दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट पर सस्पेंस, ट्रंप-हैरिस को FOX न्यूज ने भेजा निमंत्रण, क्या अपना मन बदलेंगे रिपब्लिकन उम्मीदवार

US Presidential Debate : ट्रंप के पीछे हटने के बाद दूसरी डिबेट होगी की नहीं इस पर स्थिति अभी साफ नहीं है लेकिन बीते एक अक्टूबर को उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों डेमोक्रेट टिम वाल्ट्ज और रिपब्लिकन जेडी वेंस के बीच न्यूयॉर्क में सीबीएस न्यूज पर डिबेट हुई। इस डिबेट में दोनों उम्मीदवारों ने अपने-अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का बचाव किया और एक दूसरे की नीतियों पर सवाल खड़े किए।

US Presidential Debate

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024

US Presidential Debate : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में अब एक महीने से भी कम का वक्त बचा है। छह महीने पहले चुनाव- प्रचार का जो दौर शुरू हुआ था वह अपने पूरी रंगत और शबाब पर आ चुका है। डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ताबड़तोड़ रैलियां और एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। रेटिंग में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची हुई है। चुनाव प्रचार के इस अहम और निर्णायक चरण में दोनों की कोशिश यही है कि वे वोटरों के बीच अपनी बढ़त कायम कर लें। चुनाव प्रचार तो चल ही रहा है लेकिन ट्रंप और हैरिस के बीच दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी कि नहीं, इस पर सस्पेंस बना हुआ है।

10 सितंबर को हुई थी पिछली डिबेट

दोनों उम्मीदवारों के बीच पहली प्रेसिडेंसियल डिबेट बीते 10 सितंबर को एबीसी न्यूज चैनल पर हुई थी। इस डिबेट में हैरिस के प्रदर्शन को सराहा गया। कइयों ने माना कि हैरिस के सवालों से ट्रंप असहज हो गए और उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा। सोशल मीडिया से लेकर तमाम मीडिया चैनलों पर हैरिस को डिबेट की विजता के रूप में पेश किया गया। इसके कुछ ही दिन बाद ट्रंप ने ऐलान कर दिया कि कमला हैरिस के साथ उनकी अब कोई डिबेट नहीं होगी। अब जो भी होगा पांच नवंबर के बाद होगा। ट्रंप ने दावा किया कि 10 सितंबर की डिबेट के बाद उन्होंने बढ़त बना ली है, इसलिए दूसरी डिबेट की अब जरूरत नहीं है। जानकारों का मानना है कि कमला के साथ डिबेट के बाद जो रेटिंग आई उसमें ट्रंप कमजोर साबित हुए। यह बात उनके राजनीतिक सलाहकारों ने भी देखी होगी। उन्हें सलाह दिया गया होगा कि अगली डिबेट में कमला यदि फिर बाजी मार ले गईं तो दोबारा राष्ट्रपति बनने का उनका सपना अधूरा रह सकता है। ऐसे में उनके लिए दूसरी डिबेट से दूर रहना ही बेहतर होगा।

डिबेट को बहुत चाव से सुनती है अमेरिकी जनता

ट्रंप के पीछे हटने के बाद दूसरी डिबेट होगी की नहीं इस पर स्थिति अभी साफ नहीं है लेकिन बीते एक अक्टूबर को उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों डेमोक्रेट टिम वाल्ट्ज और रिपब्लिकन जेडी वेंस के बीच न्यूयॉर्क में सीबीएस न्यूज पर डिबेट हुई। इस डिबेट में दोनों उम्मीदवारों ने अपने-अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का बचाव किया और एक दूसरे की नीतियों पर सवाल खड़े किए। कहना यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में प्रेसिडेंशियल डिबेट का बहुत महत्व होता है। दोनों उम्मीदवार आमने-सामने होते हैं। घरेलू और वैश्विक मुद्दों पर वे अपनी राय रखते हैं, एक-दूसरे की नीतियों पर सवाल खड़े करते हैं। अमेरिकी जनता दोनों उम्मीदवारों की राय, उनके तर्कों और नीतियों को ध्यान से सुनती है और फिर उनके लिए कौन बेहतर राष्ट्रपति साबित होगा, उसके पक्ष में मतदान करने का निर्णय लेती है। प्रेसिडेंशियल डिबेट एक तरह से जनमत का निर्माण करते हैं।

