Systematic Investment Plan: एसआईपी टॉप अप के क्या लाभ हैं?

सिस्टेमिक निवेश योजना (SIP) का टॉप-अप फीचर वह टूल है जिससे म्यूचुअल फंड निवेशक अपनी बदलती आय के मुताबिक अपने निवेश को एडजस्ट कर सकते हैं। इस फीचर के साथ, आप ऑटोमैटिकली अपनी एसआईपी इंस्टालमेंट को बढ़ा सकते हैं, और ऐसा या तो तय राशि या फिर हर वर्ष के लिए एक प्रतिशत के तौर पर किया जा सकता है।

Systematic Investment Plan

सिस्टेमिक निवेश योजना

हमारे फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने में निवेश की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन, इंफ्लेशन के कारण रहन-सहन की बढ़ती लागत के कारण आप फाइनेंशियली अस्थिर हो सकते हैं। हालांकि इस स्थिति को रोकना नामुमकिन ही है, लेकिन नियमित प्लानिंग तथा निवेश करने से आपको फाइनेंशियली स्थिर बने रहने में मदद मिल सकती है। अपनी आय में बढ़ोतरी के साथ अपने निवेश को भी बढ़ाने से आपके वैल्थ-क्रिएशन की कोशिशों को और अधिक बूस्ट मिल सकता है।

सिस्टेमिक निवेश योजना (SIP) का टॉप-अप फीचर वह टूल है जिससे म्यूचुअल फंड निवेशक अपनी बदलती आय के मुताबिक अपने निवेश को एडजस्ट कर सकते हैं। इस फीचर के साथ, आप ऑटोमैटिकली अपनी एसआईपी इंस्टालमेंट को बढ़ा सकते हैं, और ऐसा या तो तय राशि या फिर हर वर्ष के लिए एक प्रतिशत के तौर पर किया जा सकता है। हालांकि 10% वार्षिक एसआईपी टॉप-अप की सलाह दी जाती है, लेकिन आप अपने फाइनेंस की समीक्षा कर सकते हैं ताकि यह फैसला कर सकें कि कितनी राशि आपके लिए ठीक है। उदाहरण के लिए, यदि आप 10% टॉप-अप के साथ 2023 में 1000/- रुपए की एसआईपी के साथ शुरुआत करते हैं, तो वर्ष 2024 में आपकी एसआईपी इंस्टालमेंट बढ़कर 1100/- रुपए तथा 2025 में यह 1210/- रुपए हो जाएगी। अब क्योंकि हम जानते हैं कि एसआईपी टॉप-अप किस तरह से काम करती है, आइये इस बात पर विचार करते हैं कि इससे आपको तथा आपके फाइनेंस के संबंध में किस तरह से लाभ मिल सकता है।

आपका निवेश ऑटोमैटिकली बढ़ जाता है

अपनी आय में बढ़ोतरी के बावजूद, निवेशक अपने एसआईपी निवेश को पहले जैसे ही बनाए रखते हैं। इस अतिरिक्त राशि का जब निवेश नहीं किया जाता है, तो उसके साथ गलत ढंग से मैनेज करने का जोखिम जुड़ जाता है या इसका इस्तेमाल अतिरिक्त खर्चों को कवर करने के लिए किया जा सकता है। साथ ही, आपके खर्च लगातार बढ़ते रहते हैं और आपके निवेश के साथ ऐसा नहीं होता है तथा संभवतः आपका निवेश आपकी भविष्य की जरूरतों के लिए अपर्याप्त हो सकता है। और ऐसी स्थिति में, आपकी आय में बढ़ोतरी के अनुपात में आपके निवेश को ऑटोमैटिकली बनाए रखने में टॉप-अप फीचर काम में आता है।

