क्या है हाइड्रोजन ट्रेन, जिसका आज से जींद-सोनीपत रूट पर शुरू हो रहा ट्रायल? 10 प्वाइंट में जानिए सबकुछ

Hydrogen Train: हाइड्रोजन ट्रेन, अन्य ट्रेनों से इस मायने में अलग है कि यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है, और इसमें एक नया ईंधन स्रोत (हाइड्रोजन) और तकनीक (ईंधन सेल) का उपयोग किया जाता है। भारत कई रूट्स पर हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की तैयारी में है।

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जींद-सोनीपत रूट पर हाइड्रोजन ट्रेन का होगा ट्रायल (फोटो-Copilot)

Hydrogen Train: भारत में आज से हाइड्रोजन ट्रेन का ट्रायल रन शुरू होने जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर हाइड्रोजन ट्रेन का आज से ट्रायल होगा। ट्रायल में सफलता मिलने के बाद सबसे पहले जींद रूट पर ही हाइड्रोजन ट्रेन को चलाया जाएगा, उसके बाद देश के अन्य कई छोटे रूट्स पर इसे चलाया जाएगा। अब सवाल ये है कि ये हाइड्रोजन ट्रेन है क्या, यह बाकी ट्रेनों से कितनी अलग है, क्या इसकी स्पीड सबसे ज्यादा, हाइड्रोजन ट्रेन से भारत को क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं इन तमाम सवालों के जवाब...

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हाइड्रोजन ट्रेन क्या है (What is a hydrogen train)

हाइड्रोजन ट्रेन एक प्रकार की ट्रेन है जो हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक का उपयोग करती है। यह ट्रेन पारंपरिक डीजल या इलेक्ट्रिक ट्रेनों की बजाय हाइड्रोजन गैस को ऊर्जा स्रोत के रूप में इस्तेमाल करती है। हाइड्रोजन ट्रेन में एक हाइड्रोजन ईंधन सेल होता है, जो हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन के रासायनिक प्रतिक्रिया से बिजली पैदा करता है। इस प्रक्रिया में केवल पानी (H₂O) और ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो इसे पर्यावरण के लिए बहुत ही साफ और प्रदूषण-मुक्त बनाती है।

बाकी ट्रेनों से हाइड्रोजन ट्रेन कितनी अलग है (How different is hydrogen train from conventional trains)

हाइड्रोजन ट्रेन, अन्य ट्रेनों से इस मायने में अलग है कि यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है, और इसमें एक नया ईंधन स्रोत (हाइड्रोजन) और तकनीक (ईंधन सेल) का उपयोग किया जाता है। यह पर्यावरण के अनुकूल और भविष्य की टिकाऊ परिवहन प्रणाली की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं डीजल ट्रेन, डीजल इंजन का इस्तेमाल करती है, जिससे प्रदूषण होता है और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है। इलेक्ट्रिक ट्रेन, बिजली से चलती है, लेकिन इसके लिए एक बिजली लाइन या कनेक्शन की जरूरत होती है, जिससे उसे ऊर्जा मिलती है। अगर ट्रैक पर बिजली की आपूर्ति नहीं होती तो यह ट्रेन नहीं चल सकती। डीजल ट्रेन, यह पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है, क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य प्रदूषणकारी गैसों का उत्सर्जन करती है। इलेक्ट्रिक ट्रेन का पर्यावरणीय प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि बिजली कहां से उत्पन्न हो रही है। यदि बिजली को कोयले या अन्य प्रदूषणकारी स्रोतों से उत्पन्न किया जाता है, तो पर्यावरण पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है।

हाइड्रोजन ट्रेन की स्पीड (Speed of hydrogen train)

हाइड्रोजन ट्रेन की स्पीड तेज होती है, भारत में हाइड्रोजन ट्रेन की स्पीड 110 होगी, जो आम पैसेंजर ट्रेनों से ज्यादा होगी। हालांकि यह राजधानी, वंदे भारत और शताब्दी जैसी ट्रेने से कम स्पीड पर दौड़ेगी, लेकिन छोटे रूट्स के लिए हाइड्रोजन ट्रेन की स्पीड के लिहाज से भी काफी तेज होगी, क्योंकि अभी इन रूट्स पर जो ट्रेनें चल रही हैं, उनकी स्पीड काफी कम है।

हाइड्रोजन ट्रेन से भारत को कितना फायदा

हाइड्रोजन ट्रेन से भारत को कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि प्रदूषण में कमी, ऊर्जा की स्वतंत्रता, आर्थिक लाभ, और समग्र परिवहन प्रणाली का सुधार। इसके माध्यम से भारत पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में बड़ा कदम उठा सकता है और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकता है।

