इजरायल की इस खुफिया एजेंसी ने लेबनान पर बरपाया कहर, जानिए मोसाद से कैसे अलग है यूनिट-8200

Unit 8200: इसका मुख्य काम जासूसी के लिए तकनीकी उपकरण विकसित करना और तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इंटेलिजेंस जुटाना है। इसकी तुलना अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी से की जाती है। यह यूनिट साइबर हमले, हैकिंग और सभी तरह के ऑन लाइन खतरों से इजरायल के सुरक्षा तंत्र की सुरक्षा करती है।

Lebanon

लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी में हुए विस्फोट।

मुख्य बातें
  • मंगलवार को लेबनान के 5000 पेजर्स में हुए विस्फोट
  • अगले दिन बुधवार को वॉकी-टॉकी में हुए धमाके
  • लेबनान का कहना है कि विस्फोट के पीछे इजरायल
Unit 8200: लेबनान में हिज्बुल्ला के पेजर में विस्फोट कराने के पीछे इजरायल का हाथ माना जा रहा है। हालांकि, इजरायल ने विस्फोट की इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन रिपोर्टों में इस घटना के लिए इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और उसकी यूनिट 8200 की भूमिका मानी जा रही है। मंगलवार को लेबनान के कई हिस्सों में करीब 5000 पेजर्स में विस्फोट हुए और इसके अगले दिन यानी गुरुवार को वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए। बातचीत के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इन दोनों उपकरणों में हुए विस्फोटों में अब तक कम से कम 32 लोगों के मारे जाने और 3,250 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात कही गई है। हालांकि, मृतकों एवं घायल लोगों का वास्तविक आंकड़ा ज्यादा हो सकता है।

विस्फोट की योजना यूनिट 8200 ने बनाई

रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पेजर्स और वॉकी-टॉकी में विस्फोट कराने के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से ज्यादा इजरायल डिफेंस फोर्स की खुफिया इकाई यूनिट 8200 का हाथ है। बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन में यही यूनिट 8200 शामिल रही है। रिपोर्टों में एक पश्चिमी सुरक्षा स्रोत के हवाले से कहा गया है कि लेबनॉन में इस ऑपरेशन को कैसे और किस तरह से अंजाम देना है, इसकी पूरी योजना इसी यूनिट ने बनाई। पेजर्स और वॉकी-टॉकी में विस्फोट कराने की योजना पर करीब एक साल तक काम हुआ। सूत्रों का कहना है कि पेजर्स और वॉकी-टॉकी के उत्पादन के दौरान उनमें विस्फोटक कैसे लगाया जाए और लगने के बाद विस्फोट कितना प्रभावशाली है, इसकी जांच इसी यूनिट ने की।

स्पेशलाइज्ड सैन्य यूनिट है 8200

यूनिट 8200 के बारे में कहा जाता है कि यह आईडीएफ की अत्यंत स्पेशलाइज्ड सैन्य यूनिट है। इसका मुख्य काम जासूसी के लिए तकनीकी उपकरण विकसित करना और तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इंटेलिजेंस जुटाना है। इसकी तुलना अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी से की जाती है। यह यूनिट साइबर हमले, हैकिंग और सभी तरह के ऑन लाइन खतरों से इजरायल के सुरक्षा तंत्र की सुरक्षा करती है। बताया जाता है कि 2005 से 2010 के बीच Stuxnet वायरस हमले में इसकी खास भूमिका रही। इस वायरस ने ईरान के परमाणु संयंत्रों को नुकसान पहुंचाया था। यही नहीं, आरोप यह भी है कि यूनिट 8200 साल 2017 में लेबनान के सरकारी दूरसंचार कंपनी ओगेरो पर साइबर हमला किया और उसके संचार तंत्र को बाधित किया। साल 2018 में आईएसआईएस की साजिश को भी नाकाम किया।

कमांडर को देना पड़ा इस्तीफा

हालांकि, इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमलों के बाद मोसाद की तरह आईडीएफ की इस यूनिट पर भी सवाल उठे और इसकी आलोचना हुई। हमास के हमलों के बारे में खुफिया इनपुट नहीं जुटा पाने में असफल होने पर इसके कमांडर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा लेकिन लेबनान में कार्रवाई के लिए उसकी प्रशंसा हो रही है। हिज्बुल्ला ने इस हमले के लिए इजरायल को सीधे रूप से जिम्मेदार ठहराया है। उसने कहा है कि वह पहले की तरह इजरायल के खिलाफ अपने हमले जारी रखेगा।

1949 में बनी मोसाद

इजरायल के देश बनने के बाद मोसाद की स्थापना 1949 में हुई। मुख्य रूप से इसके तीन काम हैं, पहला विदेशों से खुफिया जानकारियां जुटाना, दूसरा उन इंटेलिजेंस यूनिट का विश्लेषण करना और तीसरा कोवर्ट ऑपरेशन यानी दूसरे देशों में जाकर अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाना। 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में इजरायली खिलाड़ियों की हत्या का बदला इसने जिस तरह से लिया, इससे दुनिया भर में इसकी साख बढ़ गई। यही नहीं, हिटलर के कहने पर यहूदियों का नरसंहार करने वाले एडोल्फ एकमैन को भी मोसाद पकड़कर इजरायल लाई। एकमैन नाम और हुलिया बदलकर अर्जेंटाना में छिपा हुआ था। मोसाद को जब यह पता चला तो एक टीम अर्जेंटीना गई और उसे अगवा कर इजरायल लाई और कोर्ट में सुनवाई के बाद उसे फांसी की सजा दी।

घायलों का हो रहा इलाज

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि घायलों को क्षेत्र के सभी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है ताकि किसी एक अस्पताल पर बोझ नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि तुर्किये, इराक, ईरान, सीरिया और मिस्र ने मरीजों के इलाज में मदद की पेशकश की है। हवाई अड्डा अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले बुधवार को चिकित्सा उपकरणों के साथ एक इराकी सैन्य विमान बेरूत में उतरा था। अबियाद ने कहा कि विमान में 15 टन दवाएं और चिकित्सा उपकरण थे। बुधवार सुबह अस्पतालों का दौरा करने के दौरान लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद ने कहा कि कई घायलों की आंखों में गंभीर चोट आई है और कई अन्य के अंग काटने पड़े। पत्रकारों को अस्पताल के कमरों में घुसने या मरीजों को फिल्माने की अनुमति नहीं थी।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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