ऑपरेशन कैक्टस: मालदीव में जब राष्ट्रपति भवन में दाखिल हुए विद्रोही, भारत ने भेजी सेना, तख्तापलट से बचाया

Operation Cactus : आप जानकर हैरान होंगे कि ब्रिटेन से जब मालदीव आजाद हुआ तो भारत उसे मान्यता देने वाला पहला देश था। इसके बाद से भारत ने मालदीव की मदद कर लगातार उसे स्थिर करने की कोशिश की है। इंफ्रस्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा हर मोर्चे पर भारत ने उसकी मदद की और सहयोग दिया।

1988 में मालदीव में हुई थी तख्तापलट की कोशिश।

Operation Cactus : मालदीव सरकार के मंत्रियों की बदजुबानी के बाद भारत-मालदीव के रिश्तों में तनाव आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और 'बॉयकॉट मालदीव' ट्रेंड होने के बाद मालदीव सरकार 'आग पर पानी' डालने की कोशिश कर रही है। पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणियों का दुष्परिणाम क्या हो सकता है, इसका अहसास उसे होने लगा है। राष्ट्रपति मोइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही गई है। बहरहाल, मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। भारत के लोगों ने अपने पीएम के साथ जिस तरह से एकजुटता दिखाई है और मालदीव को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं, उसे देखने से यही लगता है कि मामला अभी शांत नहीं होने वाला है।

मालदीव को आईना दिखाना जरूरी हो गया

दरअसल, मोइज्जू की चीन के प्रति वफादारी की वजह से भारत-मालदीव के रिश्तों पर आंच आनी शुरू हो गई है। भारत की दरियादिली और दोस्ताना रिश्ते को मोइज्जू ने बेहद हल्के रूप से लिया है। मालदीव को संकट से उबारने एवं उसे तरक्की की राह पर ले जाने के लिए भारत ने अब तक उसे जो सहयोग दिया है और मदद की है, मोइज्जू उसकी 'भरपाई' चीन के साथ नजदीकी बढ़ाकर कर रहे हैं। मदद देने के मामले में भारत की नीति 'नेकी कर और दरिया में डाल' वाली रही है लेकिन जब बात पीएम और देश के स्वभिमान एवं आत्मसम्मान से जुड़ जाए तो आईना दिखाना जरूरी हो जाता है। बीते दशकों में मालदीव कई तरह के संकटों से गुजरा। आर्थिक संकट हो, मानवीय संकट हो या तख्तापलट जैसी साजिश, इन सभी समस्याओं से उसे निजात दिलाने में भारत ने जरा भी देरी नहीं की। हर मोर्चे पर उसका साथ दिया।

हर मोर्चे पर भारत ने दिया साथ

आप जानकर हैरान होंगे कि ब्रिटेन से जब मालदीव आजाद हुआ तो भारत उसे मान्यता देने वाला पहला देश था। इसके बाद से भारत ने मालदीव की मदद कर लगातार उसे स्थिर करने की कोशिश की है। इंफ्रस्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा हर मोर्चे पर भारत ने उसकी मदद की और सहयोग दिया।

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