इन्फ्लेशन का सामना करने में सहायता मिलती है

निवेश के बारे में फैसला करते समय निवेशकों को हमेशा इंफ्लेशन पर विचार करना चाहिए। दीर्घकाल में, 5-6% इंफ्लेशन की कल्पना करना सुरक्षित एप्रोच साबित होता है। इसका सामना करने का सबसे अच्छा तरीका अपने निवेश को बढ़ाना होगा ताकि अधिकतम कम्पांउडिंग लाभ को प्राप्त किया जा सके। एसआईपी टॉप-अप फीचर से आप इंफ्लेशन के कारण आपके फाइनेंस पर पड़ने वाले प्रभाव का सामना करने में सक्षम हो जाते हैं। इस बात पर विचार करते हुए, दीर्घकालिक इंफ्लेशन रेट की तुलना में अपने टॉप-अप प्रतिशत को दुगुना रखने का लक्ष्य एक आदर्श स्थिति हो सकती है।

वैल्थ-क्रिएशन को बूस्ट मिलता है

नियमित रूप से टॉप-अप करने के से वैल्थ क्रिएशन के संबंध में आश्चर्यजनक नतीजे पाए जा सकते हैं। क्योंकि हर साल निवेश कम्पाउंड होता रहता है, इससे आप विभिन्न स्कीमों तथा अलग-अलग मार्केट साइकल के दौरान अधिक यूनिट खरीदने में सक्षम हो जाते हैं। आइये, इस बात को एक उदाहरण से समझते हैं। 10,000/- रुपए महीने की 15% सीएजीआर के साथ 20 वर्षों की एसआईपी से आप 1.33 करोड़ रुपए की वैल्थ क्रिएट कर पाएंगे। इस अवधि के दौरान आपके डिपॉजिट 24 लाख रुपए होंगे। अगर आप इस एसआईपी को 10% से टॉप-अप करते हैं, तो आप इस अवधि के दौरान 2.5 करोड़ रुपए की वैल्थ क्रिएट कर पाएंगे जिसमें आपका कुल डिपॉजिट 68.70 लाख रुपए का होगा।

एडवांस में लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है

आदर्श रूप से निवेश लक्ष्यों पर आधारित होना चाहिए, और एसआईपी एक प्रभावी टूल है जिससे इस बारे में सहायता मिलती है। लेकिन, एसआईपी टॉप-अप से आपको इस लक्ष्य को तेजी से पाने में सहायता मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर, यदि वर्तमान में आपकी आयु 25 वर्ष की है, तथा आप 10 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ रिटायर होना चाहते हैं, और जिसके लिए आपके पास 35 वर्ष का समय है। अगर आप 10,000/- रुपये की एसआईपी शुरु करते हैं, तो आप लगभग 11.4 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ रिटायर होंगे। लेकिन, वार्षिक 10% के टॉप-अप के साथ आप अपने लक्ष्य को 30 वर्षों में ही प्राप्त कर पाएंगे और आप 55 वर्ष में रिटायर हो सकेंगे।

आपका समय और एनर्जी बचते है

निवेश के लिए समय की जरूरत होती है। क्या आप एसआईपी को रिस्टार्ट करना चाहते हैं, नई एसआईपी शामिल करना चाहते हैं, या अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं, इसके लिए समय और एनर्जी की जरूरत होती है। एक बार सेट-अप कर दिए जाने के बाद, ऑटोमैटिक टॉप-अप फीचर से इन रूकावटों को दूर किया जा सकता है, और आपको अपने निवेश पर ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलेगी।

निष्कर्ष

एसआईपी टॉप-अप फीचर एक एड-ऑन फीचर है जिससे निवेशक को अपने निवेश को ट्रैक पर बनाए रखने में सहायता मिलती है। इसके अनेक फायदों के कारण, इस पर दीर्घकालिक निवेश के जरूरी भाग के तौर पर विचार किया जाना चाहिए। सर्वाधिक महत्वपूर्ण रूप से, इससे आपकी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बूस्ट होती है, जिससे आप अपनी भावी जरूरतों की बेहतर देखभाल कर सकने में योग्य होते हैं।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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