क्या होता है राजनयिक पासपोर्ट, राहुल गांधी को क्यों सरेंडर करना पड़ा था इसे? जानें नॉर्मल पासपोर्ट से कितना है अलग

Rahul Gandhi Passport Case: राहुल गांधी ने पासपोर्ट के लिए एनओसी क्यों मांगी? उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट सरेंडर क्यों किया था? ये राजनयिक पासपोर्ट होता क्या है और कौन इसे इस्तेमाल कर सकता है? सामान्य पासपोर्ट से यह किस तरह से अलग है? आइए जानते हैं सभी सवालों के जवाब...

Rahul Gandhi Passport Case

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Rahul Gandhi Passport Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने राहुल गांधी की नया पासपोर्ट (Rahul Gandhi Passport) जारी करने की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर दिया है। कोर्ट की तरफ से उन्हें तीन साल के लिए एनओसी दी गई है। हालांकि, राहुल गांधी ने 10 साल के लिए एनओसी की मांग की थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब राहुल गांधी नया पासपोर्ट बनवा सकेंगे।
राहुल गांधी को लेकर कोर्ट के इस फैसले के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर यह पूरा मामला है क्या? राहुल गांधी ने पासपोर्ट के लिए एनओसी क्यों मांगी? उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport)सरेंडर क्यों किया था? ये राजनयिक पासपोर्ट होता क्या है और कौन इसे इस्तेमाल कर सकता है? सामान्य पासपोर्ट से यह किस तरह से अलग है? आइए जानते हैं सभी सवालों के जवाब...

पहले मामले को समझें

बीते दिनों गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सदस्यता जाते ही राहुल गांधी के वे अधिकार भी छिन गए थे, जो बतौर सांसद मिलते हैं। इसके बाद राहुल गांधी को अपना राजनयिक पासपोर्ट भी सरेंडर करना पड़ा था। अब राहुल जल्द ही अमेरिका दौरे पर जाने वाले हैं, ऐसे में उन्हें विदेश की यात्रा करने के लिए नए पासपोर्ट की जरूरत थी।

पासपोर्ट के लिए कोर्ट से एनओसी क्यों चाहिए?

दरअसल, राहुल गांधी चर्चित नेशनल हेराल्ड केस में आरोपी हैं। इस केस में वे जमानत पर हैं। ऐसे में अगर उन्हें नया पासपोर्ट चाहिए तो उन्हें कोर्ट से एनओसी की जरूरत पड़ती है। यही कारण है कि राहुल गांधी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

अब जानिए राजनयिक पासपोर्ट होता क्या है?

राजनयिक पासपोर्ट मरून रंग का होता है। यह भारतीय राजनयिकों, सरकारी अधिकारियों और उन चुनिंदा व्यक्तियों को दिया जाता है, जो भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में यात्रा करते हैं। इस पासपोर्ट को रखने वाले व्यक्ति को यात्रा के दौरान और विदेश में भारतीय दूतावासों में विशेष सुविधा दी जाती है। इसके अलावा एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन भी सामान्य लोगों की तुलना में काफी आसानी से हो जाता है। राजनयिक पासपोर्ट पांच साल या उससे कम की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं।

सामान्य पासपोर्ट से कैसे है अलग?

राजनयिक पासपोर्ट, एक सामान्य पासपोर्ट से काफी अलग होता है। सबसे पहले तो राजनयिक पासपोर्ट जहां मरून रंग का होता है तो वहीं सामान्य पासपोर्ट नीले रंग का होता है। वहीं सामान्य पासपोर्ट 10 साल के लिए जारी किया जाता है तो वहीं राजनयिक पासपोर्ट पांच साल या इससे कम समय के लिए जारी होता है। राजनयिक पासपोर्ट राजनयिक मिशनों पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों के लिए एक आधिकारिक पहचान दस्तावेज के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा इस तरह के पासपोर्ट को रखने वाला व्यक्ति सामान्य तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कुछ विशेषाधिकार रखता है। इसमें मेजबान देश में गिरफ्तारी, हिरासत और कुछ कानूनी कार्यवाही से प्रतिरक्षा शामिल है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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