10 प्वांइट में समझिए क्या है अमेरिका का जन्मजात नागरिकता कानून, जिसे ट्रंप ने दिया बदल; अब US का नागरिक बनना आसान नहीं
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के दौरान और जीत के बाद ये साफ कर दिया था कि वो अमेरिका के जन्मजात नागरिकता कानून को बदलेंगे। ताकि अमेरिका में बढ़ती प्रवासियों का संख्या पर रोक लगाई जा सके। ट्रंप के इस फैसले की उनके प्रशंसक जहां तारीफ कर रहे हैं, वहीं कई स्तरों पर इसका विरोध भी हो रहा है।
अमेरिका का जन्मजात नागरिकता कानून को ट्रंप ने बदला
नागरिकता देने के लिए हर देश का एक अपना कानून होता है। बाहर से आए हुए व्यक्ति को कब और कैसे नागरिकता मिलेगी वो उस देश के संविधान के अनुसार होता है। इसी नागरिकता कानून में एक सेक्शन होता है जन्मजात नागरिकता कानून, मतलब अगर किसी देश में किसी बच्चे का जन्म होता है, तो वो स्वत: ही उस देश का नागरिक बन जाता है, भले ही उसके माता-पिता उस देश के नागरिक नहीं हों। अमेरिका ने अब इसी काननू को बदल दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने वादे के अनुसार जन्मजात नागरिकता कानून को बदलते हुए उसमें ऐसे प्रावधान जोड़ दिए हैं, जो किसी भी दूसरे देश के व्यक्ति के लिए पूरा करना काफी मुश्किल होगा। ट्रंप के इस फैसले से कई देशों के उन नागरिकों पर असर पड़ेगा, जो बच्चों के सहारे अमेरिकी नागरिकता की उम्मीद में थे।
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क्या है अमेरिका का जन्मजात नागरिकता कानून
अमेरिका का जन्मजात नागरिकता कानून, जिसे "Jus Soli" (अर्थात भूमि का अधिकार) के रूप में भी जाना जाता है, इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा होता है, तो वह स्वतः ही अमेरिकी नागरिक बन जाता है। यह सिद्धांत अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन में उल्लिखित है, जो 1868 में पारित हुआ था। 14वें संशोधन के तहत, यह प्रावधान किया गया है कि सभी व्यक्ति जो संयुक्त राज्य में जन्मे हैं और वहां के अधिकार क्षेत्र में रहते हैं, वे संयुक्त राज्य के नागरिक होते हैं। यह संशोधन नागरिकता के अधिकारों की रक्षा करता है और किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार देता है, चाहे वह किसी भी नस्ल, जाति या पृष्ठभूमि का हो। इस कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी व्यक्ति, जो अमेरिका में पैदा होता है, उसे नागरिकता का अधिकार मिल सके, किसी के साथ भेदभाव न हो, चाहे उसके माता-पिता किसी भी राष्ट्रीयता के क्यों न हों।
शपथ के बाद आदेश जारी करते हुए ट्रंप
तस्वीर साभार : AP
अब ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता कानून में क्या बदला
ट्रंप की नई नीति के तहत, अमेरिका में जन्मे बच्चों को अब नागरिक के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। उसी बच्चे को जन्माजात नागरिकता कानून के तहत नागरिकता मिलेगी, जिनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिका नागरिक हों।
- कम से कम एक माता-पिता अमेरिकी नागरिक होना चाहिए
- एक कानूनी स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड धारक)
- या अमेरिकी सेना का सदस्य होना चाहिए।
किस-किस पर पड़ेगा ज्यादा असर
अमेरिका में जन्मजात नागरिकता कानून में बदलाव होने से उन देशों के नागरिकों पर काफी असर पड़ेगा, जहां से हर साल नागरिकता की चाहत में लोग अमेरिका जाते हैं। अमेरिका में प्रवासी लोगों के लिए नागरिकता लेने का ये सबसे आसान तरीका है।
अमेरिका में जन्मे बच्चे
- अगर नई नीति लागू होती है, तो वे बच्चे जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे माता-पिता से जन्म लेते हैं, उन्हें स्वचालित नागरिकता का अधिकार नहीं मिलेगा। इससे उन बच्चों के नागरिक अधिकारों पर सीधा असर पड़ेगा।
- अगर माता-पिता अस्थायी वीजा (जैसे छात्र, कार्य, या पर्यटक वीजा) पर अमेरिका में हैं, तो उनके बच्चों को भी जन्मजात नागरिकता का अधिकार नहीं मिलेगा, यदि यह कानून बदलता है।
- जो लोग अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, उनके बच्चों को नागरिकता का अधिकार न मिलने से उन परिवारों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और अन्य सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाना।
- जिनके पास अस्थायी वीजा हैं, उन्हें भी यह महसूस होगा कि उनके बच्चों को नागरिकता का अधिकार नहीं मिलने से उनके अधिकार और अवसर सीमित हो सकते हैं, और वे भविष्य में नागरिकता प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
- अमेरिका में जन्मे बच्चे, जिनके माता-पिता अवैध रूप से प्रवासी हैं, को नागरिकता का अधिकार नहीं मिलने से यह समुदाय आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से अधिक हाशिए पर जा सकता है।
- यदि बच्चों को नागरिकता का अधिकार नहीं मिलता है, तो परिवारों को कठिनाइयां हो सकती हैं, क्योंकि बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है और यह परिवारों के लिए एक बड़ा सामाजिक और मानसिक बोझ बन सकता है।
शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप
तस्वीर साभार : AP
बचा है कोर्ट का रास्ता
ट्रंप ने जिस शक्ति का प्रयोग करके जन्मजात नागरिकता कानून को बदला है, उसे लेकर दावा किया जा रहा है वो इसे बदलने के लिए मान्य नहीं है।दावा किया जा रहा है कि इस प्रकार के बदलाव को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है, क्योंकि 14वें संशोधन के तहत जन्मजात नागरिकता का अधिकार पहले से ही निर्धारित है। ट्रंप का प्रस्ताव संविधान के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ है और उन्हें इसे लागू करने में कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता। इसमें बदलाव संविधान में संशोधन के माध्यम से ही किया जा सकता है, और इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता होगी। अब ट्रंप ने जिस कार्यकारी आदेश (Executive Order) से इसे बदला है, उसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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