क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पूछा- FIR में क्यों हुई देरी; पढ़ें सुनवाई की 10 बड़ी बातें

Kolkata Doctor Death Case: कोलकाता की डॉक्टर से रेप-हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एफआईआर में देरी को लेकर तीखा सवाल किया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की जांच पर सवाल उठाया। और पूछा कि सुबह 10:10 बजे से रात साढ़े 11 बजे तक क्या हो रहा था।

Supreme Court on Late FIR

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर में क्यों देरी की?

Supreme Court on Late FIR: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एफआईआर में देरी के मुद्दे पर खासा जोर दिया। सीबीआई ने अदालत में जांच पर प्रगति रिपोर्ट दाखिल किया। अदालत ने कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में सीबीआई, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (एसजी) ने कहा कि सबसे चौंकाने वाला तथ्य, एफआईआर दाह संस्कार के बाद रात 11:45 बजे दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि पीड़िता के वरिष्ठ डॉक्टरों, सहकर्मियों ने वीडियोग्राफी के लिए कहा, इसका मतलब है कि उन्हें भी लगा कि मामले को छुपाया जा रहा है। आपको सुनवाई से जुड़ी 10 अहम बातें बताते हैं।

1). अदालत ने पूछा FIR दर्ज करने में देरी क्यों हुई?

अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की जांच पर सवाल उठाया और पूछा कि आपने अननेचुरल डेथ का केस पोस्टमार्टम के बाद जाकर दर्ज किया। पोस्टमार्टम 6.10 से सवा 7 बजे के बीच हुआ। आपने अननेचुरल डेथ का केस रात साढ़े ग्यारह बजे जाकर दर्ज किया। क्राइम रात का हुआ, पर क्राइम सीन को भी पोस्टमार्टम के बाद देर रात जाकर सुरक्षित किया गया। रात को अपराध हुआ। पुलिस को सुबह 10.10 पर मौके पर पहुंची। हॉस्पिटल ऑथरिटी ने इससे पहले पुलिस को सूचित करने की जहमत नहीं उठाई। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने क्राइम सीन से छेड़छाड़ को काफी गंभीरता से लिया है। क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ पर सुप्रीम कोर्ट का रवैया सख्त अपनाते हुए पूछा FIR दर्ज करने में देरी क्यों हुई?

2). सुबह 10:10 से रात साढ़े 11 बजे तक क्या हो रहा था?

सीजेआई ने कहा कि सिब्बल, एक पहलू बेहद परेशान करने वाला है, मौत की जीडी एंट्री सुबह 10:10 बजे दर्ज की गई। अपराध स्थल की सुरक्षा, जब्ती आदि रात 11:30 बजे की गई? तब तक क्या हो रहा था? जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि शव परीक्षण 9 तारीख की शाम को किया गया था, अप्राकृतिक मौत की जीडी एंट्री रात 11:30 बजे दर्ज की गई। सिब्बल ने बोला कि मुझे मिनट दर मिनट टाइमलाइन बताने की अनुमति दें।

3). जस्टिस पारदीवाला ने पूछा- पोस्टमार्टम कब हुआ?

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने पूछा कि पीएमआर कब किया गया? सिब्बल ने बताया कि शाम 6:10-7:10 बजे। जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि जब आप पोस्टमार्टम करना शुरू करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह अप्राकृतिक मौत का मामला है, यूडी 861/24 23:20 बजे दर्ज किया गया था, 9 अगस्त को जीडी एंट्री और एफआईआर 11:45 बजे दर्ज की गई, क्या यह सच है?

4). कपिल सिब्बल ने अधिकारियों से सलाह ली

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है, यूडी के पंजीकरण से पहले पोस्टमार्टम किया जाता है! इसके बाद सिब्बल ने अधिकारियों से सलाह ली। जस्टिस पारदीवाला ने बोला कि उनसे कहिए कि वे जिम्मेदारी से बयान दें, जल्दबाजी में कोई बयान न दें। पारदीवाला ने पूछा कि यूडी 861/24 किस समय दर्ज किया गया था? सिब्बल ने जवाब दिया कि 1:46 बजे। इसके बाद जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि आपको यह कहां से मिला?

