देश में दोगुने हुए भूकंप, क्या है अल्मोड़ा फॉल्ट? जिसका सरकार ने संसद में किया जिक्र
What Is Almora Fault: देश में भूंकप की संख्या दोगुनी हो गई है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि पश्चिमी नेपाल में 'अल्मोड़ा फॉल्ट' के सक्रिय होने की वजह से उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप आए हैं। आपको समझाते हैं कि अल्मोड़ा फॉल्ट क्या है, जिसका सरकार ने संसद में जिक्र किया।
भारत में भूंकप की संख्या हुई दोगुनी।
Earthquake News: भारत में इस वर्ष भूकंप गंभीर चिंता का विषय बनी रही। आंकड़ों में ये बात सामने आई है कि 2023 में भूकंप गतिविधि में भारी वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण पश्चिमी नेपाल में अल्मोड़ा फॉल्ट का सक्रिय होना है। अल्मोड़ा फॉल्ट के सक्रियता के चलतेइस साल 24 जनवरी, 2023 (5.8 तीव्रता), 3 अक्टूबर, 2023 (6.2 तीव्रता), और 3 नवंबर, 2023(6.4 तीव्रता) को बड़े भूकंप आए। आपको बताते हैं कि आखिर क्या है अल्मोड़ा फॉल्ट, जिसका सरकार ने संसद में जिक्र किया है।
क्या है अल्मोड़ा फॉल्ट? सरकार ने संसद में किया जिक्र
अल्मोड़ा फॉल्ट एक उच्च कोण वाली गतिशील टेक्टोनिक प्लेट है, जो उत्तर में आंतरिक लघु हिमालय के गढ़वाल समूह को दक्षिण में बाहरी लघु हिमालय के जौनसार और दुदाटोली समूहों से अलग करता है। वर्ष 2023 में भूकंपों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि पश्चिमी नेपाल में 'अल्मोड़ा फॉल्ट' के सक्रिय होने की वजह से उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप आए हैं।
टेक्टोनिक्स प्लेटों के टकराने के कारण आते रहते हैं भूकंप
उत्तरी भारत और नेपाल में कभी-कभी मध्यम भूकंप और भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव का अनुभव होना आम बात है। नेपाल और भारत का पड़ोसी उत्तरी भाग, हिमालय क्षेत्र की सक्रिय दरारों के पास स्थित, अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं जहां टेक्टोनिक्स प्लेटों के टकराने के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं। यहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे दब जाती है।
सरकार ने पेश किए भूकंप से जुड़े अहम आंकड़े
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली द्वारा पिछले तीन वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान दर्ज किए गए इन क्षेत्रों में भूकंप की घटनाओं (परिमाण 3.0 और उससे ऊपर) का विवरण दिया गया है। नीचे देखिए आंकड़ें।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भारत का भूकंपीय मानचित्र प्रकाशित किया है, जो जोन-2 से लेकर 5 तक भूकंप प्रतिरोधी इमारतों के निर्माण के लिए आवश्यक इंजीनियरिंग कोड और व्यवहारों को लागू करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) भूकंप संबंधी घटनाओं के प्रति तैयारियों और प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए भूकंप अभ्यास, जागरूकता कार्यक्रम, भूकंप प्रबंधन आदि जैसे विभिन्न एहतियाती उपायों के लिए जिम्मेदार एजेंसी रही है। यह जानकारी केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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