क्या है Vishwakarma Yojana...कौन-कौन होगा स्कीम में कवर और कैसे मिलेगा लाभ? समझिए
What is PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका में बने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में इस योजना की शुरुआत की।
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तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
What is PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (17 सितंबर, 2023) को अपने 73वें जन्मदिन के मौके पर देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को बड़ा रिटर्न गिफ्ट दिया। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर उन्होंने इन लोगों के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका में बने इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) में इस योजना की शुरुआत की। दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को शुरू करने का ऐलान केंद्रीय बजट 2023-24 में किया था। स्कीम के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपए रखा गया है।
यह योजना पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों को मदद और कौशल मुहैया कराने के पीएम के दृष्टिकोण से प्रेरित है। स्कीम को 13,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ केंद्र सरकार की ओर से पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा। सबसे खास बात है कि इस योजना का बड़ा ही व्यापक दायरा है, जिसमें कुल 18 शिल्पों को शामिल किया गया है। यही नहीं, पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान-पत्र के जरिए इन विश्वकर्माओं को मान्यता दी जाएगी और उन्हें कौशल उन्नयन के लिए ऋण सहायता और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के अभ्यास को बढ़ावा देना और मजबूत करने के साथ गुणवत्ता के साथ-साथ उनके उत्पादों और सेवाओं की पहुंच में सुधार करना भी है। स्कीम के तहत ‘विश्वकर्मा’ (कारीगरों व शिल्पकारों) को बायोमेट्रिक आधारित ‘पीएम विश्वकर्मा पोर्टल’ का इस्तेमाल करके सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए फ्री रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। साथ ही लाभार्थियों को 15,000 रुपए का टूलकिट प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
पीएमओ के अनुसार, स्कीम के तहत लाभार्थियों को पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख रुपए (पहली किश्त) और दो लाख रुपए (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।
‘पीएम विश्वकर्मा’ के तहत ये 18 पारंपरिक शिल्प कवर किए जाएंगे: बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, चर्मकार)/जूता बनाने वाला/फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले।
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अभिषेक गुप्ता author
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