कश्मीर से लेकर केरल तक...ED जांच के दायरे में हैं ये मुख्यमंत्री और पूर्व-सीएम, देर-सबेर गाज गिरना तय

हेमंत सोरेन की ही तरह कई और मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम भी ईडी के रडार पर हैं और देर-सबेर इनमें से कई के खिलाफ सख्त कार्रवाई से इनकार नहीं किया जा सकता है।

ईडी जांच के दायरे में नेता

ED Probe Against CM: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तार ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को फिर चर्चा में ला दिया है। पिछले कुछ वर्षों में ईडी ने हाई प्रोफाइल मामलों में बड़ी गिरफ्तारियां की हैं। एजेंसी ने कई मुख्यमंत्रियों, बड़े नेताओं आर बिजनेसमैन के खिलाफ लंबी जांच पूछताछ का सिलसिला चलाया है। सोरेन ही नहीं, कई और मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम भी ईडी के रडार पर हैं और देर-सबेर इनमें से कई के खिलाफ सख्त कार्रवाई से इनकार नहीं किया जा सकता। आइए जानते हैं फिलहाल ईडी के रडार पर कौन-कौन से बड़े नेता और मुख्यमंत्री हैं।

अरविंद केजरीवाल

सबसे बड़ा नाम है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले से एजेंसी की जांच का सामना कर रहे हैं। एजेंसी का आरोप है कि केजरीवाल ने इस मामले में निजी लोगों का पक्ष लिया जिन्होंने कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। केजरीवाल अब तक ईडी के चार समन को नजरअंदाज कर चुके हैं।

भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी ईडी के निशाने पर हैं। बघेल अपनी सरकार के दौरान कोयला परिवहन, शराब की दुकानों के संचालन और महादेव गेमिंग ऐप में अनियमितताओं से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के कम से कम तीन मामलों में ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।

लालू यादव, तेजस्वी यादव

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव कथित आईआरसीटीसी घोटाले और जमीन के बदले नौकरी मामले में मुख्य आरोपी हैं। 2017 का आईआरसीटीसी मामला रेल मंत्री के रूप में लालू द्वारा आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव के लिए किराए पर ली गई कंपनी को कथित लाभ देने से जुड़ा है। वहीं, 2022 का नौकरी के बदले जमीन मामला लालू परिवार पर रेलवे में नौकरी के बदले प्लॉट लेने के आरोप से जुड़ा है।

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