Jaish Al Adl: कौन है जैश अल अद्ल? जिसे लेकर भिड़ गए ईरान और पाकिस्तान, हमलों के बाद भारी तनाव
What is Jaish Al Adl : ईरान ने हमलों की वजह जैश अल अद्ल को बताया है। जैश अल अद्ल की स्थापना साल 2012 में हुई। इसे अलगाववादी संगठन माना जाता है। इसे 'न्याय की सेना' नाम से भी प्रचारित किया जाता है। बताया जाता है कि पूर्व के एक सुन्नी आतंकवादी संगठन जुनडल्लाह के सदस्यों ने इसकी स्थापना की।
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ईरान पर पाकिस्तान ने हवाई हमले किए।
What is Jaish Al Adl : ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके में मिसाइल एवं ड्रोन से हमले किए। अपनी इस कार्रवाई के बारे में ईरान ने दावा किया कि उसने यहां आतंकी संगठन जैश अल अद्ल के ठिकानों को निशाना बनाया। ईरान का दावा है कि यह आतंकी संगठन उसके यहां आतंकवादी हमलों में शामिल है। ईरान की इस कार्रवाई पर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध जताया और कहा कि इस कार्रवाई से उसकी संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है। बुधवार रात पाकिस्तान ने भी पलटवार किया। रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान ने ईरान की वायु सीमा में दाखिल होकर हमले किए। इस वार और पटलवार के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई है।
संगठन के अन्य नेताओं के बारे में कम जानकारी
ईरान ने हमलों की वजह जैश अल अद्ल को बताया है। जैश अल अद्ल की स्थापना साल 2012 में हुई। इसे अलगाववादी संगठन माना जाता है। इसे 'न्याय की सेना' नाम से भी प्रचारित किया जाता है। बताया जाता है कि पूर्व के एक सुन्नी आतंकवादी संगठन जुनडल्लाह के सदस्यों ने इसकी स्थापना की। ईरान इस सुन्नी आतंकी संगठन एवं इसके नेताओं पर लगातार शिकंजा कसता रहा जिसकी वजह से यह संगठन लगातार कमजोर हुआ। यह समूह दावा करता है कि वह सिस्तान एवं बलूचिस्तान प्रांत की आजादी की लड़ाई लड़ता है। अभी अद्ल की अगुवाई की कमान सलाहूद्दीन फारूकी एवं उसके डिप्टी मुल्लाह उमर के हाथ में है। संगठन के अन्य नेताओं के बारे में कम जानकारी है।
अल-कायदा से भी जुड़ाव
रिपोर्टों के मुताबिक यह संगठन पाकिस्तान में अल-कायदा से जुड़ा हुआ है। संगठन सीरिया के गृह युद्ध में सुन्नी विपक्ष एवं ईरान में कुर्दिश अलगाववादियों का समर्थन करता है। यही नहीं इस समूह के ईरान में सक्रिय बलोच सुन्नी सशस्त्र गुट अंसार अल-फुरकान से भी संबंध बताए जाते हैं। अद्ल ईरान में उसके अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों की हत्या करने सहित कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। अद्ल की आतंकी गतिविधियों को देखते हुए ईरान, जापान, न्यूजीलैंड और अमेरिका ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है।
क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा
ईरान ने पाकिस्तान पर इन आतंकियों को पालने, पोसने एवं उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया है। तेहरान पहले कह चुका था कि जरूरत पड़ी तो वह पाकिस्तान में जाकर इस आतंकी संगठन पर हमले करेगा। हालांकि, पाकिस्तान ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि ईरान को उसकी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। ईरान में पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया है। आगे कोई भी कार्रवाई इस तनाव को अगले स्तर पर ले जा सकती है। ईरान यदि पाकिस्तान के हमलों का यदि जवाब देते हुए यदि कार्रवाई करता है तो जंग जैसे हालात पैदा हो सकते हैं और इससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है।
पाक के हमले में 7 लोगों के मारे जाने की खबर
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के हमले में ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में सात लोग मारे गए। ईरान की अर्ध-सरकारी मेहर समाचार एजेंसी ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा सीमावर्ती गांव पर किए गए मिसाइल हमले में तीन महिलाओं और चार बच्चों सहित सात लोग मारे गए। ईरान के हमले और पाकिस्तान के जवाबी हमलों ने पश्चिम एशिया के अस्थिर क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है जहां पहले से ही गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध और यमन के हुती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बनाए जाने से तनाव व्याप्त है।
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