Paper Leak Act: 10 साल सजा और 1 करोड़ जुर्माना, पेपर लीक कानून के बारे में सबकुछ जानिए

सरकारी भर्ती परीक्षाओं में परीक्षा पत्रों के लीक होने जैसी धोखाधड़ी मामलों की जांच के उद्देश्य से संसद में 'धोखाधड़ी विरोधी' विधेयक पारित किया गया था। जानिए इसमें क्या-क्या प्रावधान हैं।

Exams and paper leak

लोक परीक्षा विधेयका में क्या-क्या प्रावधान

Paper Leak Act 2024: नीट-यूजी परीक्षा 2024 (NEET-UG) पेपर लीक और इस पर मचे हंगामे और यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा रद्द होने के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में है।सरकार ने नकल और पेपर लीक रोकने के लिए 'लोक परीक्षा कानून 2024' की अधिसूचना जारी कर दी है। इस कानून में कड़े प्रावधान हैं। इसी साल फरवरी में पारित हुए कानून में कई सख्त प्रावधान हैं और इसका उद्देश्य नकलबाजों और पेपर लीक कराने वालों पर सख्त कार्रवाई करना है।

पेपर लीक से सरकार की कोशिशों पर पलीता

साफ-सुथरी परीक्षा कराने की सरकार की महत्वाकांक्षाओं पर नकलबाज और पेपर लीक करने वाले पलीता लगा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि सरकार को यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा पर बड़ा फैसला लेना पड़ा। मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी (NEET) में हुई अनियमितताओं को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार 19 जून को यूजीसी-नेट 2024 (UGC NET) को रद्द करने का आदेश दे दिया था। केंद्र ने परीक्षा का पेपर लीक होने की आशंका के बीच ये फैसला। सरकार ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को भी सौंप दी।

राष्ट्रपति ने दी थी लोक परीक्षा विधेयक को मंजूरी

इसी साल फरवरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) (Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill ) विधेयक को मंजूरी दी थी जो एक कानून बन गया। केंद्र सरकार यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC) आदि भर्ती परीक्षाओं और एनईईटी (NEET), जेईई (JEE) और (CUET) सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में लीक, अनियमितता के साथ-साथ संगठित कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लाई थी।

इस कानून के प्रावधान और सजा

  • लोक परीक्षा विधेयक 2024 के तहत दंड का प्रस्ताव है कि अनुचित साधनों के लिए तीन से पांच साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति, समूह या व्यक्ति इस तरह का संगठित अपराध करते हैं जिसमें परीक्षा प्राधिकरण, सेवा प्रदाता या कोई अन्य संस्थान शामिल होत है, तो उन्हें न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ 5 से 10 साल की कैद की सजा दी जाएगी।
  • कानून एजेंसियों को परीक्षा की लागत की आनुपातिक वसूली के लिए संगठित अपराध करने में शामिल संस्थानों की संपत्तियों को कुर्क करने और जब्त करने का अधिकार देता है।
  • कानून यह भी कहता है कि पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त रैंक का एक अधिकारी अधिनियम के तहत किसी भी शिकायत की जांच के लिए जिम्मेदार होगा।

NET परीक्षा में 11 लाख छात्र शामिल हुए

शिक्षा मंत्रालय ने पटना में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से एक रिपोर्ट भी मांगी है और कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है और विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वहीं, अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पर भी विवाद गहरा गया है। पहले की प्रथा से हटकर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) इस बार एक ही दिन 18 जून को पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित की गई थी। इसमें रिकॉर्ड 11 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी।
यूजीसी-नेट जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करने की एक परीक्षा है। राज्यसभा और लोकसभा में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में परीक्षा पत्रों के लीक होने जैसी धोखाधड़ी मामलों की जांच के उद्देश्य से धोखाधड़ी विरोधी' विधेयक पारित किया गया था। इसमें कई सख्त प्रावधान हैं।

क्यों पड़ी कानून की जरूरत?

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक की जरूरत के बारे में बताते हुए कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में प्रश्नपत्रों के लीक होने और परीक्षाओं और परीक्षाओं के रद्द होने के कारण संगठित नकल ने लाखों छात्रों के हितों को प्रभावित किया है। हाल के दिनों में असामाजिक, आपराधिक तत्वों द्वारा अपनाए गए तरीकों के कारण कई राज्यों को अपनी सार्वजनिक परीक्षाओं के परिणाम रद्द करने पड़े या घोषित नहीं कर सके। अगर इसे प्रभावी ढंग से रोका नहीं गया तो इस देश के लाखों महत्वाकांक्षी युवाओं का भविष्य और करियर खतरे में बना रहेगा। कई मामलों में यह देखा गया है कि इसमें संगठित समूह और माफिया तत्व भी शामिल हैं। वे सॉल्वर गिरोह, शातिर तरीके अपनाकर पेपर लीक में शामिल रहते हैं। इस विधेयक का उद्देश्य मुख्य रूप से इस तरह के नापाक तत्वों को रोकना है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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