पश्चिम, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, अवध... उत्तर प्रदेश में भाजपा को कहां कितना हुआ नुकसान? एक क्लिक में जानें सबकुछ

UP Politics: सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर अपने विरोधियों को जहां चारो खाने चित कर दिया, तो वहीं उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में भाजपा के चुनावी ग्राफ में गिरावट देखी गई है। भाजपा ने शायद ये कल्पना भी नहीं की होगी कि यूपी में उसे इतनी बड़ी हार का मुंह देखना पड़ेगा। आपको इस सूबे का समीकरण समझाते हैं।

कैसे हारे उत्तर प्रदेश?

BJP in UP: जिस उत्तर प्रदेश के दम पर भारतीय जनता पार्टी हुंकार भरती रही है, उसी राज्य में इस बार INDI गठबंधन ने NDA को पानी पिला दिया। अखिलेश यादव की पार्टी ने न सिर्फ यूपी की सबसे अधिक सीटों पर कब्जा जमाया, बल्कि अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी जीत हासिल कर ली। इससे पहले 2004 में सपा ने मुलायम राज में सूबे की 80 में से 35 सीटों पर जीत का बिगुल बजाया था, मगर अखिलेश ने अपने ही पिता का रिकॉर्ड तोड़ दिया और 37 सीटों पर अपनी पार्टी को जीत दिलाई। अखिलेश की जीत भाजपा के लिए गले की फांस बन गई है।

INDI गठबंधन कैसे भाजपा को किया चारो खाने चित?

सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर अपने विरोधियों को जहां चारो खाने चित कर दिया, तो वहीं उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में भाजपा के चुनावी ग्राफ में गिरावट देखी गई है। भाजपा ने शायद ये कल्पना भी नहीं की होगी कि यूपी में उसे इतनी बड़ी हार का मुंह देखना पड़ेगा। वो कहते हैं न कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है, शायद यही वजह है कि 10 साल बाद पहली बार भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत तक हासिल नहीं कर पाई। भाजपा को राज्य के हर क्षेत्र में जबरदस्त नुकसान हुआ है। आपको बताते हैं कि यूपी के किस इलाके में कितनी लोकसभा सीटें हैं और वहां भाजपा को कितना झटका लगा।

उत्तर प्रदेश की किस क्षेत्र में कितनी लोकसभा सीटें?

क्षेत्रसीटें
पश्चिमी यूपी10
ब्रज8
रुहेलखंड11
बुंदेलखंड5
अवध20
पूर्वांचल26
इन इलाकों में भाजपा ने नहीं किया बेहतर प्रदर्शन

राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से सबसे अधिक 26 सीटें पूर्वांचल में हैं। इसके बाद अवध में 20, रुहेलखंड में 11, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10, ब्रज क्षेत्र में आठऔर बुंदेलखंड में पांच सीटें हैं। राम मंदिर निर्माण की सफलता पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार करने के अति आत्मविश्वास से भरी भाजपा को लोकसभा चुनाव में अपने सबसे मजबूत किले यानी उत्तर प्रदेश में ही अप्रत्याशित चुनाव नतीजों का सामना करना पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिये राज्य के पश्चिमांचल, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध समेत विभिन्न क्षेत्रों में परिणाम अच्छे नहीं रहे।

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