5). क्या सीबीआई ने उनसे रिकॉर्ड एकत्र किया है?

जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि इतना समय क्यों लगा रहे हो? आपको बस उस दस्तावेज को देखना है जिस समय अप्राकृतिक मौत हुई थी। पारदीवाला ने कहा कि अगली बार सुनवाई के दौरान कृपया जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को रखें। उन्होंने पूछा कि जांच पंचनामा का समय? जिसके बाद सिब्बल ने जवाब दिया, 3:45 बजे। पारदीवाला ने पूछा क्या सीबीआई ने उनसे रिकॉर्ड एकत्र किया है? उन्होंने सीबीआई अधिकारी से पूछा कि पैरा 10 पढ़ें, क्या यह रिकॉर्ड सही है? सीबीआई ने कहा कि हां सही है।

6). शाम 6-7 बजे होता है शव का पोस्टमार्टम

सीजेआई ने बोला कि जीडी सुबह 10:10 बजे दर्ज की गई, फोन आया कि पीजी की एक महिला डॉक्टर तीसरी मंजिल पर बेहोश पाई गई। पीड़िता का शव, बोर्ड ने मौखिक रूप से कहा कि मौत गला घोंटने से हुई, यौन उत्पीड़न की संभावना, यह संभावना है। सीजेआई ने कहा कि पोस्टमार्टम शाम 6-7 बजे होता है जिसके बाद जांच होती है। सीजेआई ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि डायस पर नीली जींस पाई गई, पीड़िता की जांच हुई।

7). अदालत ने पूछा- यह गोल वाली बात क्या है?

सीजेआई ने पढ़ते हुए आगे कहा कि डायस पर एक महिला बेहोशी की हालत में गद्दे पर पाई गई, इसके बाद यूडी दर्ज किया गया, जब वह पुलिस स्टेट (अधिकारी) में वापस लौटा, जहां जब्त सामान रखे गए थे। जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि यह गोल वाली बात क्या है? उसने 23:30 घंटे का उल्लेख क्यों किया है? सिब्बल ने इसके जवाब में कहा कि वह फिर थाने पहुंचा।

8). 'रात में पुलिस स्टेशन लौटे और FIR दर्ज की'

सीजेआई ने पढ़ते हुए कहा कि पोस्टमार्टम (पीएमआर) और पूछताछ के बाद शव मां को सौंप दिया गया, पुलिस स्टेशन लौटने के बाद यूडी केस दर्ज किया गया, सभी पुलिस वरिष्ठों को सूचित किया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि यूडी की प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त हुई और सुबह 10:10 बजे दर्ज की गई, प्राप्त होने के बाद वे रात में पुलिस स्टेशन लौटे और रात 11:30 बजे एफआईआर दर्ज की गई।

9). 'पिता ने FIR दर्ज करने की अनुमति नहीं दी'

सीजेआई ने कहा कि अगर रिपोर्ट से पता चलता है कि पुलिस स्टेशन में वापसी के बाद, शव को मां को दिए जाने के बाद दर्ज किया गया था। अगर पुलिस कहती है कि जीडी 861 रात में दर्ज की गई थी, तो जांच रिपोर्ट उससे पहले यूडी का उल्लेख कैसे करती है? एसजी ने बताया कि राज्य का कहना है कि पिता ने एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी।

10). IO ने क्यों कहा कि मैं रात में थाने पहुंचा और..

सीजेआई ने कहा कि तो ऐसा लगता है कि पीएमआर के समय यूडी 861 पहले ही हो चुकी थी। फिर आईओ ने ऐसा क्यों कहा कि मैं रात में थाने पहुंचा और रिकॉर्ड किया? सिब्बल ने जवाब दिया कि वह जांच के बाद थाने पहुंचे। वकील ने हस्तक्षेप करते हुए दावा किया कि पोस्टमार्टम में 150 ग्राम वीर्य का उल्लेख किया गया है, सीजेआई ने कहा कि तर्क देने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग न करें, हमारे पास पीएमआर है, सोशल मीडिया पर क्या है, इसे न पढ़ें।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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