Israel Iran Conflict: परमाणु युद्ध के मुहाने पर मध्यपूर्व, लंबी जंग के लिए इस्राइल ने कसी कमर

कल्पना कीजिए कि अगर ईरान ने वेपन ग्रेड यूरेनियम संवर्धन कर लिया तो उसके परमाणु हथियार क्या कोहराम मचायेगें? इस सूरत में इस्राइली प्रतिरक्षा प्रणाली भी धराशायी हो जायेगी।

इजराइल के हमले में तबाह एक इमारत

चरम तनाव के बीच व्हाइट हाउस की गुजारिश पर इस्राइल जंग में लगातार संयम बनाए हुए है। यही वजह है कि इस्राइली जेट्स ने ईरानी आसमान में उड़ते हुए उनके न्यूक्लियर ठिकानों पर बम बरसाने से परहेज किया। सीमित जवाबी हवाई कार्रवाई के दौरान IDF ने गिने-चुने ईरानी सैन्य ठिकानों पर ही मिसाइल हमले किए। इस पूरे प्रकरण के दौरान तेल अवीव के नीति नियंता वजूद के खतरे के बीच भारी दुविधा में घिरे हुए है। CIA के मुताबिक ईरान न्यूक्लियर हथियारों को हासिल करने में कुछ कदम ही दूर है, ये वक्त कुछ महीने से लेकर कुछ हफ्तों तक का हो सकता है। ऐसे में वाशिंगटन और तेल अवीव के पास ईरानी परमाणु ठिकानों पर संयुक्त कार्रवाई करने के अलावा कोई और विकल्प बचता नहीं दिख रहा है। यूरेनियम संवर्धन से लेकर मिसाइल वॉर हेड्स में न्यूक्लियर बमों की तैनाती करने को लेकर तेहरान में बेकरारी लगातार बनी हुई है। तेहरान के प्रयासों को अगर रोका नहीं गया तो दुनिया को परमाणु शक्ति संपन्न ईरान की मनमानियां सहने के लिए तैयार रहना होगा।

इस्लामी क्रांति ने बोए मौजूदा संघर्ष के बीज

साल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही ईरान समेत शिया बहुल देशों में कट्टरपंथ की बयार बही, तब से लेकर आज तक तेल अवीव को अलग-अलग मोर्चों पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा रहा है। बीते 5 दशकों के दौरान तेहरान के तख्त पर सत्तारूढ़ मुल्ला शासकों ने इस्राइल के खिलाफ घेरेबंदी करने के लिए भारी निवेश किया। इसी क्रम में बड़े पैमाने पर मिलिशिया गुटों को खड़ा किया गया और उन्हें नरसंहार के लिए हथियार भी मुहैया करवाए। ईरान के इशारे पर ही इस्राइल की चौतरफा घेरेबंदी भी हुई, इसके लिए उसने हूती, हमास और हिजबुल्लाह का सहारा लिया। पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच ईरानी हुक्मरान अपने प्रॉक्सियों को मजबूती देते रहे। इन कवायदों के चलते मध्य पूर्व का शक्ति संतुलन ध्वस्त होने के कगार पर है।

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