जम्मू क्षेत्र में क्यों बढ़ गए आतंकी हमले, क्या इस बात का फायदा उठा रहे आतंकी?

Terror attacks in Jammu and Kashmir : सुरक्षा बलों ने मंगलवार शाम को छिपे हुए आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के बाद डोडा जिले के ऊंचाई वाले एक वन क्षेत्र के चारों ओर अपनी घेराबंदी कड़ी कर दी। वहीं जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले में सेना के एक गश्ती दल पर घातक हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों की तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष बलों को तैनात किया गया है।

आतंकियों के खिलाफ सेना चला रही तलाशी अभियान। -फाइल पिक्चर

मुख्य बातें
  • कठुआ में हुए आतंकी हमले के बाद सेना बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रही है
  • पूरे इलाके को चारो तरफ से घेर लिया गया है, अभियान में विशेष बल भी शामिल है
  • सोमवार की शाम सेना के काफिले पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया

Terror attacks in Jammu and Kashmir : जम्मू के कठुआ में सोमवार को हुए आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद और पांच जवान घायल हो गए। पिछले कुछ समय में यह देखने में आया है कि आतंकियों ने अपने हमलों की जगह बदल दी है। वे कश्मीर घाटी की जगह अपेक्षाकृत शांत रहने वाले जम्मू इलाके को निशाना बना रहे हैं। बीते सात महीनों में जम्मू-कश्मीर में करीब 10 आतंकी हमले हुए हैं और इनमें से ज्यादा हमले जम्मू इलाके में हुए हैं। कठुआ हमले में शामिल आतंकियों को निष्क्रिय करने के लिए सुरक्षा बल बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं। आतंकवादियों की तलाश का दायरा बढ़ाकर उधमपुर और कठुआ जिलों के बड़े क्षेत्रों तक फैला दिया गया है। यही नहीं इस अभियान में विशेष बलों को शामिल किया गया है।

घाटी में आतंकियों की कमर टूटी

हाल के आतंकी हमलों को देखते हुए रक्षा विशेषज्ञों की ने अपनी राय दी है। उनका मानना है कि कश्मीर घाटी में बीते 10 सालों में सेना के अभियानों में आतंकी और उनके सरगना बड़ी संख्या में मारे गए। ऑपरेशन 'ऑल आउट' जैसे अभियानों ने उनकी कमर तोड़ दी। घाटी में उनके हर तरह के नेटवर्क का करीब-करीब सफाया हो गया और दहशतगर्दी पर बहुत हद तक लगाम लग गया। नियंत्रण रेखा (LoC) पर जवानों की मुस्तैदी से घुसपैठ के प्रयासों पर भी बहुत हद तक रोक लग गया। जानकारों का मानना है कि घाटी में कमजोर हो जाने के पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं ने अपनी रणनीति बदली और जम्मू क्षेत्र पर सुरक्षाबलों पर हमले करने लगे।

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