जब थाने में प्रधानमंत्री से ही मांग लिया घूस, किसान बनकर रिपोर्ट लिखाने पहुंचे थे PM; फिर जो हुआ... पढ़ें दिलचस्प किस्सा

Siyasi Kissa: एक किसान थाने में शिकायत दर्ज कराने जाता है, सिपाही से बातचीत में ये तय होता है कि कुछ पैसे (घूस) का जुगाड़ कर ले तो रिपोर्ट लिख ली जाएगी। सबकुछ लिखने के बाद जब अंगूठा लगाने की बारी आई तो किसान ने जेब में हाथ डाला और मुहर निकालकर काजग पर ठप्पा लगा दिया, उस पर लिखा था- प्रधानमंत्री भारत सरकार।

चौधरी चरण सिंह का वो दिलचस्प किस्सा।

शाम का वक्त... एक परेशान किसान उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के उसराहार थाने पहुंचा। चेहरे पर मायूसी, हाव-भाव से परेशान, किसान ने थाने में घुसते ही हर तरफ अपनी नजरें दौड़ाई, उलझन में था शायद कि किस तरफ जाना है। इतने में ही वो हिचकिचाते हुए हेड कांस्टेबल के पास पहुंचा, जो कुर्सी पर बैठे-बैठे आराम फरमा रहा था। पुलिसवाले ने उस किसान को उपर से नीचे तक देखा, मिट्टी में सने कपड़े, मैली धोती में एक लाचार सा आदमी सामने खड़ा है, जिसके दोनों हाथ खाली हैं और पैरों में चप्पल तक नहीं है। हुलिये से ही समझ आ रहा है कि ये किसान अपनी किसी परेशानी की दुहाई लगाने या शिकायत करने पहुंचा है।

चोरी की शिकायत करने थाने पहुंचा था किसान

'हां, क्या बात हो गई?' हेड कांस्टेबल ने किसान से अकड़ भरे अंदाज में पूछा। इतने में डरते-डरते किसान ने कहा, साहब... मेरठ से आया हूं, अपने एक रिश्तेदार के यहां...। बैल खरीदना था, लेकिन जेबकतरे ने रास्ते में ही जेब काट ली और सारे पैसे चुरा लिए। किसान ने भारी मन से कहा कि इसकी शिकायत लिखाने के लिए वो पुलिस थाने आया है। अभी किसान कुछ और बोलता ही कि कांस्टेबल ने पूछा कि जेब काट की गई है, इसका कोई सबूत है क्या? और बैल खरीदने मेरठ से इतनी दूर क्यों आ गए? ये भी तो हो सकता है कि पैसे कहीं गिरा दिए हों। कांस्टेबल यहीं नहीं रुका उसने बोला कि ऐसा भी तो हो सकता है कि खाने-पीने में पैसे उड़ा दिए और अब चोरी का नाटक कर रहे हो, घरवाले के डर से...। आखिर में उसने बड़े टेढ़े लहजे में कहा कि जाओ, शिकायत नहीं लिखी जाएगी।

मुंशी ने पूछा, 'बाबा, अगूंठा लगाओगे या साइन करोगे?

किसान के चेहरे पर निराशा झलक रही थी, वो इस बात के लिए परेशान हो गया कि अब आगे क्या होगा। पुलिस कांस्टेबल के ऐसे व्यवाहर की कल्पना शायद उसने नहीं की थी, जिसके चलते वो हताश होकर एक किनारे खड़ा हो गया। इतने में ही एक दूसरे सिपाही ने उसे अपने पास बुलाया और दोनों के बीच बातचीत हुई। बातचीत में ये तय हुआ कि अगर शिकायत लिखाने नहीं, तो कुछ पैसों (घूस) का जुगाड़ कर ले। पुलिस के इस ऑफर को परेशान किसान ने स्वीकार कर लिया। थाने में मौजूद मुंशी ने रिपोर्ट लिखनी शुरू की। किसान ने जैसा-जैसा कहा वो लिखता चला गया। शिकायत लिखने के बाद मुंशी ने पूछा, 'बाबा, अगूंठा लगाओगे या साइन करोगे?' किसान ने जवाब देते हुए कहा कि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं, अंगूठा ही लगा पाऊंगा। मुंशी ने कागज और स्याही का पैड किसान की तरफ बढ़ाया। मजबूर दिख रहे इस किसान ने अपना हाथ, जेब में डाला और एक मुहर और कलम लिकाली। जब तक मुंशी कुछ भी समझ पाता, स्याही के पैड पर किसान ने मुहर लगाया और उस कागज पर ठप्पा लगा दिया।

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