लेखकों, बुद्धिजीवियों समेत विपक्षी नेताओं ने एक सुर में उठाई आवाज; अरुंधति रॉय पर UAPA के तहत केस की हो रही आलोचना

Arundhati Roy Controversy: लेखकों, बुद्धिजीवियों के महकमे से लेकर सियासी गलियारों तक जानी-मानी लेखिका अरुंधति रॉय के खिलाफ एक्शन के विरोध में चिंगारी भड़कने लगी है। आपको बताते हैं कि UAPA के तहत केस चलाने पर किसके क्या कहा, ये सारा माजरा क्या है और आखिर UAPA होता क्या है।

अरुंधति रॉय से जुड़े मामले पर सारा अपडेट।

UAPA prosecute Arundhati Roy Explained: जानी-मानी लेखिका अरुंधति रॉय के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ तो इसका विरोध तेज हो गया है। लेखकों, बुद्धिजीवियों समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध की चिंगारी भड़का दी है। वर्ष 2010 में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़े मामले में ये कार्रवाई की गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके. सक्सेना ने लेखिला और कश्मीर के एक प्रोफेसर के खिलाफ UAPA के तहत केस चलाने की मंजूदी दी, जिसकी आलोचना हो रही है।

अरुंधति के खिलाफ UAPA, किसने उठाई आवाज

लेखकों, बुद्धिजीवियों के महकमे से लेकर सियासी गलियारों में रॉय के खिलाफ इस एक्शन के विरोध में चिंगारी भड़कने लगी है। लेखक विपक्षी अमिताव घोष, अल्पा शाह, डॉ. मीना कंडासामी समेत विपक्षी दलों के शरद पवार, असदुद्दीन ओवैसी समेत जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेताओं ने इसकी आलोचना की है। आपको एक एक करके बताते हैं कि इस एक्शन को लेकर किसने क्या प्रतिक्रिया दी।

लेखकों ने अरुंधति रॉय के लिए बुलंद की आवाज

प्रोफेसर और लेखक अल्पा शाह ने रॉय के खिलाफ हुई इस कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि 'मैं भारतीय पुलिस को आतंकवाद विरोधी कानून, यूएपीए के तहत अरुंधति रॉय पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने की निंदा करती हूं, जिसका इस्तेमाल असहमति जताने वालों को सालों तक बिना किसी सुनवाई के जेल में रखने के लिए किया जाता है।'

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