Bangladesh New Chief Justice: कौन हैं रेफात अहमद, जो बने बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस

Bangladesh: बांग्लादेश में बड़े राजनीतिक उलटफेर के बाद अब न्यायपालिका में फेरबदल देखने को मिला है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाया, जिसके बाद चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन इस्तीफा देने को मजबूर हुए। इस बीच सैयद रेफात अहमद ने बांग्लादेश के नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। आपको उनके बारे में बताते हैं।

New Chief Justice of Bangladesh Syed Refaat Ahmed

कौन हैं बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस?

Who is Syed Refaat Ahmed: बांग्लादेश के नए प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice of Bangladesh) के रूप में सैयद रेफात अहमद ने शपथ ले ली है। यानी अब इस देश के न्यायपालिका की कमान रेफात अहमद के हाथों में है। बांग्लादेश में पहले सरकार बदली और अब चीफ जस्टिस भी बदल गए हैं। सैयद रेफात अहमद ने रविवार को बांग्लादेश के नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इससे एक दिन पहले ओबैदुल हसन ने प्रधान न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे दिया था। न्यायमूर्ति हसन के अलावा शीर्ष अदालत की अपीलीय डिवीजन के पांच न्यायाधीशों ने भी पद से इस्तीफा दे दिया था। आपको इस लेख में सैयर रेफात अहमद के बारे में बताते हैं।

बांग्लादेश के 25वें मुख्य न्यायाधीश हैं रेफात अहमद

सैयद रेफात अहमद बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान और 25वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के हाई कोर्ट डिवीजन और अपीलीय डिवीजन में काम किया था। रेफात अहमद के पिता सैयद इश्तियाक अहमद बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल थे र उनकी माता सूफिया अहमद बांग्लादेश की नेशनल प्रोफेसर और ढाका विश्वविद्यालय में इस्लामिक इतिहास और संस्कृति की प्रोफेसर थीं। बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस का जन्म 28 दिसंबर 1958 को हुआ था।

रेफात अहमद ने ऑस्फोर्ड से की है पढ़ाई

बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस सैयद रेफात अहमद ने ढाका विश्वविद्यालय से लॉ से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वाधम कॉलेज से न्यायशास्त्र में कला ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी ) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से पीजी और पीएचडी किया।

वकील से चीफ जस्टिस बनने तक का सफर

साल 1984 में रेफात अहमद जिला न्यायालय के वकील बन गए। इसके दो साल बाद यानी 1986 में वो हाईकोर्ट के वकील बन गए। उन्होंने हांगकांग और वाशिंगटन, डीसी में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त में काम किया। साल 2002 में वो हाईकोर्ट डिवीजन के वकील बन गए और इसके अगले ही साल 27 अप्रैल, 2003 को उन्हें बांग्लादेश हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। ठीक दो साल बाद 27 अप्रैल 2005 को वो हाईकोर्ट डिवीजन में स्थायी न्यायाधीश बन गए। अब उन्होंने बांग्लादेश के 25वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है।

जब इस्तीफा देने पर मजबूर हुए ओबैदुल हसन

इससे पहले शनिवार को ओबैदुल हसन ने अपना फैसला दोपहर करीब एक बजे उस समय घोषित किया, जब भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रदर्शनकारी अदालत परिसर में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारी छात्रों ने हसन और अपीलीय डिवीजन के न्यायाधीशों को दोपहर एक बजे तक इस्तीफा देने का समय दिया था। ‘डेली स्टार’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, अहमद ने स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास के दरबार हॉल में एक समारोह के दौरान देश के नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने प्रधान न्यायाधीश को शपथ दिलाई। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने मोहम्मद यूनुस भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने शनिवार को न्यायमूर्ति अहमद को बांग्लादेश का 25वां प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया था।

कैसे पटरी पर आएगी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बैंकों में लोगों का भरोसा बहाल करने की है। अंतरिम सरकार के वित्त और योजना सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने यह बात कही। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अहमद को वित्त और योजना मंत्रालयों का प्रभार सौंपा है। यूनुस ने शुक्रवार को अपने 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की थी। शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन पांच अगस्त को किया गया था। अहमद ने वित्त एवं योजना सलाहकार का पदभार ग्रहण करने के बाद शनिवार को पत्रकारों से कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रीय बैंक के संचालन को फिर से शुरू करते हुए बैंकों में आम लोगों का भरोसा बहाल करने की है।

सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने अहमद के हवाले से कहा, 'उसके बाद हम सुधार लाने पर काम करेंगे... विभिन्न कारणों से देश की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है। हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था में जल्द से जल्द नई जान डालने पर होगा। एक बार अर्थव्यवस्था ठप हो जाए तो इसे फिर से शुरू करना काफी मुश्किल हो जाता है। हम नहीं चाहते कि यह थम जाए।' ढाका ट्रिब्यून अखबार ने उनके हवाले से कहा, 'अर्थव्यवस्था में कई तरह की समस्याएं हैं। बैंकिंग क्षेत्र, मुद्रास्फीति और कई अन्य जटिलताओं से जुड़े मुद्दे हैं। हमें सभी मोर्चों पर काम करना होगा।' उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समय केवल कानून और व्यवस्था या सुरक्षा उपायों पर ही ध्यान नहीं देना है, बल्कि बैंकों को खोलने, बंदरगाहों को चालू रखने पर भी उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के बुनियादी संचालन को फिर से शुरू करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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