देश में सिर्फ इसी राज्य में लागू है समान नागरिक संहिता, जानिए क्या है UCC?

आइए जानते हैं क्या है यूसीसी और क्या कहता है संविधान। दिलचस्प ये भी है कि यूसीसी देश के सिर्फ एक राज्य में ही लागू है। कौन सा है ये राज्य जानिए।

Uniform civil code

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) फिर चर्चा में है। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के बाद समान नागरिक संहिता पर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत दो कानूनों पर नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है। इसे लेकर अब विपक्ष तो मोदी सरकार पर हमलावर है ही, मुस्लिम संगठनों ने भी इसके खिलाफ एकजुट होना शुरू कर दिया है। इस विवाद के बीच आइए जानते हैं क्या है यूसीसी और क्या कहता है संविधान। दिलचस्प ये भी है कि यूसीसी देश के सिर्फ एक राज्य में ही लागू है। कौन सा है ये राज्य जानिए।

क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून है। देश में क्रिमिनल कोड तो सबके लिए समान है। आपराधिक मामलों से जुड़े सभी कानून समान हैं, लेकिन संपत्ति, शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सिविल मामलों में अलग-अलग धर्म के लोगों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य धर्मों, रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित निजी कानूनों को सभी के लिए एक समान कानून के साथ बदलना है। सीधे शब्दों में कहें तो इसका उद्देश्य यह है कि देश के सभी नागरिकों के अधिकार समान हैं चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या विचारधारा का हो। निजी कानून मान्य नहीं होंगे।

क्या यूसीसी भारतीय संविधान का हिस्सा है?

समान नागरिक संहिता का जिक्र संविधान के भाग 4 के अनुच्छेद 44 में किया गया है। इसमें कहा गया है- राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। दरअसल, संविधान निर्माताओं ने कल्पना की थी कि देश में एक समान कानून होगा जो विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने के संबंध में हर धर्म के पुराने निजी कानूनों की जगह लेगा।

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