले से ही रूसी गैस सीमित मात्रा में लेना शुरू कर चुके थे लेकिन अब आपूर्ति बंद हो जाने के बाद अब उन्हें नया विकल्प तलाशना होगा। रूस 1991 यानी बीते 33 साल से यूरोप के देशों को गैस की आपूर्ति करता आ रहा था। हंगरी, तुर्की और सर्बिया जैसे कई ऐसे देश भी हैं जो काफी हद तक रूसी गैस पर अभी भी निर्भर हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस इन देशों को टर्कस्ट्रीम पाइप लाइन के जरिए गैस भेज सकता है।

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