क्या केजरीवाल की राह पर चलेंगे हेमंत सोरेन? झारखंड के CM अगर फिर हुए गिरफ्तार तो, ये हैं 3 विकल्प
If Hemant Soren Arrested: अगर हेमंत सोरेन फिर से गिरफ्तार होते हैं तो क्या वो मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ेंगे या फिर जेल में रहते हुए अरविंद केजरीवाल के पदचिन्हों पर चलेंगे? सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार अभी भी लटक रही है। उन्हें जमानत मिली है, न कि वो निर्दोष साबित हुए हैं।
केजरीवाल की राह पर हेमंत सोरेन?
Hemant Soren Arrested Again What Happened Next: हेमंत सोरेन का असल प्लान क्या है? कथित जमीन घोटाला मामले में उन्हें भले ही झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी हो, लेकिन उनकी राह के कांटे कम नहीं हुए हैं। जेल से बाहर आते ही अपने सबसे बड़े फैसले के तौर पर उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी दोबारा संभालने का फैसला लिया, सीएम पद की शपथ भी ले ली, लेकिन एक सवाल हर किसी के जेहन में उठ रहा है कि यदि जांच एजेंसियों का चाबुक फिर चला, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी और वो फिर जेल की सलाखों के पीछे चले जाते हैं, तो फिर क्या करेंगे?
अगर अब जेल जाते हैं हेमंत सोरेन, तो क्या होगा?
कहावत है कि 'दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है'। हालांकि हेमंत सोरेन के फैसले और उनकी बॉडी लैंग्वेज ये जाहिर कर रही है कि उन्हें अब अपनी गिरफ्तारी की टेंशन नहीं है और यदि वो गिरफ्तार भी हो जाते हैं तो उनके पास कई ऐसे विकल्प है, जिसका इस्तेमाल करने से वो इस बार तो नहीं कतराएंगे। आपको तीन मुख्य विकल्प समझना चाहिए, जिसे हेमंत अपना सकते हैं।
पहला विकल्प: अरविंद केजरीवाल की पदचिन्हों पर चलेंगे हेमंत सोरेन
सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर चलने का मन बना लिया है? झारखंड विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है, ऐसे में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद चंपई सोरेन को कुर्सी से हटाकर खुद दोबारा सीएम बनना आखिर किस रणनीति का हिस्सा है? गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन के पास सबसे बड़ा और पहला विकल्प यही है कि वो केजरीवाल की राह को अपना लें और जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालें। इसके पीछे की रणनीति ये हो सकती है कि वो आगामी चुनावों में लोगों की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं।
ये सवाल यूं ही नहीं उठ रहे हैं कि हेमंत जेल जाते हैं तो उनका अगला प्लान क्या होगा। दरअसल, ईडी ने सोरेन की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है, यदि अदालत से हेमंत सोरेन को झटका लगा और यदि वो दोबारा गिरफ्तार होते हैं, तो क्या जेल जाने से पहले वो फिर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, कुर्सी छोड़ेंगे या फिर वो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पदचिन्हों पर चलेंगे? केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले सोरेन गिरफ्तार हुए थे, उस वक्त उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनके बाद जब केजरीवाल गिरफ्तार हुए तो वो जेल में रहते हुए सीएम बने हुए हैं, तो कहीं न कहीं सोरेन भी इस बात पर जरूर विचार कर रहे होंगे और जेल से ही सरकार चलाने का प्लान बना रहे होंगे।
दूसरा विकल्प: लालू यादव की राह को अपना सकते हैं सीएम हेमंत सोरेन
इस विकल्प का जिक्र जनवरी माह में भी हुआ था, जब हेमंत की गिरफ्तारी हुई थी। सियासी महकमे में ये चर्चा हो रही थी कि हेमंत सोरेन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के उस नीति को अपना सकते हैं, जिसके तहत चारा घोटाला मामले में जेल जाने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और राबड़ी को सीएम की कुर्सी पर बिठा दिया। राबड़ी के नाम बिहार की एकलौती महिला मुख्यमंत्री का कीर्तिमान दर्ज है, इसी के तहत हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री उस स्थिति में बना सकते हैं, यदि उन्हें दोबारा जेल की हवा खानी पड़ेगी।
तीसरा विकल्प: इस दिग्गज को सौंप सकते हैं फिर से झारखंड की कमान
हेमंत सोरेन जेल से बाहर आते ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भले ही बैठ गए हैं, लेकिन उनके सामने गिरफ्तारी की तलवार अभी भी लटक रही है। ऐसे में यदि ऐसा होता है तो वो फिर से अपने सबसे भरोसेमंद व्यक्ति को कुर्सी सौंप सकते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कुर्सी का नशा ऐसा है कि कोई भी बेवफा हो जाता है। चाचा-भतीजे, भाई-भाई, राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है। हालांकि हेमंत के पास एक ऐसा शख्स है, जिसने उनका भरोसा जीत लिया। चंपई सोरेन वो व्यक्ति हैं, जिन्हें जब हेमंत ने सीएम की कुर्सी पर बिठाया तो उन्होंने शपथ ली और जैसे ही वो जेल से बाहर आए वो बिना किसी शर्त के पद से इस्तीफा दे दिया। यदि परिस्थितियां हेमंत के खिलाफ बनती तो ऐसे वक्त के लिए चंपई उनके सबसे भरोसेमंद व्यक्ति साबित हो सकते हैं।
क्यों फिर से गिरफ्तार हो सकते हैं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत?
हेमंत की गिरफ्तार जमीन घोटाले को लेकर अदालत में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की ओर से उनके वकील ने बार-बार ये दलील दी कि इस मामले से सोरेन का दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। इस मामले में उनके नाम पर जमीन भी नहीं है, उनका नाम भी नहीं है। हालांकि कई ऐसे भी मामले हैं, जिनमें सीधे हेमंत सोरेन को नामजद आरोपी बनाया गया है। जैसे साहेबगंज खनन घोटाले मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज है। केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले की भी जांच कर रही है। विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा जेल में हैं। ऐसे में सोरेन को भी इस बार का डर सता रहा होगा कि वो दोबारा जेल जा सकते हैं।
आपको याद दिला दें, जब हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित जमीन घोटाला मामले में उनकी संलिप्तता के लिए समन जारी किया और पेश होने के लिए कहा था तब वो अचानक दिल्ली आए और लापता हो गए, फिर वो सभी को चौंकाते हुए रांची पहुंच गए। वहां उन्होंने बैठक की और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, इस्तीफे के बाद 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी हुई और चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पांच महीने जेल में रहते हुए हेमंत ने कई बार अदालत में गुहार लगाई, लेकिन उन्हें झारखंड हाईकोर्ट से 28 जून को जमानत मिली। इसके बाद 3 जुलाई को चंपई सोरेन ने इस्तीफा दिया, फिर हेमंत ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। ये देखना अहम होगा कि ED सु्प्रीम कोर्ट में हेमंत की जमानत खारिज करने की अपील करता है तो क्या होता है, उन्हें झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले फिर से सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा या फिर ईडी की इस अपील को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर देता है।
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