क्या होते हैं डिफेंस अताशे? जिन्हें एक हफ्ते में छोड़ना होगा भारत, मोदी सरकार की PAK पर सबसे बड़ी स्ट्राइक

What is a Defence Attache: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन में नजर आ रही है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया। बता दें कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान के सैन्य अताशे को भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का वक्त है।

Defence Attache

क्या होते हैं डिफेंस अताशे

What is a Defence Attache: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन में नजर आ रही है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया। साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया है। इसके अलावा मोदी सरकार ने पाकिस्तान के सैन्य अताशे को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम भी दिया है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य अताशे के पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का वक्त है। सामान्य लोगों को सुनने में यह शब्द थोड़ा अटपटा लग सकता है तो चलिए समझते हैं कि सैन्य अताशे या डिफेंस अताशे आखिर क्या होता है और उनका कामकाज क्या होता है।

क्या होता है डिफेंस अताशे?

सैन्य अताशे, जिन्हें डिफेंस अताशे भी कहा जाता है, एक तरह से किसी भी देश के रक्षा विशेषज्ञ होते हैं और उनका जुड़ाव दूतावास/उच्चायोग से होता है। डिफेंस अताशे के पद पर आमतौर पर ऊचे पद के सैन्य अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। सैन्य अताशे को एक विदेशी राजनयिक के विशेषाधिकार और इम्युनिटी प्राप्त होती है। सैन्य अताशे का मुख्य कार्य अपने देश की सैन्य नीतियों, रक्षा सहयोग और सुरक्षा हितों को बढ़ावा देना है।

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  • सैन्य कूटनीति: मेजबान देश की सेना और सरकार के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना।
  • खुफिया जानकारी: देश से जुड़े मसलों की खुफिया जानकारी एकत्रित करना और अपने देश को उसकी जानकारी देना।
  • सहयोग और समझौते: संयुक्त अभ्यास, हथियारों की खरीदारी इत्यादि सहयोगों को बढ़ावा देना भी शामिल है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीसीएस की बैठक में यह फैसला भी किया गया है कि पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है तथा उनसे एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। सरकार ने यह भी तय किया है कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाया जाएगा।

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अनुराग गुप्ता author

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