शंघाई-5 कैसे बन गया SCO, किस मकसद से हुआ था गठन, भारत क्यों बना अहम देश?

क्या अहमियत है एससीओ की, इसका क्या उद्देश्य है और कितने देश में शामिल हैं, ऐसे ही सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

क्या है SCO

What is SCO: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की आज (चार जुलाई, 2023) अहम शिखर बैठक हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी मेजबानी करेंगे। पीएम मोदी डिजिटल माध्यम से इस मीटिंग में हिस्सा लेंगे और इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शामिल होंगे। बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और कारोबार के साथ संपर्क बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हो सकती है। भारत के नजरिए से क्या अहमियत है एससीओ की, इसका क्या उद्देश्य है और कितने देश में शामिल हैं, ऐसे ही सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
शंघाई सहयोग संगठन क्या है?
एससीओ का पूरा अर्थ है शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन। इस संगठन की शुरुआत साल 1996 में हुई थी और तब इसे शंघाई-5 कहा जाता था। तब इसके सदस्य थे- चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान और तजाकिस्तान। जून 2001 में इन राष्ट्रों और उज्बेकिस्तान ने गहन राजनीतिक और आर्थिक सहयोग के लिए एक नए संगठन की घोषणा करने के लिए शंघाई में मुलाकात की। एससीओ चार्टर पर जुलाई 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे और सितंबर 2003 को प्रभाव में आया। जून 2017 में आयोजित एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को शामिल करने के बाद समूह का विस्तार आठ देशों में हुआ है।
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