अखिलेश यादव ने बना लिया 2027 का प्लान? लोकसभा चुनाव में जैसे बजाया जीत का डंका, वही होगी रणनीति

Akhilesh Plan for 2027: क्या आप जानते हैं कि समाजवादी पार्टी ने अभी से ही साल 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए रणनीतियां तैयार करनी शुरू कर दी है। अखिलेश यादव की पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद आगे की तैयारियों में जुट गई है। आपको बताते हैं, सपा का क्या प्लान है।

Akhilesh Yadav Plan for 2027

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 के लिए अभी से रणनीति बना रहे अखिलेश।

What is PDA: विधानसभा चुनाव 2022 में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने MY (मुस्लिम, यादव) समीकरण पर काफी जोर दिया था, हालांकि चुनाव आते आते वो पीडीए फॉर्मूले पर जोर देने लगे थे। दो साल बाद, जब 2024 में लोकसभा चुनाव हो रहे थे तो अखिलेश ने MY समीकरण की चर्चा कहीं नहीं की और पीडीए पर खूब ताकत झोंकी। समाजवादी 'पीडीए' यात्रा निकालकर लोगों से समर्थन मांगा, जिसका नतीजा चुनावी परिणामों में देखने को मिला। समाजवादी पार्टी ने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत इस बार के लोकसभा चुनावों में हासिल की है, ऐसे में अखिलेश की उम्मीदें 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर काफी बढ़ गई हैं। निश्चित ही वो पूरी तरह से मिशन 2027 को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आपको समझाते हैं सारा प्लान।

यूपी में पीडीए का आधार मजबूत करने की कोशिश

समाजवादी पार्टी (सपा) लोकसभा चुनावों में अपनी 'पीडीए' रणनीति की सफलता के बाद अब उत्तर प्रदेश में अपने कैडर आधार को मजबूत करने के लिए पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों एवं युवाओं को साधेगी। सपा ने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक महीने तक चलने वाला 'पीडीए-छात्र, नौजवान जागृति अभियान' शुरू किया है। 'पीडीए' पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए दिया गया संक्षिप्त नाम है। कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव में 'पीडीए' रणनीति की बदौलत सपा को उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 सीटें जीतने में मदद मिली थी।

अखिलेश यादव को कास्ट पॉलिटिक्स पर है भरोसा

उत्तर प्रदेश की सियासत में जातीय समीकरण का आज भी खूब बोलबाला है। ऐसे में अखिलेश यादव इन दिनों पीडीए पर जोर देते रहे हैं, सबसे पहले समझाते हैं कि आखिर ये पीडीए है क्या चीज... ‘PDA’ यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। मतलब साफ है अखिलेश की सपा की नजर पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों पर है।

लोकसभा चुनाव वाली रणनीति अपनाएंगे अखिलेश

यूपी में अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 के बीच समाजवादी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) यात्रा निकाल रहे थे। वो लोगों के बीच जाकर पार्टी को जिताने के लिए समर्थन मांग रहे थे। अखिलेश यादव अपनी इन यात्राओं के दौरान समाजवादी पार्टी-इंडिया गठबंधन को रिकार्ड मतों से जिताने की अपील की थी, जो नतीजों में तब्दील भी हुआ। अब आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश ने एक कदम आगे का प्लान तैयार किया है।

युवाओं और छात्रों को साधेगी समाजवादी पार्टी

सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने बताया कि 'इस अभियान में छात्रों और युवाओं को प्रश्नपत्र लीक, फीस वृद्धि, रोजगार, मुफ्त शिक्षा, पुस्तकालय निर्माण, छात्रसंघ बहाली, नये विश्वविद्यालय/कॉलेज की स्थापना, शैक्षणिक संस्थानों में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और आरक्षण में पारदर्शिता समेत जनहित के विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाएगा।'

यूथ ब्रिगेड और समाजवादी छात्र सभा पर फोकस

पूर्व विधायक एवं पार्टी नेता राजपाल कश्यप ने कहा कि सपा ने नौ अगस्त से 10 सितंबर तक चलाए जाने वाले इस अभियान के लिए अपनी युवा शाखाओं-समाजवादी युवजन सभा, समाजवादी लोहिया वाहिनी, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड और समाजवादी छात्र सभा को तैनात किया है। कश्यप के अनुसार, इस अभियान को सफल बनाने और पार्टी को मजबूत करने की विस्तृत योजना इन संगठनों के अध्यक्षों को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान पार्टी पर्चे बांटेगी, जिसमें सपा द्वारा अपने शासन काल में युवाओं के लिए किए गए कार्यों का जिक्र होगा।
कश्यप के मुताबिक, युवाओं को 2027 के विधानसभा चुनावों में सपा के सत्ता में आने पर उनके लिए पार्टी की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत युवाओं से उनसे जुड़े मामलों पर सुझाव मांगे जाएंगे। कश्यप ने कहा, 'हम छात्रों के सुझाव भी लेंगे और जानेंगे कि वे अपने लिए क्या चाहते हैं। इससे हमें उनके अनुरूप नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।' उन्होंने कहा, 'हर विश्वविद्यालय और कॉलेज में छात्रों से सुझाव लिए जाएंगे। उनसे एक संकल्प पत्र भरने के लिए कहा जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि वे युवाओं को देश और राजनीति में क्या भूमिका सौंपना चाहते हैं।'

2027 में भाजपा से निपटने के लिए सपा का प्लान

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अभियान के बाद के चरण में छात्र सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें शिक्षकों और मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं को जानने के बाद उसे संकलित किया जाएगा और पार्टी नेतृत्व को इससे अवगत कराया जाएगा, ताकि उनके मुद्दों को सही मंच पर उठाया जा सके। नेता ने कहा कि पार्टी अभियान के साथ लोगों की मंशा को समझने और अपने मुख्य प्रतिद्वंदी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निपटने के लिए एक मजबूत कैडर तैयार करने की भी कोशिश करेगी।
कश्यप ने कहा, '2027 के विधानसभा चुनावों में अभी काफी समय बचा है और हमारा ध्यान पार्टी कैडर को मजबूत करने पर है। साथ ही, पार्टी की नजर राज्य की 10 सीटों पर प्रस्तावित उपचुनावों पर भी है, जो साल के अंत में होने वाले हैं।'

क्या इस रणनीति पर 2027 जीत लेंगे अखिलेश यादव?

अखिलेश यादव ने जो दावा 2024 के आम चुनाव में किया कि उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर भाजपा को हार मिलेगी, वो भले ही खोखला साबित हुआ। लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव में ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) पर उनका भरोसा काम आया और इतिहास की सबसे बड़ी जीत सपा को नसीब हुई। अक्सर अखिलेश अपने भाषणों और बयानों में भाजपा सरकार पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज के हितों पर हानि पहुंचाने का आरोप लगाते हुए नजर आ जाते हैं। फिलहाल 2027 के चुनाव में अभी लंबा वक्त है, ऐसे में अखिलेश अपने मकसद में कामयाब होते है या नहीं ये जानने के लिए अभी इंतजार करिए।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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