कमला का नहीं चला 'कमाल', अमेरिकियों को महिला राष्ट्रपति के लिए करना पड़ेगा अभी और इंतजार

US Presidential Election Results 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर देश में महिला राष्ट्रपति होने की संभावना को खत्म कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही 235 साल पुराना इंतजार और लंबा हो गया। आखिरी बार 2016 में हिलेरी क्लिंटन राष्ट्रपति पद के काफी नजदीक पहुंचीं, लेकिन हार गई थीं और इस बार कमला हैरिस काफी पीछे रह गईं।

Kamala_Harris

कमला हैरिस

मुख्य बातें
  • अमेरिका को नहीं मिल पाई महिला राष्ट्रपति।
  • डोनाल्ड ट्रंप ने दर्ज की जीत।
  • 235 साल पुराना इंतजार और हुआ लंबा।

US Presidential Election Results 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर देश में महिला राष्ट्रपति होने की संभावना को खत्म कर दिया। रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) व्हाइट हाउस (White House) की दौड़ में विजेता बनकर उभरे, जबकि ड्रेमोक्रेट कमला हैरिस (Kamala Harris) उनसे काफी पीछे रह गईं।

कब हुआ था पहला राष्ट्रपति चुनाव?

1788-89 में अमेरिका में पहला राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। अधिकांश इतिहासकार और लेखक मानते हैं कि विक्टोरिया वुडहुल 1872 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली महिला थीं। हालांकि, देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिलने का इतंजार 235 वर्ष लंबा हो गया है।

अमेरिका न सिर्फ दुनिया की आर्थिक और सैन्य महाशक्ति, बल्कि कई लोग इसे लोकंत्रत के सर्वोत्तम उदाहरण के रूप में भी मानते हैं, लेकिन सर्वोच्च पद पर किसी महिला का न होना देश के लोकतांत्रिक स्वरूप पर सवालिया निशाना खड़े करता है।

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क्या है विशेषज्ञों का तर्क?

कई विद्वानों का मानना है कि सत्ता में महिलाएं का होना राजनीतिक व्यवस्था में विश्वास और वैधता की भावनाओं को मजबूत करता है। ये अन्य महिलाओं को भी उम्मीदवारी के लिए प्रेरित करता है।

अमेरिका में कई उच्च पदों को महिलाएं संभाल चुकी हैं। संसद के दोनों सदनों में महिलाओं की मौजूदगी रही है। आखिर बात जब देश के सर्वोच्च पद की आती है तो अमेरिका का रिकॉर्ड जीरो है। आखिरी बार 2016 में हिलेरी क्लिंटन पद के काफी नजदीक पहुंचीं, लेकिन हार गई। उन्हें ट्रंप से लगभग 28 लाख अधिक पापुलर वोट मिले, लेकिन चुनाव ट्रंप ने जीता, क्योंकि उन्होंने इलेक्टोरल कॉलेज का बहुमत प्राप्त कर लिया।

दूसरे देशों का US से बढ़िया रहा प्रदर्शन

हालांकि, हर मामले में अमेरिका से कहीं पीछे माने जाने वाले देशों ने सर्वोच्च पद महिला को देने में बिल्कुल संकोच नहीं दिखाया है। 1960 में सिरीमावो भंडारनायके ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया था। वह दुनिया में किसी भी देश की प्रमुख के रूप में चुनी जाने वाली पहली महिला थीं।

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दुनिया ने देखी 'इंदिरा' की ताकत

इसके छह वर्ष बाद, भारत ने 1966 में इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना। इंदिरा गांधी का आकलन विश्लेषक और इतिहासकार भारत के सबसे ताकतवर पीएम के रूप में करते हैं। इंदिरा गांधी 1984 में हत्या से पहले तीन बार भारत की प्रधानमंत्री रहीं।

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान 1988 में बेनजीर भुट्टो के रूप में पहली प्रधानमंत्री मिली। वह किसी मुस्लिम बहुल राष्ट्र की पहली महिला नेता बनीं। क्या अमेरिका का तथाकथित लोकतांत्रिक और आधुनिक समाज लैंगिक भेदभाव और पितृसत्ता को स्वीकार करता है। क्या वह यह मानता है कि सर्वोच्च पद किसी महिला को नहीं दिया जा सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब अमेरिकी लोकतांत्रिक को खोजने होंगे।

(इनपुट: आईएएनएस)

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अनुराग गुप्ता author

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