फर्जी कागजात, सेना की जमीन... क्या है वो घोटाला? जिसमें गिरफ्तार हुए झारखंड के CM हेमंत सोरेन

Jharkhand Land Scam Case: IAS अधिकारी छवि रंजन की गरिफ्तारी के बाद ईडी के अधिकारी जमीन घोटाले की तार जोड़ते चले गए, जिसके बाद मामला मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गया। ईडी को बड़ी सफलता तब मिली, जब बीते साल अगस्त में प्रेम प्रकाश नाक के शख्स को गिरफ्तार किया गया।

हेमंत सोरेन जमीन घोटाले में गिरफ्तार

What is Jharkhand Land Scam Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ सोरेन सरकार में परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता भी चुन लिया गया है। माना जा रहा कि चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने राजभवन पहुंचकर 43 विधायकों के समर्थन वाला पत्र भी राज्यपाल को सौंप दिया है और सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

इस बीच खबर है कि जमीन घोटाले में लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने हेमंत सोरेन को हिरासत में ले लिया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद महुआ मांझी ने दावा किया कि हेमंत सोरेन ईडी की हिरासत में हैं। आइए जानते हैं उस जमीन घोटाले के बारे में, जिसकी आंच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंची और आज उन्हें गिरफ्तार भी होना पड़ा।

क्या है पूरा मामला

रांची बरायतु पुलिस थाने में जमीन विवाद को लेकर एक एफआईआर दर्ज कराई गई। इस एफआईआर में रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने प्रादीप बागची नाम के शख्स को आरोपी बनाया था। एफआईआर में कहा गया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी कागजातों के जरिए भारतीय सेना की एक जमीन को हड़प लिया है। इस मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला कि यह जमीन बीएम लक्ष्मण राव की थी, जिन्होंने आजादी के बाद इसे भारतीय सेना को सौंप दिया था। ईडी ने इसके बाद पूरे मामले में प्रदीप बागची समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दो लोग सरकारी कर्मचारी थे। ईडी ने इस मालले में आगे जांच शुरू की तो इसमें वरिष्ठ IAS अधिकारी छवि रंजन का नाम भी सामने आया, जिसके बाद बीते साल 4 मई को छवि रंजन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप था कि जमीन की अवैध रखीद और बिक्री में उन्होंने मदद की थी।

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