महाराष्ट्र में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों का क्या होगा? कांग्रेस ने बना लिया प्लान; जानें सारा माजरा

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके चलते शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने जिस पीडब्ल्यूपी के उम्मीदवार जयंत पाटिल को समर्थन दिया था, वो हार गए। अब कांग्रेस ने उन 7 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है।

Congress Plan for Maharashtra

कांग्रेस ने महाराष्ट्र के लिए बनाया ये खास प्लान।

Congress Plan for Maharashtra: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों रोजाना खेला हो रहा है। लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा और उसके सहयोगियों के साथ खेला हुआ। तो इसके ठीक बाद विधान परिषद चुनाव में शरद पवार के साथ खेला हो गया। सात कांग्रेस विधायकों ने उस चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर दी, जिसके चलते पवार के समर्थन वाली पीडब्ल्यूपी के जयंत पाटिल को हार झेलनी पड़ी। अब कांग्रेस ने इन सातों विधायकों को सबक सिखाने का मन बना लिया है। जिसका ऐलान पार्टी ने किया है, आपको इस लेख में सारा विवाद समझाते हैं।

इस विवाद के चलते कांग्रेस के 7 विधायकों पर होगी कार्रवाई

कहा जाता है कि महाराष्ट्र की सियासत में अगले पल क्या होने वाला है, इसका अंदाजा लगा पाने में बड़े से बड़े राजनीतिक पंडित भी नाकाम हो जाते हैं। विधान परिषद चुनाव में कुछ ऐसा ही हुआ। क्रॉस वोटिंग के चलते नतीजों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जहां महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीट के लिए हुए चुनाव में मतदान के दौरान कांग्रेस के कम से कम सात विधायकों ने पार्टी के निर्देशों की अवहेलना की और क्रॉस वोटिंग की। नतीजा ये हुए कि शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने जिस पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के उम्मीदवार जयंत पाटिल को समर्थन दिया था, वो चुनाव हार गए। अब कांग्रेस ने ये साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में 'क्रॉस-वोट' करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

किन-किन विधायकों ने मतदान के दौरान की थी क्रॉस वोटिंग?

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने महाराष्ट्र विधानपरिषद के द्विवार्षिक चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की है। आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा तथा उसकी चुनाव रणनीतियां तय करने के लिए यहां आयोजित एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, '(महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव में) जिन विधायकों ने ‘क्रॉस वोटिंग’ किया, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और आपको भविष्य में उसका परिणाम नजर आयेगा। अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण (जरूरी) है।' हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने या किन-किन विधायकों ने मतदान के दौरान पार्टी के निर्देश का उल्लंघन किया।
जब वेणुगोपाल से पूछा गया कि क्या असंतुष्ट विधायकों को विधानसभा चुनाव में मौका नहीं दिया जाएगा तो कांग्रेस महासचिव ने कहा , ‘‘आप अपना अनुमान लगा सकते हैं।’’ राज्य में 12 जुलाई को हुए द्विवार्षिक विधानपरिषद चुनाव में सात कांग्रेस विधायकों ने ‘क्रॉस-वोटिंग’ की थी। कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं और उसने अपने प्रत्याशी प्रद्यन सातव के लिए 30 प्रथम वरीयता मत का कोटा तय किया था।

कैसे सामने आया, कांग्रेस के सात विधायकों ने 'क्रॉस वोटिंग' की?

इस चुनाव में मतदान के दौरान कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। 37 विधायकों वाली कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार प्रज्ञा सातव के लिए 30 प्रथम वरीयता के वोटों का कोटा तय किया था और शेष सात वोट सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर को मिलने थे। लेकिन, सातव को 25 और नार्वेकर को 22 प्रथम वरीयता के वोट मिले, जिसका मतलब है कि कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। नतीजा ये हुआ कि भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने लड़ी गई सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) द्वारा समर्थित पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के जयंत पाटिल हार गए।

क्या आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा इसका असर?

जब विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं, तो इसका असर विधान परिषद चुनाव पर पड़ता है। यदि विधायक पाला बदलते हैं तो विधानसभा के गणित पर असर पड़ता है, लेकिन जब विधानसभा चुनाव होते हैं तो अपने उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने का अधिकार जनता के पास होता है। ये समझना आसान हो जाता है कि विधान परिषद चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग का कोई खास असर, विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा।

कैसे रहे महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के नतीजे

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्ताधारी महायुति गठबंधन ने शुक्रवार को राज्य विधान परिषद की 11 में से उन सभी नौ सीट पर जीत दर्ज की जिस पर चुनाव लड़ा था, जबकि महा विकास आघाडी (एमवीए) ने दो सीट पर दर्ज की है। भाजपा ने पांच सीट पर जीत दर्ज की है जबकि दो-दो सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने जीत दर्ज की है। विपक्षी एमवीए की तरफ से शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी मिलिंद नार्वेकर और कांग्रेस उम्मीदवार प्रज्ञा सातव ने जीत दर्ज की है। शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा (एसपी) द्वारा समर्थित पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के उम्मीदवार जयंत पाटिल चुनाव हार गए।

विधान परिषद चुनाव में कौन हारा, कौन जीता?

चुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि विधान परिषद (एमएलसी) के 11 सदस्य 27 जुलाई को अपना छह साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल थी और इसकी वर्तमान ताकत 274 है। प्रत्येक जीतने वाले उम्मीदवार को 23 प्रथम वरीयता वोट के कोटे की आवश्यकता होती है। भाजपा 103 सदस्यों के साथ विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद शिवसेना (38), राकांपा (42), कांग्रेस (37), शिवसेना (यूबीटी) 15 और राकांपा (एसपी) 10 हैं। भाजपा ने पांच उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे, योगेश तिलेकर, परिणय फुके, अमित गोरखे और सदाभाऊ खोत शामिल थे। शिवसेना ने लोकसभा के दो पूर्व सदस्य सशिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर को टिकट दिया था। कांग्रेस ने सातव को एक और कार्यकाल के लिए नामित किया था, जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने नार्वेकर को मैदान में उतारा था। एमवीए के तीसरे घटक राकांपा (एसपी) ने अपना उम्मीदवार उतारने के बजाय पीडब्ल्यूपी के जयंत पाटिल को समर्थन दिया, इन सभी में सिर्फ जयंत पाटिल को हार झेलनी पड़ी।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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