Resolve Tibet Act: क्या है रिजॉल्व तिब्बत एक्ट, जिस पर चीन के खिलाफ आए अमेरिका- भारत ?

Resolve Tibet Act: तिब्बत पर चीन ने बलपूर्वक कब्जा जमा रखा है। जिसे लेकर अब अमेरिका अपनी आंखे दिखाने लगा है। रिजॉल्व तिब्बत एक्ट इसी क्रम में एक अमेरिकी कदम माना जा रहा है।

क्या है रिजॉल्व तिब्बत एक्ट

Resolve Tibet Act: जून 2024 में, अमेरिकी कांग्रेस ने रिजॉल्व तिब्बत एक्ट पारित किया, जिसमें हिमालयी राज्य की स्थिति पर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया गया। इसे अधिनियम बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने होंगे। रिजॉल्व तिब्बत एक्ट नाम का यह बिल तिब्बत पर चीनी कब्जे को नकारता है। बिल कहता है कि अमेरिका, तिब्बत पर चीनी कब्जे को नकारता है, बिल कहता है कि अमेरिका, तिब्बत के साथ खड़ा है और चीन के साथ चल रहे उसके विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में मदद करेगा। अमेरिकी सांसदों का एक प्रतिनिधि मंडल भारत आया और दलाई लामा से मुलाकात की। इसके बाद यह प्रतिनिधि मंडल पीएम मोदी से भी मिला। जाहिर है इससे चीन को मिर्ची लगनी तय थी, सो लगी भी। तिब्बत का मुद्दा एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय फलक पर आ गया है। चीन की विस्तारवादी नीति से उसका हर पड़ोसी परेशान है। ऐसे में तिब्बत के मुद्दे का दोबारा इंटरनेशनल मंच पर आना चीन को काफी खटक रहा है। अमेरिका का रिजॉल्व तिब्बत एक्ट क्या है ये जानेंगे उससे पहले तिब्बत के इतिहास पर एक सरसरी निगाह डाल लेते हैं।

तिब्बत से चीनी छल का इतिहास

दुनिया की छत कहते हैं तिब्बत को। तिब्बत एक आजाद देश के तौर पर सदियों तक स्वतंत्र रहा है। आठवीं शताब्दी में ही बौद्ध धर्म के रंग में तिब्बत रंग चुका था। अंग्रेज हों या तुर्क और अफगान हमलावर, सबने तिब्बत पर हमला किया और नाकाम होकर लौटे। नालंदा विश्वविद्यालय ध्वस्त करने वाला खिलजी भी तिब्बत से युद्ध कर बुरी तरह पराजित हुआ। हालांकि नेपाल के गोरखाओं ने तिब्बत को पराजित कर दिया। दोनों देशों के बीच संधि हुई जिसके अनुसार तिब्बत को हर साल नेपाल को 5 हजार नेपाली रुपये देने पड़ते थे। नेपाल से युद्ध करने के लिए तिब्बत ने पड़ोसी चीन की मदद मांगी। यहीं उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। चीन की सहायता से उसे नेपाल से तो छुटकारा मिल गया लेकिन 1906-07 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया। 1912 में चीन से मांछु शासन का अंत होने के बाद तिब्बत ने पुन: स्वतंत्र राष्ट्र होने की घोषणा कर दी।

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