ED, CBI और CID में क्या अंतर है? जानिए कौन होता है इन सबका बॉस

Difference Between ED CBI And CID: सीबीआई का प्राथमिक कार्य भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, धोखाधड़ी और हाई-प्रोफाइल मामलों जैसे गंभीर और जटिल अपराधों की जांच करना है।

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सीबीआई, ईडी और सीआईडी में क्या है अंतर

Difference Between ED CBI And CID: देश में जब भी कोई अपराध होता है तो तीन एजेंसियों के नाम हमेशा सुनने को मिलते हैं। सीबीआई, सीआईडी और ईडी। आजकल ईडी की सबसे ज्यादा चर्चा है, वजह है कई बड़े नेताओं को यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी ये मनी लॉन्ड्रिंग केस में अंदर कर चुकी है। कई ऐसे नेता हैं जिनके खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनों के मामले चल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि एक ही एजेंसी क्यों नहीं केस हैंडल करती है, अलग-अलग क्यों? जवाब है सभी का अपना एक अलग क्षेत्र होता है। क्राइम के हिसाब से ही एजेंसियां अपनी शक्तियों का प्रयोग करके आरोपियों के खिलाफ जांच करती है।

क्या है सीबीआई (What Is CBI)

सीबीआई का गठन 1963 में हुआ था। हालांकि इसका अस्तित्व द्वितीय विश्वयुद्ध के समय से है। 1941 में इसकी नींव रखी गई थी, हालांकि आज जो सीबीआई का स्वरूप है वो 1963 में अस्तिव में आया था। सीबीआई का पूरा नाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) है। सीबीआई भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के कार्मिक विभाग के तहत कार्यरत भारत में प्रमुख जांच पुलिस एजेंसी है। ऐसे तो सीबीआई सीधे केंद्र सरकार के अंदर आती है, लेकिन विभागीय स्तर पर इसका मुखिया सीबीआई डायरेक्टर होते हैं।

सीबीआई का काम (CBI Main Work)

सीबीआई का प्राथमिक कार्य भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, धोखाधड़ी और हाई-प्रोफाइल मामलों जैसे गंभीर और जटिल अपराधों की जांच करना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निहितार्थ वाले अपराधों की जांच के लिए सीबीआई अन्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करती है।

ED क्या है (What Is ED)

प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement) एक कानून प्रवर्तन एजेंसी और आर्थिक खुफिया एजेंसी है, जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराधों से लड़ने के लिए बनाई गई है। यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का हिस्सा है। सीबीआई की तरह ईडी भी केंद्र सरकार के अधीन आती है, विभागीय स्तर पर इसके मुखिया ईडी डायरेक्टर होते हैं।

ईडी का काम (ED Main Work)

प्रवर्तन निदेशालय का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के तीन प्रमुख अधिनियमों के तहत कार्य करना है। यानि कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए), और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA) के अंतर्गत यह काम करती है। प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा उल्लंघन, भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों की जांच और मुकदमा चलाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य काले धन की उत्पत्ति और प्रसार पर अंकुश लगाना और विदेशी मुद्रा और मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम से संबंधित कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।

सीआईडी क्या है (What Is CID)

अपराध जांच विभाग (CID) या अपराध शाखा भारत के राज्य पुलिस विभागों की एक शाखा है, जो अपने-अपने राज्यों में क्राइम की जांच करती है। सीआईडी की कार्यशैली ब्रिटिश पुलिस बलों के आपराधिक जांच विभागों पर आधारित है। यह राज्य पुलिस की विशेष जांच शाखा है और इसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक या अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) रैंक का एक अधिकारी करता है।

CID के कई नाम

पहली CID ब्रिटिश सरकार द्वारा 1902 में बनाई गई थी। कुछ राज्य अपनी सीआईडी इकाइयों के लिए अलग-अलग नामों का उपयोग करते हैं। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में, सीआईडी को अपराध जांच विभाग के रूप में जाना जाता है। असम, बिहार, हरियाणा, उत्तर में प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में इसे आपराधिक जांच विभाग के रूप में जाना जाता है। दिल्ली और केरल में सीआईडी को अपराध शाखा के रूप में जाना जाता है।

सीबीआई, ईडी और सीआईडी में अंतर (Difference Between ED CBI And CID)

  • सीबीआई और ईडी जहां केंद्रीय एजेंसियां हैं, वहीं सीआईडी राज्य की एजेंसी है।
  • सीबीआई हत्या, घोटालों, अपहरण, रेप जैसे अपराधों की जांच करती है।
  • ईडी मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जांच करती है।
  • ईडी को राज्य सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती है।
  • जब सीबीआई को राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है।
  • CBI अपनी जांच और कार्रवाई भारतीय दंड संहिता (CRPC) की तहत ही करती है।
  • जबकि ईडी PMLA, FEOA और FEMA जैसे विशेष कानूनों पर काम करती है।
  • CID राज्य सरकार की शक्तियों के अधीन काम और जांच करती है।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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