Indian Nurse Nimisha Case: इस्लामी कानून में क्या है 'ब्लड मनी'? जिससे मौत की सजा भी हो जाती है माफ, क्या भारत की निमिषा प्रिया यमन में मिलेगी नई जिंदगी
Story of Indian Nurse Nimisha Priya Case: इस्लामी कानून में ब्लड मनी क्या होता है? इसमे माध्यम से मृत्युदंड की सजा भी कैसे माफ हो जाती है? भारत की रहने वाली निमिषा प्रिया यमन कैसे पहुंच गई? उन्हें मृत्युदंड क्यों मिला? निमिषा प्रिया की कहानी क्या है? आइए सबकुछ जानते हैं..
निमिषा प्रिया और उनकी मां प्रेमा कुमारी
Indian Nurse Nimisha Priya Case in Hindi: केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा प्रिया 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन्हें एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था और 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी। अब निमिषा की मां भी यमन पहुंच गई हैं और अपनी बेटी को बचाने का प्रयास कर रही हैं। इसके लिए वह इस्लामी कानून का सहारा ले रही हैं और 'ब्लड मनी' के माध्यम से पीड़ित परिवार से माफी की मांग कर रही हैं। अगर ब्लड मनी से मामला सुलझ जाता है तो निमिषा प्रिया का मृत्युदंड माफ हो सकता है।
इसके लिए केंद्र सरकार ने भारतीय दूतावास के माध्यम से पीड़ित परिवार को करीब 33.5 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर करने की सहमति दे दी है। यह राशि पीड़ित परिवार के साथ बातचीत शुरू करने के लिए है। अगर पीड़ित परिवार मान जाता है और सजा को माफ करने पर सहमति दे देता है तो निमिषा प्रिया के परिवार को करीब 3.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इसके लिए निमिषा के परिवार ने 2020 में 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' का गठन किया था। इसके माध्यम से वह ब्लड मनी के लिए राशि जुटाने का प्रयास कर रही हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि इस्लामिक कानून में ब्लड मनी क्या होता है? इसमे माध्यम से मृत्युदंड की सजा भी कैसे माफ हो जाती है? भारत की रहने वाली निमिषा प्रिया यमन कैसे पहुंच गई? उन्हें मृत्युदंड क्यों मिला? निमिषा प्रिया की कहानी क्या है? आइए जानते हैं..
पहले जानते हैं निमिषा प्रिया केस क्या है? (What is Nimisha Priya Case)
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया नर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2008 में यमन चली गई थीं। वह 2011 में भारत वापस आईं और टॉमी थॉमस से शादी कर ली, जिसके बाद यह दंपती वापस यमन लौट गए। यमन में वह एक नर्स के रूप में काम करने लगीं, वहीं उनका पति टॉमी थॉमस एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करता रहा। हालांकि, दोनों ने अपना खुद का क्लिनिक शुरू करना चाहते थे। लेकिन यमनी कानून के अनुसार, वह किसी यमनी नागरिक की पार्टनरशिप में ही क्लीनिक शुरू कर सकती थीं।
निमिषा की कहानी में हुई अब्दो महदी की एंट्री
निमिषा प्रिया की कहानी में यहीं से यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की एंट्री होती है। क्लीनिक शुरू करने के लिए इस जोड़े ने महदी से संपर्क किया। 2015 में यमनी नागरिक महरी निमिषा प्रिया के परिवार के साथ केरल आया। बाद में प्रिया और महदी वापस यमन लौट गए, लेकिन गृहयुद्ध के कारण उनका पति और बेटी केरल में ही रह गए। यहीं से महदी ने प्रिया का फ़ायदा उठाने लगा। उसने एक नया क्लिनिक खोला और क्लीनिक से होने वाली कमाई उसके साथ साझा करने से इनकार कर दिया। उसने कथित तौर पर प्रिया को अपनी पत्नी के रूप में दिखाने के लिए जाली दस्तावेज़ भी बनाए। प्रिया के परिवार का आरोप है कि इस दौरान महदी ने प्रिया का शारीरिक और यौन शोषण भी किया। महदी ने प्रिया के दस्तावेज भी जब्त कर लिए, जिस कारण वह वहां से बाहर नहीं निकल पाईं। एक दिन, प्रिया ने महदी से दस्तावेज वापस पाने के लिए साथी नर्स हन्नान की मदद से उसे बेहोश कर दिया, लेकिन दवाई ज्यादा होने से उसकी मौत हो गई। घबराकर दोनों ने महदी के शव को काटकर पानी की टंकी में डालने का फैसला किया, लेकिन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
अब बात 'ब्लड मनी' की (What is blood money in Islam)
इस्लामिक कानून के अनुसार, पीड़ित परिवार को यह तक करने का आधिकार है कि हत्या के अपराधियों को क्या सजा दी जाए। हत्या की सजा मृत्युदंड के माध्यम से दी जाती है, लेकिन पीड़ित का परिवार मुआवजे के बदले उसे माफी भी दे सकता है। इसी मुआवजे को ब्लड मनी कहा जाता है, जिसका कुरान में भी जिक्र है। कुरान के अनुसार अगर अपराधी को पीड़ित के परिवार के द्वारा माफ़ कर दिया जाता है, तो ब्लड मनी का निष्पक्ष रूप से फैसला किया जाना चाहिए। भुगतान विनम्रता से किया जाना चाहिए।
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