तेजस्वी यादव ने बोला 'झूठ', मनोज झा का बचाव करते-करते कर दी ये गलती

Tejashwi Yadav Made Big Mistake: ठाकुर विवाद को लेकर मनोज झा का बचाव करते-करते कर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बड़ी गलती हो गई। उन्होंने मीडिया से बातचीत में एक झूठा दावा कर दिया। इससे पहले लालू प्रसाद ने 'ठाकुरों' का अपमान करने के आरोपों का सामना कर रहे अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य का बचाव किया था।

फ्लो-फ्लो में तेजस्वी यादव ने कर दिया 'झूठा' दावा।

Bihar Politics News: राज्यसभा सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी उनके बचाव में उतर आए हैं। तेजस्वी ने कहा कि मनोज झा खुद एक प्रोफेसर हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया था। कविता ओम प्रकाश वाल्मिकी द्वारा लिखी गई थी जिसे उन्होंने पढ़ा था, इसका किसी जाति से संबंध नहीं था। लेकिन जब बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में अपमानजनक बयान दिया तो कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना कहने के बाद तेजस्वी यादव से एक चूक हो गई। उन्होंने एक गलत दावा पेश कर दिया, आपको बताते हैं कि उन्होंने गलती से ही सही आखिर क्या झूठ बोल दिया।

तेजस्वी यादव ने मनोज झा का कैसे किया बचाव?

डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि 'पार्टी में अगर किसी को किसी बात पर आपत्ति है तो पार्टी फोरम में बात रखनी चाहिए थी। मनोज झा जी प्रोफेसर है और सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में चुने गए हैं। जब संसद से उन्हें इतना बड़ा सम्मान मिला है तो उनके आचरण को देखते हुए और उनकी बुद्धिमानी को देखते हुए। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने ये मांग रखी थी कि पिछड़ा समाज की महिलाओं को भी आरक्षण मिलनी चाहिए। इसी विषय पर उन्होंने ओम प्रकाश वाल्मिकी जी के पाठ को दोहराया। हम लोग समाजवादी लोग हैं, ठाकुर तो कर्पूरी ठाकुर जी भी लिखते हैं। ये कोई जाति की बात नहीं हो रही है। हम ही लोग अहिर जाति से हैं, यादव लिखते हैं, मगर कुछ लोग चौधरी भी लिखते हैं, राय भी लिखते हैं। उनका जाति को ठेस पहुंचाने का मतलब नहीं था, बल्कि सबको बराबरी अवसर मिले। भाजपा के सांसद बिधूड़ी संसद में खड़े होकर अजीब शब्दों का प्रयोग करते हैं और गाली-गलौच पर उतारू हो जाते हैं, लेकिन उनके बयानों का कोई पोस्टमार्टम नहीं करता है। उनके खिलाफ क्या एक्शन हुआ? हम सभी को साथ लेकर चलते हैं।'

फ्लो-फ्लो में तेजस्वी यादव ने कर दिया 'झूठा' दावा

मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने एक ऐसा दावा किया, जिससे उनके ज्ञान पर सवाल उठ सकता है। उन्होंने दावा किया कि 'जितने राजपूत विधायक हमारे पास हैं, उतने भाजपा में नहीं हैं। चाहें एमएलए या एमएल राष्ट्रीय जनता दल के पास ज्यादा है।' तेजस्वी ने आगे कहा कि 'ये तो बेकार की बातें हैं। हम लोग वीपी सिंह और अर्जुन सिंह को मानने वाले हैं। हम तो रघुवंश जी को मानते हैं।' तेजस्वी के इस झूठे दावे वाले बयान से ये सवाल उठता है कि क्या सचमुच तेजस्वी यादव को इतना भी मालूम नहीं है कि उनकी पार्टी में किस जाति के कितने विधायक और एमएलसी हैं? राजद बार-बार जाति जनगणना की मांग करती रही है, ऐसे में जब खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी को ये याद नहीं रहा कि उनकी पार्टी से कितने राजपूत विधायक हैं तो सवाल उठना लाजमी है।

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