क्या होता है विशेषाधिकार प्रस्ताव? रमेश बिधूड़ी की 'बदजुबानी' के खिलाफ विपक्ष की मांग
Privilege-Motion Against Ramesh Bidhuri: भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली के खिलाफ संसद में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। ये विवाद गहराता जा रहा है। विपक्षी दलों के कई सांसदों ने बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। आपको बताते हैं आखिर ये प्रस्ताव होता क्या है।
विपक्ष के इन सांसदों ने रमेश बिधूड़ी के खिलाफ खोला मोर्चा।
Ramesh Bidhuri News: बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर विपक्षी दल के कई सांसदों ने लोकसभा महासचिव और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। बिधूड़ी के खिलाफ नियम 222, 226 और 227 के तहत नोटिस देने की मांग की गई है।
विपक्ष के इन सांसदों ने बिधूड़ी के खिलाफ खोला मोर्चा
NCP सांसद सुप्रिया सुले और TMC सांसद अपरूपा पोद्दार ने बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ असंसदीय टिप्पणी को लेकर लोकसभा भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू करने के लिए लोकसभा महासचिव को पत्र लिखा। वहीं डीएमके सांसद कनिमोझी ने लोकसभा भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव शुरू करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
विशेषाधिकार प्रस्ताव का किसे है अधिकार?
व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सांसदों के पास कुछ विशेषाधिकार प्राप्त हैं। यदि कोई भी सदस्य अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है तो इसे विशेषाधिकार प्रस्ताव का उल्लंघन कहा जाता है। ये प्रस्तान दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों पर लागू होता है। संसदीय कानून के अनुसार विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दंडनीय है। लोकसभा और राज्यसभा में लाए गए इस प्रस्ताव को सदन के अध्यक्ष द्वारा देखा जाता है।
क्या है विशेषाधिकार को नियंत्रित करने के नियम?
लोकसभा नियम पुस्तिका के अध्याय 20 में नियम संख्या 222 विशेषाधिकार को नियंत्रित करती है। नियम के अनुसार कोई भी सदस्य विशेषाधिकार के उल्लंघन से जुड़ा सवाल उठा सकता है, इसके लिए अध्यक्ष की सहमति होनी जरूरी है।
विशेषाधिकार समिति करती है मामलों की जांच
संसद ने अब तक कोई ऐसा विशेष कानून नहीं बनाया है जिससे सभी विशेषाधिकारों को व्यापक रूप से संहिताबद्ध किया जाए। विशेषाधिकार प्रसताव के मामलों के लिए एक स्थायी समिति होती है। यही समिति सांसदों के खिलाफ विशेषाधिकारों के उल्लंघन के मामलों की जांच करती है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की सिफारिश करती है। बता दें, दोनों सदनों के लिए अलग-अलग समिति होती है। लोकसभा की समिति में 15 सदस्य होते हैं, जबकि राज्यसभा की समिति में 10 सदस्य होते हैं।
दानिश अली ने बिधूड़ी के खिलाफ बिरला को पत्र लिखा
इससे पहले शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर भाजपा सदस्य रमेश बिधूड़ी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा और मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया। अली ने पत्र में कहा है कि वह भाजपा सांसद बिधूड़ी के खिलाफ नियम 222, 226 और 227 के तहत नोटिस देना चाहते हैं। उनके मुताबिक, बिधूड़ी ने लोकसभा में उनके खिलाफ 'आतंकवादी', 'उग्रवादी' और कई आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
बिधूड़ी ने दानिश अली के खिलाफ की दी ये बेतुकी टिप्पणी
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सदस्य ने पत्र में कहा, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि नियम 227 के तहत इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए, मेरा आग्रह है कि इस मामले में जांच का आदेश दिया जाए।' दानिश अली का कहना है कि इस मामले में कार्रवाई जरूरी है ताकि देश का माहौल और दूषित न हो। सांसद बिधूड़ी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसे लेकर सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खेद जताया था। बिधूड़ी ने ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए अली के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी। दानिश अली ने कल कहा था कि भाजपा सदस्य को अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
विवाद से भाजपा को कितना नुकसान झेलना पड़ सकता है?
पीठासीन सभापति कोडिकुनिल सुरेश ने इस पर बिधूड़ी के आपत्तिजनक शब्दों को रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया था। बीते 21 सितंबर को सदन में शोर-शराबा जारी रहने पर सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने विवादित टिप्पणी सुनी नहीं है, लेकिन बिधूड़ी ने यदि कुछ ऐसी टिप्पणी की है, जिससे बसपा सांसद की भावना आहत हुई है तो इन शब्दों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा था, 'मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं।' अब इस पर कांग्रेस ने बिधूड़ी के निलंबन की मांग की है। वहीं शुक्रवार की शाम राहुल गांधी ने दानिश अली से मुलाकात की है। देखना होगा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस बदजुबानी से भाजपा को कितना नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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