NCR नहीं SCR...लखनऊ ही नहीं उन्नाव, सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी में भी होंगी नोएडा-गुडगांव जैसी लग्जरी सुविधाएं, मैप में देखिए अपने शहर को...
Uttar Pradesh State Capital Region: उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन के बाद के बाद इसमें शामिल छह जिलों के लिए एक नियोजित प्लान तैयार होगा, जो आगामी 50 साल की जरूरतों के हिसाब से होगा। इस क्षेत्र की सीमा में आने वाले छह जिलों - लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव का नोएडा और गुरुग्राम की तरह शहरीकरण और विकास होगा।
Uttar Pradesh State Capital Region
Uttar Pradesh State Capital Region: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) यानी NCR की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश में भी SCR ( UP State Capital Region) को विकसित किया जाएगा। यहां नोएडा-गुडगांव जैसी सुविधाएं होंगी। गगनचुंबी इमारतें, अपार्टमेंट, मेट्रो, इंफ्रास्ट्रक्शन, इंडस्ट्री से लेकर तमाम सुविधाएं स्टेट कैपिटल रीजन में होंगी। बीते दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसे विकसित करने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र में लखनऊ समेट 6 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव शामिल है। राज्य राजधानी क्षेत्र का विकास सुनियोजित तरीके से किया जाएगा। योगी सरकार की योजना के मुताबिक, छह जिलों की 27860 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण एससीआर के लिए होगा। एससीआर डेवलेपमेंट अथॉरिटी के गठन के बाद इन सभी जिलों का नियोजित शहरीकरण और विकास होगा।
पूरी होंगी 50 साल की जरूरतें
एससीआर के गठन के बाद इसमें शामिल छह जिलों के लिए एक नियोजित प्लान तैयार होगा, जो आगामी 50 साल की जरूरतों के हिसाब से होगा। सीएम योगी इस बाबत निर्देश भी जारी कर चुके हैं। इसी के आधार पर प्रस्तावित क्षेत्र का नक्शा तैयार होगा। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृति पर्यटन को भी ध्यान में रखकर विकास कार्य किए जाएंगे।
एक नजर में उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन की मुख्य बातें
- एनसीआर की तर्ज पर होगा एससीआर का विकास
- उत्तर प्रदेश के छह जिले एससीआर में शामिल होंगे। इनमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव हैं।
- एससीआर के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिसे उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण कहा जाएगा।
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे।
- एससीआर का उद्देश्य सभी छह जिलों का नियोजित शहरीकरण और विकास करना है।
- एससीआर का प्रस्तावित क्षेत्रफल 27826 वर्ग किमी है, जिसका नक्शा तैयार किया जाएगा।
- इस शहर के मास्टर प्लान में आगामी 50 साल की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा।
यानी इन जिलों भी पहुंचेगी मेट्रो
दिल्ली से जुड़े एनसीआर वाले इलाकों जैसे - नोएडा, गुडगांव का जिस तरह शहरीकरण हुआ है, ठीक वैसा ही शहरीकरण लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव में भी होगा। अभी लखनऊ के साथ-साथ कानपुर में मेट्रो पहुंच गई है। प्लान के मुताबिक, आने वाले समय में इन जिलों में भी मेट्रो कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं लोगों को मिल सकती हैं। वहीं, बड़े-बड़े बिल्डर्स भी अब केवल लखनऊ की सीमा तक सीमित नहीं रहेंगे। एससीआर के निर्माण से उनका दायरा भी बढ़ेगा।
राज्य राजधानी क्षेत्र के जिले का नाम, जनसंख्या और क्षेत्रफल
क्रमांक | जिला | क्षेत्रफल | आबादी |
1 | लखनऊ | 2528 | 4589838 |
2 | हरदोई | 5986 | 4092845 |
3 | सीतापुर | 5743 | 4483992 |
4 | बाराबंकी | 4558 | 3108367 |
5 | रायबरेली | 4609 | 3405559 |
6 | उन्नाव | 4402 | 3260699 |
योग | 27826 | 22941300 |
उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र प्राधिकरण के चेयरमैन खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव इस प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और लखनऊ मंडलायुक्त सचिव होंगे। इसके अलावा सभी 6 जिलों के डीएम और विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी प्राधिकरण के सदस्य होंगे। भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी भी एससीआर सदस्य होंगे।
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