हल्द्वानी हिंसा एक्सप्लेनर: हल्द्वानी में अब कैसे हैं हालात? उपद्रवियों ने ऐसे भड़काई हिंसा, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
uttarakhand haldwani Haldwani violence Explained(हल्द्वानी हिंसा): हलद्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं, जिसमें अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में ये हिंसा आखिर कैसे और क्यों फैली, इस हिंसा की साजिश कैसे रची गई। पढ़ें उत्तराखंड हलद्वानी हलद्वानी हिंसा की व्याख्या
हिंसा के बाद हल्द्वानी की स्थिति।
Haldwani Violence Inside Story: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई। ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को जब नगर निगम ने जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया(), इसी के बाद क्षेत्र में पैदा हिंसक स्थिति पैदा हो गई। घटना में 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम (अनुमंडलाधिकारी) भी शामिल हैं। कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। आपको बताते हैं कि आखिर ये हिंसा कैसे भड़की?
हल्द्वानी हिंसा: 4 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल
उत्तराखंड के राज्य एडीजी कानून एवं व्यवस्था एपी अंशुमान ने हलद्वानी हिंसा से जुड़ी जानकारी साझा की है और बताया है कि 'हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।'
नैनीताल जिला प्रशासन ने उत्तराखंड के हलद्वानी हिंसा को लेकर अपडेट दिया है कि हलद्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं, जिसमें अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। प्रशासन ने सभी स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया है। हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
उत्तराखंड के हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में भीड़ ने गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। बीते 8 फरवरी, 2024 को अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद हलद्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा भड़क उठी। जिलाधिकारी के आदेश पर बनभूलपुरा में कर्फ्यू लागू कर दिया गया।
समझिए कैसे शुरू हुआ सारा हल्द्वानी विवाद
एक अवैध मदरसे हटाने के लिए अधिकारी पहुंचे ही थे कि लोगों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया। लोगों ने पहले तो विरोध प्रदर्शन किया, मगर जैसे ही बुलडोजर का एक्शन शुरू हुआ, अपनी छतों से लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पत्थर फेंकने के साथ-साथ कई गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया गया। शुरुआत में इस प्रदर्शन में महिलाएं भी थीं, जो मदरसे को न तोड़ने की अपील कर रही थीं, लेकिन कुछ ही देर में हिंसा की पूरी साजिश रच दी गई। अचानक से वहां इतने सारे पत्थर आ जाते हैं और आगजनी हो जाती है। ऐसे में सवाल उठने लाजमी है।
हल्द्वानी हिंसा: अवैध मदरसे एवं मस्जिद को कर दिया ध्वस्त
हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आसपास कक्षा 1-12 तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की तथा अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे एवं मस्जिद को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया। जानकारी के अनुसार, इस दौरान मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
हल्द्वानी हिंसा: अराजक तत्वों ने बैरिकेड तोड़ मचाया उपद्रव
जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्हें बैरिकेड तोड़ते और विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही एक बुलडोजर ने मदरसे और मस्जिद को ढहाया, भीड़ ने पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव किया। अराजक तत्वों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर हल्का बल प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि, भीड़ द्वारा पुलिस गश्ती कार सहित कई वाहनों को आग लगाने से तनाव बढ़ गया। उन्होंने बताया कि देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई, जिससे कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया।
इस दौरान, नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा की अगुवाई में भारी पुलिस बल तैनात रहा। मीणा ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अदालत के आदेश के अनुपालन में की गई है। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा तथा नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने बताया कि इस स्थल के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में ही कब्जा ले लिया था और अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल को सील कर दिया था जिसे आज ध्वस्त किया गया है। पुलिस ने बताया कि पथराव करने वाले अराजक तत्वों की पहचान की जा रही है।
हल्द्वानी हिंसा: एक्शन में सीएम धामी, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों तथा कार्मिकों पर हुए हमले एवं क्षेत्र में अशांति फैलाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिये। देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शांति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।
इस बीच, उत्तराखंड उच्च न्यायालय में आज हल्द्वानी में मस्जिद और मदरसे को ढहाए जाने से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य द्वारा दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं को हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई है। हालांकि, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ द्वारा मामले में कोई राहत नहीं दी गई, जिसके बाद विध्वंस की कार्रवाई शुरू हुई। अब इस मामले की सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
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