फॉक्स न्यूज ने भेजा है निमंत्रण

अमेरिकी मीडिया भी चाहता है कि ट्रंप और हैरिस के बीच दूसरी डिबेट हो। इसके लिए वह प्रयास भी कर रहा है। फॉक्स न्यूज का कहना है कि दूसरी डिबेट के लिए उसने ट्रंप और हैरिस को न्योता भेजा है। चैनल का कहना है कि दोनों उम्मीदवार अपनी पसंद के हिसाब से डिबेट के लिए 24 या 27 अक्टूबर का दिन चुन सकते हैं। फॉक्स न्यूज ने अपने बयान में कहा है कि दोनों उम्मीदवार यदि दूसरी डिबेट करते हैं तो अलग-अलग मुद्दों पर उनकी अंतिम राय के बारे में लोग जान सकेंगे। फॉक्स न्यूज के इस निमंत्रण का फिलहाल दोनों उम्मीदवारों ने कोई जवाब नहीं दिया है।

रेटिंग में हैरिस ने ली है बढ़त

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के कई पहलू हैं। इसमें प्रेसिडेंशियल डिबेट तो एक बड़ा पहलू तो है ही। लोगों के बीच उम्मीदवारों की रेटिंग क्या चल रही है, यह भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। मतदान की तारीख यानी 5 नवंबर का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे चुनावी लड़ाई करीबी और तीखी होती जा रही है। अमेरिका में दोनों उम्मीदवारों की लोकप्रियता बताने के लिए समय-समय पर और लगातार सर्वे हुए हैं। अब तक हुए सभी सर्वे के औसत के बारे में अगर बात करें तो गत जुलाई में उम्मीदवारी की रेस में आने के बाद हैरिस, ट्रंप से आगे रही हैं। कमला की ओवरऑल रेटिंग 49 और ट्रंप की 46 फीसद है। यानी कमला, रिपब्लिकन उम्मीदवार से 3 फीसद आगे हैं।

अंतिम समय में मतदाता करते हैं फैसला

बताया जाता है कि पेन्सिलवेनिया में 10 सितंबर को ट्रंप और हैरिस के बीच जो डिबेट हुई उसे 67 मिलियन यानी 6.7 करोड़ लोगों ने देखा। इस डिबेट के बाद डेमोक्रेट उम्मीदवार हैरिस की रेटिंग में उछाल आना शुरू हो गया। ट्रंप की अगर बात करें तो डिबेट से पहले उनकी औसत रेटिंग बढ़ रही थी लेकिन डिबेट के बाद में इसमें आधे प्रतिशत की गिरावट देखी गई। दरअसल, रेटिंग में कमी या वृद्धि देश भर में उम्मीदवार की लोकप्रियता और पसंद बताते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वही उम्मीदवार राष्ट्रपति बनेगा जिसकी तरफ ये सर्वे इशारा करते हैं। अंतिम समय में फैसला मतदाता करते हैं और वोटिंग करने से पहले उनका मन कई बार बदल जाता है।

दूसरी डिबेट में राय सुनना चाहेगी अमेरिकी जनता

दूसरा, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का तरीका अन्य लोकतांत्रिक देशों से अलग होता है। यहां चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज सिस्टम के तहत होता है। मतलब कि प्रत्येक राज्य को उसकी आबादी के हिसाब से वोट्स दिए जाते हैं। यानी कि अमेरिका में इलेक्टोरल वोटों की कुल संख्या 538 है और चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 270 वोट पाना जरूरी होता है। अमेरिका में 50 राज्य हैं और इनमें से ज्यादातर राज्य एक ही पार्टी को चुनते आए हैं। यहां कुछ ही राज्य ऐसे हैं जहां दोनों उम्मीदवारों को जीत दर्ज करने की जरूरत होती है। इन्हें स्विंग और बैटलग्राउंड स्टेट्स कहा जाता है। इन्हीं राज्यों में असली लड़ाई होती है और यही राज्य उम्मीदवार की जीत और हार तय करते हैं। तो असली लड़ाई यहीं होनी है लेकिन माहौल डिबेट से बनता है। घरेलू मुद्दों अबॉर्शन, टैक्स, इकॉनमी, इमिग्रेशन और वैश्विक मुद्दों क्लाइमेट चेंज, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास, हिज्बुल्ला युद्ध सहित मिडिल इस्ट संकट पर दोनों नेताओं की ताजा राय क्या है, ये अमेरिकी जनता एक बार फिर से जानना चाहेगी। उम्मीद है कि ट्रंप और हैरिस फॉक्स न्यूज के निमंत्रण को स्वीकार और दूसरी डिबेट के लिए तैयार होंगे।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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