क्या होता है राष्ट्रीय शोक? आधा झुका रहेगा तिरंगा; जान लीजिए सारे नियम-कानून

What is National Mourning: क्या आप जानते हैं कि आखिर राष्ट्रीय शोक क्या होता है? सरकार ने ऐलान किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री सिंह के निधन पर राष्ट्रीय शोक के दौरान राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या इस दौरान सरकारी दफ्तरों में भी अवकाश रहता है। इसमें क्या-क्या होता है? आपको सबकुछ समझाते हैं।

राष्ट्रीय शोक के बारे में सबकुछ जानिए।

What Happens in National Mourning: राष्ट्रीय शोक क्या होता है, इसमें क्या-क्या होता है? क्या राष्ट्रीय शोक के दौरान सरकारी दफ्तरों में छुट्टी होती है? इस तरह के तमाम सवाल हर किसी के जेहन में उठ रहे होंगे, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश भर में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा। भारत में आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में बृहस्पतिवार रात को निधन हो गया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को बृहस्पतिवार को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा और राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा।

आखिर क्या होता है राष्ट्रीय शोक?

पूरे देश के दुख को व्यक्त करने के एक प्रतीकात्मक तरीके को भारत में 'राष्ट्रीय शोक' कहते हैं। आम तौर पर हमारे देश में किसी विशेष व्यक्ति के निधन या पुण्य तिथि पर 'राष्ट्रीय शोक' मनाया जाता है। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अनुसार इसके लिए कई महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं। इसके अनुसार राष्ट्रीय शोक के दौरान पूरे भारत में लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहते हैं। साथ ही विदेश स्थित भारतीय संस्थानों जैसे एंबेसी आदि पर लगा तिरंगा भी आधा झुका रहता है। इसके अलावा राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई औपचारिक और सरकारी कार्यक्रम नहीं किया जाता है। इस अवधि के दौरान कोई आधिकारिक कार्य भी नहीं होता है।

पहली बार कब हुआ था राष्ट्रीय शोक?

क्या आप जानते हैं कि भारत में पहली बार राष्ट्रीय शोक कब घोषित किया गया था? साल 1948 की बात है, 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई। इसी के बाद पहली बार भारत में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था।

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