अस्पतालों में मरीज और सड़कों पर घर लौटते लोगों की भीड़...जब कोरोना ने बरपाया था कहर, पूरा देश हो गया था ठप

कोरोना वायरस ने न केवल स्वास्थ्य संकट पैदा किया, बल्कि लोगों के जीवन की सामान्य गतिविधियों को भी अस्त-व्यस्त कर दिया। लॉकडाउन, सामाजिक दूरी, मास्क पहनना, हाथ धोने जैसी आदतें जीवन का हिस्सा बन गईं। इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी गहरे संकट में डाल दिया।

covid lockdown.

आज ही के दिन लगा था कोविड लॉकडाउन

आज ही के दिन कोरोना के कहर के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगाने की घोषणा हुई थी। कोरोना का कहर ऐसा टूटा था कि अस्पताल मरीजों से भरे थे, सड़कों पर पैदल घरों की ओर निकले लोगों की भीड़ थी। यह लॉकडाउन सिर्फ भारत में नहीं लगा था, बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों ने लॉकडाउन लगा दिया था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। पूरी दुनिया अपने-अपने घरों में कैद थी। क्या बाजार, क्या यातायात और क्या फैक्ट्रियां सब के सब बंद।

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भारत में कब लगा था लॉकडाउन (When was the lockdown imposed in India)

भारत में, 30 जनवरी 2020 को केरल राज्य में पहला कोविड-19 मामला सामने आया था, जब एक छात्र चीन के वुहान से लौटकर आया था। इसके बाद, भारत में भी कोविड-19 के मामलों में तेज़ी से वृद्धि होने लगी।भारत में लॉकडाउन मार्च 2020 में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू किया गया था। तब 500 केस दर्ज हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। भारत में, 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 21 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था, जो बाद में बढ़ाकर लगभग 2 महीने तक चला। इसी तरह, अन्य देशों में भी मार्च 2020 में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी।

लॉकडाउन में क्या-क्या ठप हो गया था (What was closed during lockdown)

भारत में लॉकडाउन के दौरान कई गतिविधियां और सेवाएं ठप हो गई थीं, क्योंकि सरकार ने COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए सख्त पाबंदियां लागू की थीं। कुछ प्रमुख चीजें जो लॉकडाउन के कारण ठप हो गईं, वे निम्नलिखित थीं:-

यातायात और परिवहन

  • रेल और बस सेवाएं: देशभर में ट्रेन, बस, और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई थीं। लोग अपनी नौकरी या अन्य जरूरी कामों के लिए यात्रा नहीं कर पा रहे थे।
  • अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें: सभी अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू हवाई यात्रा को रोक दिया गया था।
  • सड़क यातायात: कई राज्यों के बीच यात्रा प्रतिबंधित थी, और केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन ही चलने की अनुमति थी।

व्यापार और बाजार

  • शॉपिंग मॉल और दुकाने: अधिकांश गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को बंद कर दिया गया था, जबकि किराना, दवाइयां, और अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली रही थीं।
  • कारखाने और उद्योग: उत्पादन और निर्माण क्षेत्र भी लॉकडाउन से प्रभावित हुए थे। छोटे और बड़े उद्योगों को संचालन बंद करने के लिए मजबूर किया गया था।
  • ऑनलाइन शॉपिंग: हालांकि ऑनलाइन शॉपिंग जारी थी, लेकिन कुछ सेवाओं और उत्पादों की डिलीवरी में भी बाधाएँंआईं, खासकर जब से माल परिवहन पर प्रतिबंध था।

शैक्षिक संस्थान

  • स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय: सभी शैक्षिक संस्थान बंद कर दिए गए थे। छात्रों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए प्रेरित किया गया।

पर्यटन और मनोरंजन

  • पर्यटन स्थल और होटल: पर्यटन स्थल, होटल, रिसॉर्ट और म्यूजियम बंद हो गए थे। पर्यटन उद्योग पर विशेष रूप से बड़ा असर पड़ा था।
  • सिनेमाघर और मनोरंजन स्थल: सभी सिनेमाघर, थियेटर और मनोरंजन स्थल बंद हो गए थे। फिल्म इंडस्ट्री को भी भारी नुकसान हुआ, क्योंकि शूटिंग और रिलीज को स्थगित करना पड़ा।

खेल गतिविधियां

  • सभी बड़े खेल आयोजन जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, और अन्य खेल प्रतियोगिताएं स्थगित कर दी गईं या रद्द कर दी गईं। स्टेडियम और खेल केंद्र भी बंद कर दिए गए थे।

सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां

  • सभी सार्वजनिक कार्यक्रम, जैसे शादी, जन्मदिन पार्टी, धार्मिक समारोह, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई थी। लोग एक-दूसरे से मिलने या सामाजिक रूप से जुड़ने में असमर्थ थे।

कृषि और कृषि उत्पादकता

  • लॉकडाउन के कारण कृषि उत्पादों का परिवहन प्रभावित हुआ। खेतों में काम करने वाले मजदूरों की कमी हो गई, जिससे फसलें समय पर नहीं काटी जा सकीं। हालांकि, सरकार ने आवश्यक सेवाओं में कृषि को प्राथमिकता दी थी।

आय और रोजगार

  • बहुत से लोगों के लिए रोजगार के अवसर बंद हो गए थे, खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग जैसे कि ठेले वाले, छोटे दुकानदार, निर्माण श्रमिक आदि। इससे बेरोजगारी और वित्तीय कठिनाइयां बढ़ गईं।

कोरोना के पहला केस कब आया था (When did the first case of corona come)

31 दिसंबर 2019 को चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि यह इतनी बड़ी महामारी बन जाएगी। यह महामारी न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई, बल्कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्था, सामाजिक जीवन, और सार्वजनिक व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालेगी। जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जनवरी 2020 में चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया, तो स्थिति गंभीर होती जा रही थी, लेकिन कई देशों ने इसके बाद भी इसे पूरी तरह से समझने और आवश्यक कदम उठाने में कुछ समय लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च 2020 को इसे पैन्डेमिक (महामारी) घोषित किया था, और इसके बाद देशों को इस वायरस से लड़ने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनानी पड़ीं।

कितने देशों में लॉकडाउन लगा था (How many countries had lockdown)

कोविड-19 महामारी के दौरान, लगभग 100 से अधिक देशों में लॉकडाउन लगाया गया था। यह लॉकडाउन विभिन्न प्रकार के थे, जिनमें पूर्ण लॉकडाउन, आंशिक लॉकडाउन, और रात्रि कर्फ्यू शामिल थे।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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