  1. प्रदूषण में कमी- भारत में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, विशेष रूप से शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में। हाइड्रोजन ट्रेनों का इस्तेमाल करके प्रदूषण को कम किया जा सकता है, क्योंकि इनमें से केवल पानी का वाष्प निकलता है। ये कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं करती हैं।
  2. ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी- हाइड्रोजन ट्रेनों से भारत के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आ सकती है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेगा। यह भारत की 'नेट जीरो' की ओर बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
  3. हाइड्रोजन उत्पादन के अवसर- भारत में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए सौर, पवन, और जलविद्युत ऊर्जा जैसी नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग किया जा सकता है। इससे भारत अपनी ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भर हो सकता है और विदेशी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम हो सकती है।
  4. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत- भारत को अपने ऊर्जा संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता है, और हाइड्रोजन ट्रेनें उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती हैं।
  5. रखरखाव की कम लागत- हाइड्रोजन ट्रेनें कम रखरखाव वाली होती हैं क्योंकि इनमें आंतरिक दहन इंजन नहीं होते। इससे रेलवे की परिचालन लागत कम हो सकती है।
  6. नवीन उद्योग और रोजगार सृजन:-हाइड्रोजन ट्रेन टेक्नोलॉजी के विकास से नई नौकरियों का सृजन हो सकता है, जैसे कि हाइड्रोजन उत्पादन, स्टोरेज, और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  7. नवीकरणीय ऊर्जा से बढ़ती अर्थव्यवस्था- भारत में हाइड्रोजन उत्पादन के लिए सौर और पवन ऊर्जा के संयोजन से नई नवीकरणीय ऊर्जा इकाइयां स्थापित हो सकती हैं, जो आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देती हैं।
  8. रेल नेटवर्क की आधुनिकता- हाइड्रोजन ट्रेनों का इस्तेमाल रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बना सकता है। विशेष रूप से, उन क्षेत्रों में जहां इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं हो सकता, वहां हाइड्रोजन ट्रेनें एक बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं।
  9. दूरी पर निर्भरता कम- भारत में कई ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन की सुविधा नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में हाइड्रोजन ट्रेनों का उपयोग करके रेलवे सेवाओं को बढ़ाया जा सकता है।
  10. अंतर-क्षेत्रीय कनेक्टिविटी- हाइड्रोजन ट्रेनें विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के बीच बेहतर और स्वच्छ कनेक्टिविटी प्रदान कर सकती हैं, जिससे यात्रा आसान और सस्ती हो सकती है।

भारत में कहां-कहां चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन (Where will the hydrogen train run in India)

भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन-चालित ट्रेन के लिए परीक्षण की शुरुआत की है। 2023 में भारत ने हेरिटेज ट्रेनों और कुछ अन्य मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेन के परीक्षण की योजना बनाई है। रेलवे मंत्रालय का लक्ष्य है कि 2030 तक देश के विभिन्न हिस्सों में हाइड्रोजन ट्रेनों को बड़े पैमाने पर चलाया जाए। इन ट्रेनों का इस्तेमाल उन मार्गों पर किया जाएगा जहां पहले डीजल इंजन का उपयोग किया जाता था और जहां बिजली की आपूर्ति की समस्या है।

हाइड्रोजन ट्रेन को लेकर क्या सोचती है दुनिया (Which countries of the world have hydrogen trains)

कई देशों ने हाइड्रोजन ट्रेन तकनीक को अपनाना शुरू किया है, जैसे कि जर्मनी और जापान, ताकि परिवहन को अधिक पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनाया जा सके। जर्मनी ने Coradia iLint नामक हाइड्रोजन ईंधन-चालित ट्रेन को पेश किया, जो दुनिया की पहली व्यावसायिक हाइड्रोजन ट्रेन है। जापान में हाइड्रोजन ट्रेनों का विकास किया जा रहा है, और यहां हाइड्रोजन ट्रेन के परीक्षण शुरू कर दिए हैं। फ्रांस ने भी हाइड्रोजन ट्रेनों पर काम करना शुरू कर दिया है। यूके ने 2020 में हाइड्रोजन ट्रेन परियोजना के लिए एक बड़ी पहल की घोषणा की। यूके में हाइड्रोजन तकनीक का उपयोग करने के लिए रेलवे नेटवर्क में बदलाव और हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। चीन में भी हाइड्रोजन ट्रेन का विकास हो रहा है।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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