दिल्ली शराब घोटाला: ED जांच की आंच में कैसे आए AAP नेता, 10 प्वाइंट में समझें पूरा मामला
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने नवंबर 2021 में दिल्ली में एक नई शराब नीति पेश की थी। इस नीति के तहत सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री से हाथ खींच लिया था।
आप सरकार पर दिल्ली शराब नीति पड़ गई भारी
Delhi Liquor Case: दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इस घोटाले में ईडी की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले ईडी ने इसी साल मार्च में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इससे पहले इसी मामले में आप नेता के कई करीबियों के घर पर भी छापेमारी हो चुकी है। इस पूरे मामले को इन 10 प्वाइंट में समझते हैं कब क्या-क्या हुआ था।
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कब क्या-क्या हुआ
- दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने नवंबर 2021 में दिल्ली में एक नई शराब नीति पेश की, नीति के तहत सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री से हाथ खींच लिया और प्राइवेट लाइसेंसधारियों को स्टोर चलाने की अनुमति दी। तब दिल्ली सरकार का कहना था कि ऐसा कालाबाजारी पर नकेल कसने और सरकारी राजस्व बढ़ाने के मकसद से किया गया है।
- नई नीति में प्रावधान था कि दिल्ली में शराब की दुकानें असीमित छूट दे सकती हैं इसका असर ये हुआ कि शराब की बिक्री बढ़ी और दिल्ली सरकार ने राजस्व में खासी बढ़ोतरी हुई वहीं बीजेपी ने दिल्ली में 'शराब संस्कृति' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
- पिछले साल यानि साल 2022 के जुलाई में दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई शराब नीति में उल्लंघनों को चिह्नित करते हुए शराब लाइसेंसधारियों को गलत लाभ देने का आरोप लगाया साथ ही शराब लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ की छूट का मामला भी सामने रखा।
- मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की इसके बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति वापस ले ली।
- शराब नीति वापस लेने से कई नए खुले स्टोर बंद हो गए और नई नीति लागू होने तक शराब की बिक्री फिर से सरकारी नियंत्रण में कर दी गई।
- ईडी ने आरोप लगाया कि 'साउथ ग्रुप' और आप के बीच एक व्यवस्था थी जिसके तहत साउथ ग्रुप ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को उसके गोवा चुनाव अभियान के लिए धन मुहैया कराया था। ईडी ने आरोप लगाया कि 'साउथ ग्रुप' को दिल्ली में अपने नियंत्रण वाले शराब कारोबार के माध्यम से यह पैसा वसूलना था।
- दिल्ली शराब घोटाले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी मार्च में हुई जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया बाद में उन्होंने डिप्टी सीएम पद से भी इस्तीफा दे दिया था।
- शराब घोटाले में संजय सिंह का नाम दिसंबर 2022 के आसपास जुड़ा। ईडी ने कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के तहत संजय सिंह का नाम अपनी चार्जशीट में शामिल किया था। दावा किया गया था कि दिनेश आरोड़ा शुरुआत में संजय सिंह से मिले थे, इन्हीं के जरिए एक रेस्टोरेंट में उनकी मुलाकात मनीष सिसोदिया से हुई।
- ईडी की चार्जशीट में यह भी दावा किया गया कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए संजय सिंह के कहने पर ही अरोड़ा ने सिसोदिया को पैसे देने की व्यवस्था की थी और उन्हें 32 लाख रुपये का चेक सौंपा था।
- इसके बदले संजय सिंह ने अरोड़ा का एक्साइज डिपार्टमेंट के पास एक पेंडिंग मामला सुलझाया था। उन्होंने सिसोदिया से पांच-छह बार बात की और संजय सिंह के साथ केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की।
आप के कई नेता जांच की आंच में आए
दिल्ली शराब घोटाले की जांच काफी समय से जारी है और इसकी आंच में आम आदमी पार्टी के कई दिग्गज नेता आ चुके हैं। डिप्टी सीएम रहे सिसोदिया के बाद अब आप सांसद संजय सिंह का गिरफ्तार होना अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका है। इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे इंडिया गठबंधन को कमजोर करने की साजिश बताया है। केजरीवाल भी इसे बदले की राजनीति बता रहे हैं।
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