यूपी, मऊ और दंगे...,मुख्तार अंसारी और CM योगी की अदावत की क्या है कहानी ?

CM Yogi vs Mukhtar Ansari Case: योगी आदित्यनाथ का काफिला जब निकला तो सैकड़ों गाड़ियां पीछे थीं। कई सौ मोटरसाइकिलों पर लोग भी योगी-योगी के नारे लगा रहे थे। योगी आदित्यनाथ काफिले में सातवें नंबर की लाल एसयूवी में बैठे थे। तभी एक पत्थर उनकी गाड़ी पर आकर लगा। योगी के काफिले पर हमला हो चुका था...

मुख्तार अंसारी और सीएम योगी की अदावत

CM Yogi vs Mukhtar Ansari Case: मिलिनियल किड्स शायद न जानते हों लेकिन मुख्तार अंसारी का दबदबा उत्तर प्रदेश में किसी सरकार से कम नहीं था। अपनी समानांतर सत्ता चलाने वाले मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया किसी भी वेबसीरीज के माफियाओं से कहीं ज्यादा खतरनाक थे। उत्तर प्रदेश का माफिया मुख्तार अंसारी जो पांच बार मऊ से विधायक था उसकी कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई है। ये इस वक्त की बड़ी ख़बर है, लेकिन जो किस्सा हम आपको सुनाने जा रहे हैं उसके लिए थोड़ा फ्लैशबैक में चलना होगा।
मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ से पांच बार विधायक चुना गए थे। 2017 में आखिरी बार मऊ से बसपा उम्मीदवार के तौर पर मुख्तार ने चुनाव जीता था। अपराध की दुनिया में मुख्तार के कद का अंदाजा इसी बात से लगाइए कि मुख्तार के ऊपर देश के 8 राज्यों में 65 से अधिक मुकदमें दर्ज थे। जिनमें हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी, गैंग्सटर एक्ट NSA जैसे गंभीर मामले शामिल थे। 8 मामलों में सज़ा भी हो चुकी थी जिसमें आजीवन कारावास भी शामिल था। मुख्तार अंसारी जेल से गैंग चलाने में माहिर था। ये सिलसिला 2017 तक बदस्तूर जारी रहा। जेल में रहते हुए मुख्तार पर हत्या के 8 केस दर्ज हुए। गाजीपुर जेल में मुख्तार के जेल अधिकारियों के साथ बैडमिंटन खेलने, अपना दरबार सजाने की खुली छूट थी माफिया मुख्तार को। हर सियासी दल से मुख्तार की नजदीकी थी। उत्तर प्रदेश में माफिया और राजनीति का आजमाया हुआ फॉर्मूला 90 के दशक से लेकर हालिया सालों तक बेहद कामयाब रहा है। गोया जनता इस जहरीले कॉकटेल का शिकार होती रही।
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