'दोबारा नहीं होगी NEET UG परीक्षा...', सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या-क्या कहा? केस से जुड़ी 10 बड़ी बातें
Supreme Court Verdict on NEET-UG Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूपी परीक्षा दोबारा कराने से इंकार कर दिया है। अदालत ने कहा है कि इससे लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। मेडिकल कोर्स शुरू करने में भी देरी होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह माना है कि पटना और हजारीबार में पेपर लीक हुआ था।
नीट-यूपी पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला।
Supreme Court Verdict on NEET-UG Paper Leak: NEET-UG पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि दोबारा परीक्षा करवाने से लाखों छात्र प्रभावित होंगे। मेडिकल कोर्स शुरू करने में देरी होगी और भविष्य में प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी होगी। इसके साथ ही अदालत ने यह माना है कि पटना के हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था।
अदालत ने कहा है कि मौजूदा परिस्थिति में ये नहीं कहा जा सकता है कि की पूरी परीक्षा प्रणाली प्रभावित हुई और परीक्षा की पवित्रता भंग हुई है। हालांकि, कोर्ट ने काउंसिलिंग पूरी होने के बाद भी धोखाधड़ी सामने आने के बाद कार्रवाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा। आइए जानते हैं नीट पेपर लीक मामले में हुई सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की 10 बड़ी बातें...
1. NEET UG की परीक्षा 5 मई को हुई, 4 जून को नतीजे घोषित हुए।
2. याचिकाकर्ता ने इन दो आधार पर दोबारा परीक्षा आयोजित करने के की मांग की, (1) प्रश्नपत्र लीक हो गया था (2) परीक्षा के लिए आयोजित तौर-तरीकों में प्रणालीगत कमिया हैं।
3. 23 लाख 33 हजार छात्रों ने 1 लाख 8 हजार सीट के लिए परीक्षा दी। जिसमें 56000 सीट सरकारी कॉलेज में,वहीं 52000 सीट प्राइवेट कॉलेज में थी।
4. प्रवेश के लिए योग्यता या कट ऑफ परसेंटाइल 50 पर्सेंट हैं। परीक्षा में 180 प्रश्न हैं, प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है, कुल मिलाकर कुल 720 अंक हैं। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक दिया गया है।
5. NEET 2024 परसेंटाइल 720 में से 164 अंक निकला है। इस प्रकार सभी उम्मीदवार जिन्होंने कम से कम 164 अंक प्राप्त किए हैं वे प्रवेश के लिए विचार किए जाने के योग्य हैं। सीटें सामान्य श्रेणियों और आरक्षित श्रेणियों जैसे एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस आदि के लिए आवंटित की जाती हैं।
6. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ था।
7. सीबीआई की अब तक की जांच में 155 छात्रों का पता लगा है जिन्होंने पेपर लीक का फायदा उठाया।
8. केंद्र सरकार ने आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट पेश की जिसके मुताबिक पेपरलीक देशव्यापी नहीं था।
9. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा परिस्थिति में ये नहीं कहा जा सकता है कि पूरी परीक्षा प्रणाली प्रभावित हुई और परीक्षा की पवित्रता भंग हुई।
10. दोबारा परीक्षा करवाना कई लाख छात्र प्रभावित होंगे। मेडिकल कोर्स शुरू करने में देरी होगी और भविष्य में प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी होगी। साथ ही समाज के वंचित वर्ग से चुने गए छात्रों का पढ़ने का अवसर छिन जाएगा।
काउंसिलिंग पूरी होने के बाद भी होगी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा।
दोबारा जारी होगा रिजल्ट
NEET UG का रिजल्ट दोबारा जारी होगा। एक सवाल के दो उत्तर थे। इस पर कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के रिपोर्ट के मुताबिक ऑप्शन 4 को सही मानकर दोबारा रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है। इसके बाद मेरिट लिस्ट पर असर पड़ेगा। जिन छात्रों ने गलत जवाब दिया होगा उनके 5 अंक कटेंगे।
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