क्या उद्धव ठाकरे वापस BJP के साथ आएंगे? फडणवीस से मुलाकात के मायने समझिए

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में क्या कोई बड़ा खेला होने वाला है? आगामी विधानसभा चुनाव 2024 से पहले सियासी जोड़ तोड़ का सिलसिला तेज हो गया है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे की लिफ्ट में मुलाकात से कयासों का दौर शुरू हो गया है। आपको इसके सियासी मायने समझने चाहिए।

Devendra Fadnavis and Uddhav Thackeray in Maharashtra Politics

क्या भाजपा और उद्धव के बीच पक रही है खिचड़ी?

Uddhav Thackeray Plan for Election: क्या उद्धव ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का महाराष्ट्र में दोबारा मिलन होने वाला है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि सूबे में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले सियासत में गुणा-गणित और जोड़ तोड़ का दौर तेज होने लगा है। ऐसे में सवाल वही है कि क्या चुनाव से पहले महाराष्ट्र में कोई बड़ा खेला होगा? क्या एक बार फिर भाजपा और उद्धव की शिवसेना साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी? दरअसल, खुद उद्धव ने अजब-गजब इशारा किया है।

भाजपा और उद्धव ठाकरे का होने वाला है पैच-अप?

सवाल यही है कि क्या उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूटीबी) और भाजपा में दोबारा पैच अप होने वाला है, दोनों पार्टियां एकसाथ चुनाव लड़ने पर विचार कर रही हैं? इस सवाल का जवाब आने वाले कुछ दिनों में मिल ही जाएगा, लेकिन आपको हम महाराष्ट्र का सियासी समीकरण समझाते हैं।

क्या फिर पलटी मारने के बारे में सोच रहे हैं उद्धव?

विधानसभा चुनाव 2024 से पहले सियासी पार्टियों के बीच कशमकश का दौर शुरू हो चुका है। महाविकास अघाड़ी (MVA) में शामिल पार्टियों कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूटीबी) ने बीते लोकसभा चुनावों में सूबे की 48 में से 30 सीटों पर जीत हासिल करके अपना दबदबा स्थापित किया। अब सवाल ये है कि विपक्षी गठबंधन एमवीए का विधानसभा चुनावों में क्या होगा। अगर तीनों पार्टियों के बीच पेंच फंसता है, तो उसकी वजह क्या होगी? चुनाव की खातिर तैयारियां तेज हो चुकी हैं, लेकिन अब तक सीट बंटवारों पर चर्चा तक शुरू नहीं हुई है। सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को सेट करने में ज्यादा देरी की जाएगी तो शायद चुनाव के वक्त पार्टियों के बीच मनमुटाव गहरा सकता है। उद्धव की शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने खुद इस बात की पुष्टि की थी कि महाराष्ट्र चुनाव के लिए एमवीए में सीट बंटवारे पर अभी बातचीत शुरू नहीं हुई है। ऐसे में क्या उद्धव एक बार फिर पलटी मारने पर विचार कर रहे हैं?

फडणवीस-उद्धव की मुलाकात के क्या हैं मायने?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की बृहस्पतिवार को संयोगवश विधानभवन की लिफ्ट में मुलाकात हुई जिसे लेकर राज्य के सियासी हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया। अब सवाल ये है कि ये मुलाकात महज संयोग थी या फिर प्रयोग...। दोनों नेता एक दूसरे से बात करते भी नजर आए। हालांकि ये बातचीत छोटी थी, लेकिन महाराष्ट्र में खेला होने के लिए एक पल भी काफी है। सूबे की सियासत में कब क्या हो जाए, इसका अंदाजा लगा पाना बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि रेत के भंडार या फिर रेगिस्तान में एक सुई की तलाश करना है। उद्धव और फडणवीस की मुलाकात हुई, दोनों के बीच क्या बात हुई ये सवाल बरकरार है।

उद्धव ठाकरे ने खुद कर दिया ये बड़ा इशारा

महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन फडणवीस और ठाकरे एक साथ लिफ्ट का इंतजार कर रहे थे। प्रसारित वीडियो में दोनों नेता इस दौरान संक्षिप्त बातचीत करते दिखते हैं। ठाकरे ने कहा, 'लोगों ने उस गाने के बारे में सोचा होगा कि ‘न न करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे’। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।' उन्होंने मीडिया से हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि लिफ्ट के कान नहीं होते तथा लिफ्ट में इस तरह की और मुलाकात एक अच्छी बात है।

फडणवीस-ठाकरे की मुलाकात संयोग या प्रयोग

उन्होंने कहा कि लिफ्ट की घटना का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए क्योंकि यह एक 'अप्रत्याशित मुलाकात' थी। हालांकि सवाल ये भी है कि अप्रत्याशित मुलाकात में भी कभी-कभी ऐसी सियासी खिचड़ी पक जाती है, जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की हो। इस मौके पर लिफ्ट में ही मौजूद रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक प्रवीण दारेकर ने कहा, 'जब लिफ्ट का दरवाजा खुला तो फडणवीस सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय की ओर बढ़ गए जबकि उद्धव जी विपक्षी पार्टी कार्यालय की ओर चले गए। इसका मतलब है कि उनका सत्तारूढ़ दल के साथ जुड़ने का कोई इरादा नहीं है।'

बीजेपी के इस नेता ने सदन में ठाकरे से की मुलाकात

भाजपा के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने भी ठाकरे से विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अम्बादास दानवे के कार्यालय में मुलाकात की। पाटिल ने ठाकरे को गुलदस्ता और चॉकलेट भेंट की। इस मौके पर ठाकरे ने शुक्रवार को पेश किए जाने वाले राज्य के बजट में शामिल रियायतों की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए चुटकी ली और कहा, 'आप कल लोगों को एक और चॉकलेट देंगे।'
महाराष्ट्र में क्या होने वाला है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हालांकि कयासों का बाजार गर्म हो चुका है, किसी को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि भाजपा और शिवसेना (यूटीबी) के नेताओं के बीच हंसी मजाक जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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