भारत में किस-किसको मोटर कार पर तिरंगा लगाने का मिलता है अधिकार? देख लें पूरी सूची
National Flag: क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में किस-किसके पास अपनी मोटर कारों पर राष्ट्रीय झंडा लगाने का विशेषाधिकार होता है? 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) को इसके वर्तमान स्वरूप में के रूप में अपनाया गया था। आपको खास बात बताते हैं।
कार पर तिरंगा लगाने के क्या हैं नियम?
15 अगस्त, 1947 यही वो तारीख थी, जब भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है, जिसे पूरा देश अपनाता है। यही झंडा इस बात का संकेत देता है कि ये एक स्वतंत्र देश है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प रहा है, आजादी के वर्ष यानी 1947 में ही 22 जुलाई को भारतीय संविधान सभा की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया था, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को इसके वर्तमान स्वरूप में अपनाया गया था।
मोटर कारों पर राष्ट्रीय झंडा लगाए जाने का उल्लेख
क्या आप जानते हैं कि देश कि किन गणमान्यों के पास ये विशेषाधिकार होता है कि वो अपनी मोटरकार पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा लगा सके? भारतीय झंडा संहिता 2002 में इसका उल्लेख किया गया है। जिसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय, दिल्ली द्वारा जारी किया गया था। इस संहिता के 20वें और 21वें पन्ने पर इसका उल्लेख किया गया है। भारतीय झंडा संहिता 2002 के धारा 9 में बताया गया है कि मोटर कारों पर राष्ट्रीय झंडा लगाने का विशेषाधिकार केवल निम्नलिखित गणमान्य व्यक्तियों को ही है।
(1) राष्ट्रपति
(2) उप-राष्ट्रपति
(3) राज्यपाल और उप-राज्यपाल
(4) विदेशों में नियुक्त भारतीय दूतावासों एवं कार्यालयों के अध्यक्ष
(5) प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री
केन्द्र के राज्यमंत्री और उपमंत्री;
राज्यों अथवा संघ शासित क्षेत्रों के मुख्यमंत्री और अन्य केबिनेट मंत्री; राज्यों अथवा संघ शासित क्षेत्रों के राज्य मंत्री और उप मंत्री;
(6) लोक सभा के अध्यक्ष
राज्य सभा के उप सभापति
लोक सभा के उपाध्यक्ष
राज्य विधान परिषदों के सभापति
राज्य और संघ शासित क्षेत्रों की विधान सभाओं के अध्यक्ष
राज्य विधान परिषदों के उप सभापति
राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों की विधान सभाओं के उपाध्यक्ष
(7) भारत के मुखर न्यायाधीश; उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश
उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश
उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश।
(Source- भारतीय झंडा संहिता 2002)
कब किस दिशा में लगाया जाना चाहिए झंडा?
भारतीय झंडा संहिता 2002 के इस खंड में उल्लिखित गणमान्य व्यक्ति, जब कभी आवश्यक या उचित समझें, अपनी कारों पर राष्ट्रीय झंडा लगा सकते हैं। जब कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करे, तो राष्ट्रीय झंडा कार के दाईं ओर लगाया जाएगा और संबंधित देश का झंडा कार के बाईं ओर लगाया जाएगा।
कैसा होता है भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियां हैं, सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी और ये तीनों समानुपात में हैं। ध्वज की चौड़ाई का अनुपात इसकी लंबाई के साथ 2 और 3 का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है। यह चक्र अशोक की राजधानी के सारनाथ के शेर के स्तंभ पर बना हुआ है। इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां है।
तिरंगा को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच अपनाया गया था। भारत में राष्ट्रीय ध्वज की पहचान 'तिरंगे' के रूप में होती है।
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